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Ujjain Police: उज्जैन पुलिस को छोड़कर चला गया ‘नॉटीबॉय’, 31 साल बिना वर्दी की सेवा, भावुक हुए एसपी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Fri, 07 Nov 2025 08:40 AM IST
सार
एसपी प्रदीप शर्मा सहित पुलिस अधिकारियों और जवानों ने पुलिस लाइन में उसका सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया। पुलिस ने घोषणा की है कि ‘नोटीबॉय’ की स्मृति में पुलिस लाइन परिसर में मेमोरियल बनाया जाएगा।
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एसपी ने श्रद्धांजलि दी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
उज्जैन पुलिस लाइन के अश्वरोही दल का अभिन्न हिस्सा रहा अश्व ‘नॉटीबॉय’ अब नहीं रहा। करीब 31 साल तक मध्यप्रदेश पुलिस की सेवा करने वाले इस समर्पित और सेवाभावी घोड़े का गुरुवार को निधन हो गया। एसपी प्रदीप शर्मा ने पुलिस लाइन पहुंचकर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
एसपी शर्मा ने बताया कि 'नोटीबॉय' का पोस्टमॉर्टम कर पुलिस लाइन परिसर में ही सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने कहा की 31 साल उसने हमारे विभाग को सेवा दी है। हम उसके नाम से जल्द ही एक मेमोरियल भी पुलिस लाइन में बनाएंगे। 'नॉटीबॉय' के निधन से पुलिस विभाग में गहरा भावनात्मक माहौल है। साथी जवानों ने उसे अंतिम विदाई देते हुए कहा कि वो सिर्फ घोड़ा नहीं, वर्दी का गर्व और हमारा साथी था।
'नॉटीबॉय'ने पुलिस का गौरव बढ़ाया
'नॉटीबॉय' ने कानून व्यवस्था की ड्यूटी, बाबा महाकाल की सवारी, धार्मिक आयोजनों और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पुलिस का गौरव बढ़ाया। नोटीबॉय ने नेशनल और ऑल इंडिया हॉर्स जंपिंग प्रतियोगिताओं में कई मेडल, जिनमें गोल्ड मेडल भी शामिल हैं, अपने नाम किए थे।
पुलिस लाइन में हुआ अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद 'नॉटीबॉय' घोड़े का पुलिस लाइन परिसर में ही सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस के अधिकारियों के साथ ही पुलिस जवानों की आंखें भी गमगीन थी, क्योंकि वह इस घोड़े को न सिर्फ चाहते थे, बल्कि अपना सच्चा साथी भी मानते थे।
ये भी पढ़ें- वंदे मातरम @150 अभियान: प्रदेश में भोपाल सहित 10 संभागों एवं 10 विशेष स्थानों पर होंगे आयोजन
कई बार बढ़ाया उज्जैन का मान
बताया जाता है कि 'नॉटीबॉय' काम करने में जितना अच्छा था उतना ही अनुशासन और समर्पण की मिसाल भी था। 'नॉटीबॉय' ने राष्ट्रीय और ऑल इंडिया हॉर्स जंपिंग प्रतियोगिताओं में कई पदक जिसमें गोल्ड और सिल्वर भी जीते थे और अपनी उपलब्धियां से उज्जैन का नाम कई बार गौरवान्वित किया था।
यह होता है अश्वरोही दल का काम
अश्वारोही दल (घुड़सवार पुलिस दल) मुख्य रूप से कानून और व्यवस्था बनाए रखने जैसे भीड़ नियंत्रण करने बड़े आयोजनों की निगरानी करने जैसे काम करता है। इसके माध्यम से ऊंचे और बड़े आयोजनों के दौरान बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है। जबकि यह काम साधारण पुलिसकर्मी घोड़े के बिना नहीं कर सकता है। उज्जैन में अश्वारोही दल मुख्य रूप से महाकाल सवारी, धार्मिक जुलूसों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी अपनी सेवाएं देते हैं। 'नॉटीबॉय' ने कुल 31 वर्षों तक पूरे प्रदेश में अपनी सेवाएं दी हैं।
हो रही सराहना
'नॉटीबॉय' के अंतिम संस्कार में उज्जैन पुलिस ने जिस तरीके से इस घोड़े के द्वारा किए गए कार्यों को सराहा उसकी पूरे शहर में सराहना हो रही है। पुलिस ने 'नॉटीबॉय' घोड़े का अंतिम संस्कार किए जाने के साथ ही उसका मेमोरियल बनाने की बात कही है। पुलिस के मन में 'नॉटीबॉय' के प्रति प्रेम झलकता है।
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एसपी शर्मा ने बताया कि 'नोटीबॉय' का पोस्टमॉर्टम कर पुलिस लाइन परिसर में ही सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। उन्होंने कहा की 31 साल उसने हमारे विभाग को सेवा दी है। हम उसके नाम से जल्द ही एक मेमोरियल भी पुलिस लाइन में बनाएंगे। 'नॉटीबॉय' के निधन से पुलिस विभाग में गहरा भावनात्मक माहौल है। साथी जवानों ने उसे अंतिम विदाई देते हुए कहा कि वो सिर्फ घोड़ा नहीं, वर्दी का गर्व और हमारा साथी था।
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'नॉटीबॉय'ने पुलिस का गौरव बढ़ाया
'नॉटीबॉय' ने कानून व्यवस्था की ड्यूटी, बाबा महाकाल की सवारी, धार्मिक आयोजनों और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में पुलिस का गौरव बढ़ाया। नोटीबॉय ने नेशनल और ऑल इंडिया हॉर्स जंपिंग प्रतियोगिताओं में कई मेडल, जिनमें गोल्ड मेडल भी शामिल हैं, अपने नाम किए थे।
पुलिस लाइन में हुआ अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद 'नॉटीबॉय' घोड़े का पुलिस लाइन परिसर में ही सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पुलिस के अधिकारियों के साथ ही पुलिस जवानों की आंखें भी गमगीन थी, क्योंकि वह इस घोड़े को न सिर्फ चाहते थे, बल्कि अपना सच्चा साथी भी मानते थे।
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बताया जाता है कि 'नॉटीबॉय' काम करने में जितना अच्छा था उतना ही अनुशासन और समर्पण की मिसाल भी था। 'नॉटीबॉय' ने राष्ट्रीय और ऑल इंडिया हॉर्स जंपिंग प्रतियोगिताओं में कई पदक जिसमें गोल्ड और सिल्वर भी जीते थे और अपनी उपलब्धियां से उज्जैन का नाम कई बार गौरवान्वित किया था।
यह होता है अश्वरोही दल का काम
अश्वारोही दल (घुड़सवार पुलिस दल) मुख्य रूप से कानून और व्यवस्था बनाए रखने जैसे भीड़ नियंत्रण करने बड़े आयोजनों की निगरानी करने जैसे काम करता है। इसके माध्यम से ऊंचे और बड़े आयोजनों के दौरान बेहतर तरीके से निगरानी रखी जा सकती है। जबकि यह काम साधारण पुलिसकर्मी घोड़े के बिना नहीं कर सकता है। उज्जैन में अश्वारोही दल मुख्य रूप से महाकाल सवारी, धार्मिक जुलूसों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भी अपनी सेवाएं देते हैं। 'नॉटीबॉय' ने कुल 31 वर्षों तक पूरे प्रदेश में अपनी सेवाएं दी हैं।
हो रही सराहना
'नॉटीबॉय' के अंतिम संस्कार में उज्जैन पुलिस ने जिस तरीके से इस घोड़े के द्वारा किए गए कार्यों को सराहा उसकी पूरे शहर में सराहना हो रही है। पुलिस ने 'नॉटीबॉय' घोड़े का अंतिम संस्कार किए जाने के साथ ही उसका मेमोरियल बनाने की बात कही है। पुलिस के मन में 'नॉटीबॉय' के प्रति प्रेम झलकता है।
एसपी ने भी श्रद्धांजलि दी