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Diwali Pooja Time: दोपहर 3.46 से प्रारंभ होगी दीपावली, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन के लिए क्या-क्या है जरूरी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Mon, 20 Oct 2025 06:31 AM IST
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सार
Deepawali 2025: इस वर्ष दीपावली पर्व सम्पूर्ण भारत में कार्तिक कृष्ण अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस खबर में आप जानिए दिवाली पूजन के मुहूर्त और पूजन की सामग्री-

दिवाली के पूजन के लिए सही मुहूर्त
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
Diwali Pujan Muhurat: सबसे बड़ा पर्व दिवाली 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 3 बजकर 46 मिनट से लग जाएगी। 03.46 के बाद ही अपने घर प्रतिष्ठान पर महालक्ष्मी पूजन करना शास्त्र सम्मत और शुभ रहेगा। जबकि पितृ कार्य के लिए अमावस्या तिथि 21 अक्तूबर को रहेगी जो कि मंगलवार शाम 5.56 तक रहेगी। जबकि 22 अक्तूबर बुधवार को गोवर्धन पूजन और 23 अक्तूबर को को भाई दूज रहेगी।

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20 अक्टूबर 2025 को अमावस्या तिथि दोपहर 3.46 से प्रारंभ होगी और 21 अक्तूबर मंगलवार को शाम 5.56 तक ही अमावस्या रहेगी। यह जानकारी बाबा गुमानदेव हनुमान गढ़ी के गादीपति ज्यो पं. चंदन श्यामनारायण व्यास ने दी।
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उन्होंने बताया कि भारत में मनाए जाने वाला सबसे महत्वपूर्व और लोकप्रिय त्यौहार दीपावली है। इस वर्ष दीपावली पर्व सम्पूर्ण भारत में कार्तिक कृष्ण अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 सोमवार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 20 अक्तूबर को अमावस्या तिथि दोपहर 3.46 से प्रारंभ होगी और अगले दिन मंगलवार को शाम 5.56 तक ही अमावस्या रहेगी और इसी दिन सूर्यास्त के साथ ही अमावस्या तिथि समाप्त हो जाएगी। ऐसे में 20 अक्तूबर सोमवार 03.46 के बाद ही अपने घर प्रतिष्ठान पर महालक्ष्मी पूजन करना शास्त्र सम्मत और शुभ रहेगा। जबकि पितृ कार्य के लिए अमावस्या तिथि 21 अक्तूबर को रहेगी जो कि मंगलवार शाम 5.56 तक रहेगी। जबकि 22 अक्तूबर बुधवार को गोवर्धन पूजन और 23 अक्तूबर को को भाई दूज रहेगी।
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दीपावली महालक्ष्मी पूजन का मुहूर्त
20 अक्टूबर 2025 सोमवार को चौघड़िया अनुसार मुहूर्त
दोपहर 3.46 से 4.31 लाभ
दोपहर 04.31 से 5.57 अमृत
सायं 05.57से 07.31 चर
रात्रि 10.38 से 12.11 लाभ
स्थिर लग्न अनुसार
दोपहर 03.46 से 04.13 कुंभ लग्न
सायं 07.24 से 09.23 वृषभ लग्न
मध्य रात्रि 01.53 से 04.05 सिंह लग्न
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पूजन सामग्री
• गणेश-लक्ष्मी जी मूर्ति
• कुबेर यंत्र
• चांदी का सिक्का
• गणेश-लक्ष्मी जी के वस्त्र
• माला
• फूल
• मिट्टी या पीतल का कलश
• कलश का ढक्कन
• आम के पत्ते
• ढक्कन में रखने के लिए चावल या गेहूं
• कमल का फूल
• गुलाब के फूल
• चंदन
• कपूर
• केसर
• यज्ञोपवीत 5
• कुमकुम
• रंगोली बनाने के लिए आटा या अन्य चीजें
• चौकी
• चावल
• अबीर
• सिंदूर
• गुलाल
• हल्दी
• सोलह शृंगार
• रुई
• सुपारी
• पान के पत्ते
• कमलगट्टे
• धनिया साबुत
• हल्दी की गांठ
• सप्तमृत्तिका
• सप्तधान्य
• कुशा और दूर्वा
• पंचमेवा
• गंगाजल
• शहद
• शक्कर
• शुद्ध घी
• दही
• दूध
• गन्ना
• सीताफल
• सिंघाड़े
• फल
• नैवेद्य
• मिठाई
• छोटी इलायची
• लौंग
• मौली
• इत्र की शीशी
• तुलसी दल
• सफेद कपड़ा (आधा मीटर)
• लाल कपड़ा (आधा मीटर)
• पंच रत्न (सामर्थ्य अनुसार)
• दीपक
• अगरबत्ती
• बड़े दीपक के लिए तेल
• मिट्टी के दीपक
• ताम्बूल (लौंग लगा पान का बीड़ा)
• श्रीफल (नारियल)
• लेखनी (कलम)
• बही-खाता, स्याही की दवात
• खील-बताशे
• गट्टे
• मुरमुरे
• चीनी के खिलौने
• अर्घ्य पात्र सहित अन्य सभी पात्र
• जल का पात्र
• 11 घी के दीपक