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Year Ender 2025: महाकाल के खजाने में 15 करोड़ की वृद्धि, चांदी से चमका भंडार; जानें 2025 में कितनी चढ़ी भेंट
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उज्जैन
Published by: उज्जैन ब्यूरो
Updated Mon, 29 Dec 2025 02:29 PM IST
सार
साल 2025 में विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं और दान दोनों के नए रिकॉर्ड बने। 5.5 करोड़ भक्तों ने दर्शन किए और 107 करोड़ रुपये से अधिक दान मिला। महाकाल महालोक बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या और आय में लगातार बढ़ोतरी हुई है।
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बाबा महाकाल दरबार।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर साल 2025 मे भी देश-विदेश के आस्थावानों का प्रमुख केंद्र रहा। एक जनवरी 2025 से अब तक 5.5 करोड़ दर्शनार्थियों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। इसी के साथ मंदिर में 100 करोड़ रुपये से अधिक का दान भी आया। करीब 13 करोड़ रुपये का सोना-चांदी भी भेंट के रूप में प्राप्त हुआ है। कुल मिलाकर यह गत वर्ष की तुलना में अधिक है। बीते वर्ष 92 करोड़ रुपये दान के रूप में प्राप्त हुए थे।
12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल का धाम लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है। वर्ष 2025 में बाबा महाकाल के धाम में धन वर्षा का हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है। एक अरब रुपये से अधिक का दान मंदिर समिति को वर्ष भर में अलग-अलग माध्यमों से मिला है। मंदिर समिति के अनुसार एक जनवरी 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक 5.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने साल भर में यह दान राशि अलग-अलग माध्यमों से दी है। प्रत्येक वर्ष श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के द्वारा यह आंकड़ा मंदिर समिति द्वारा जारी किया जाता है। महाकाल महालोक बनने के बाद से लगातार दान में भी बढ़ोतरी हुई है। यह सभी दान राशि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुविधा सुगम दर्शन व्यवस्थाओं में उपयोग में ली जाती है।
मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया की साल भर में जो सावन का महीना था। उसी में लगभग 30 करोड़ का दान मंदिर समिति को मिला है। जिससे समझ में आता है कि प्रत्येक वर्ष दान राशि मंदिर में बढ़ रही है, क्योंकि पिछले वर्ष सावन के महीने में यह आंकड़ा 21-22 करोड़ का था। ऐसे में साल भर का जो आंकड़ा आया है। वह वाकई हैरान करता है। मंदिर समिति इसी दान राशि से अपनी तमाम व्यवस्थाओं को संचालित करती है। पिछले साल 2024 में जो दान राशि थी, वह लगभग 92 करोड़ रुपये की थी इस बार अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में 15 करोड़ अधिक दान मिला है। यानि इस बार 1 अरब 07 करोड़ 93 लाख है।
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 11 महीने 15 दिनों में कुल 107 करोड़ 93 लाख की आय दान पेटी और शीघ्र दर्शन, आभूषणों के माध्यम से हुई है। जिसमें 592.366 किलो चांदी, 1483.621 ग्राम सोना, जिनकी कीमत लगभग 13 करोड़ से अधिक है। साल भर में अभी 2 दिन शेष है, ऐसे में उम्मीद है कि यह आंकड़ा और बढ़ेगा। प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया की 2025 में 1483.621 ग्राम सोना जो 2024 में 1533 ग्राम था, 592.366 ग्राम चांदी 2025 में जो 2024 में 399 किलो थी। यानी इस वर्ष चांदी का दान ज्यादा मिला है। 13 करोड़ से अधिक के आभूषण हैं। ऐसे ही नकद राशि 43 करोड़ 43 लाख, शीघ्र दर्शन से 64 करोड़ 50 लाख की राशि मिली है।
ये भी पढ़ें- भोपाल पुलिस की 'सर्जिकल स्ट्राइक', बैकअप टीम ने तोड़ी ईरानी गैंग की बाड़ेबंदी, 34 अपराधी गिरफ्तार
महाकाल महालोक बनने के बाद बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक बनने और अक्तूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसका लोकार्पण करने के बाद से ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है। पहले मंदिर में रोजाना 35 से 40 हजार श्रद्धालु आते थे। श्री महाकाल महालोक के बाद संख्या 80 हजार से एक लाख प्रतिदिन पहुंच गई। पर्व त्योहार जैसे श्रावण सोमवार, महाशिवरात्रि आदि पर ये संख्या दो लाख के पार हो जाती है। अनुमान है कि आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी।
एक नजर इस साल के आंकड़ों पर
क्या शामिल क्या नहीं....?
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि 1 अरब से अधिक के दान में शीघ्र दर्शन, दान पेटी, लड्डू प्रसादी, नगद और आभूषणों को जोड़ा गया है। दान राशि में भस्म आरती बुकिंग, अभिषेक पूजन, अन्न क्षेत्र, धर्मशाला बुकिंग, फोटोग्राफी मासिक शुल्क, भांग एवं ध्वज बुकिंग उज्जैन दर्शन बस सेवा से होने वाली आय को शामिल नहीं किया गया है।
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12 ज्योतिर्लिंग में से एक बाबा महाकाल का धाम लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का खास केंद्र है। वर्ष 2025 में बाबा महाकाल के धाम में धन वर्षा का हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है। एक अरब रुपये से अधिक का दान मंदिर समिति को वर्ष भर में अलग-अलग माध्यमों से मिला है। मंदिर समिति के अनुसार एक जनवरी 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक 5.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने साल भर में यह दान राशि अलग-अलग माध्यमों से दी है। प्रत्येक वर्ष श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के द्वारा यह आंकड़ा मंदिर समिति द्वारा जारी किया जाता है। महाकाल महालोक बनने के बाद से लगातार दान में भी बढ़ोतरी हुई है। यह सभी दान राशि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुविधा सुगम दर्शन व्यवस्थाओं में उपयोग में ली जाती है।
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मंदिर समिति अध्यक्ष और कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया की साल भर में जो सावन का महीना था। उसी में लगभग 30 करोड़ का दान मंदिर समिति को मिला है। जिससे समझ में आता है कि प्रत्येक वर्ष दान राशि मंदिर में बढ़ रही है, क्योंकि पिछले वर्ष सावन के महीने में यह आंकड़ा 21-22 करोड़ का था। ऐसे में साल भर का जो आंकड़ा आया है। वह वाकई हैरान करता है। मंदिर समिति इसी दान राशि से अपनी तमाम व्यवस्थाओं को संचालित करती है। पिछले साल 2024 में जो दान राशि थी, वह लगभग 92 करोड़ रुपये की थी इस बार अधिक है। पिछले वर्ष की तुलना में 15 करोड़ अधिक दान मिला है। यानि इस बार 1 अरब 07 करोड़ 93 लाख है।
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि बीते 11 महीने 15 दिनों में कुल 107 करोड़ 93 लाख की आय दान पेटी और शीघ्र दर्शन, आभूषणों के माध्यम से हुई है। जिसमें 592.366 किलो चांदी, 1483.621 ग्राम सोना, जिनकी कीमत लगभग 13 करोड़ से अधिक है। साल भर में अभी 2 दिन शेष है, ऐसे में उम्मीद है कि यह आंकड़ा और बढ़ेगा। प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया की 2025 में 1483.621 ग्राम सोना जो 2024 में 1533 ग्राम था, 592.366 ग्राम चांदी 2025 में जो 2024 में 399 किलो थी। यानी इस वर्ष चांदी का दान ज्यादा मिला है। 13 करोड़ से अधिक के आभूषण हैं। ऐसे ही नकद राशि 43 करोड़ 43 लाख, शीघ्र दर्शन से 64 करोड़ 50 लाख की राशि मिली है।
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महाकाल महालोक बनने के बाद बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या
महाकाल मंदिर में श्री महाकाल महालोक बनने और अक्तूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इसका लोकार्पण करने के बाद से ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ी है। पहले मंदिर में रोजाना 35 से 40 हजार श्रद्धालु आते थे। श्री महाकाल महालोक के बाद संख्या 80 हजार से एक लाख प्रतिदिन पहुंच गई। पर्व त्योहार जैसे श्रावण सोमवार, महाशिवरात्रि आदि पर ये संख्या दो लाख के पार हो जाती है। अनुमान है कि आने वाले समय में यह संख्या और बढ़ेगी।
एक नजर इस साल के आंकड़ों पर
- 5.5 करोड़ दर्शनार्थियों ने किए महाकाल दर्शन।
- 43 करोड़ रुपये विभिन्न दानपेटियों से भेंट के रूप में प्राप्त हुए।
- 64 करोड़ रुपये शीघ्र दर्शन व्यवस्था (टिकट) से मंदिर समिति को प्राप्त हुए।
- 13 करोड़ रुपये का सोना-चांदी भी भेंट स्वरूप मंदिर को मिला है।
क्या शामिल क्या नहीं....?
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक ने बताया कि 1 अरब से अधिक के दान में शीघ्र दर्शन, दान पेटी, लड्डू प्रसादी, नगद और आभूषणों को जोड़ा गया है। दान राशि में भस्म आरती बुकिंग, अभिषेक पूजन, अन्न क्षेत्र, धर्मशाला बुकिंग, फोटोग्राफी मासिक शुल्क, भांग एवं ध्वज बुकिंग उज्जैन दर्शन बस सेवा से होने वाली आय को शामिल नहीं किया गया है।

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