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MP News: बिजावर जनपद CEO समेत चार पर गिरी गाज, 13.26 लाख रुपये की वसूली का नोटिस, जानें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: छतरपुर ब्यूरो Updated Mon, 29 Dec 2025 08:03 AM IST
सार

बिजावर जनपद पंचायत में नंदन फलोद्यान कार्यों में बिना जमीनी काम फर्जी भुगतान का मामला सामने आया। जिला पंचायत सीईओ नम: शिवाय अरजरिया ने जनपद सीईओ अंजना नागर सहित चार अधिकारियों को दोषी मानते हुए 13.26 लाख की वसूली के नोटिस जारी किए हैं।

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Chhatarpur News: Rs 13.26 lakh will be recovered from four culprits, including the Bijawar Janpad CEO.
बिजावर जनपद सीईओ समेत चार पर कार्रवाई। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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जिले में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी नम: शिवाय अरजरिया ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई को अंजाम दिया है। जनपद पंचायत बिजावर की मुख्य कार्यपालन अधिकारी अंजना नागर सहित चार अधिकारियों और कर्मचारियों को सरकारी धन के गबन का दोषी पाया गया है। उनसे 13.26 लाख रुपये की सामूहिक वसूली के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
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मामला जनपद पंचायत बिजावर की ग्राम पंचायत अनगौर के अंतर्गत नंदन फलोद्यान कार्यों में बरती गई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है, जहां बिना किसी जमीनी कार्य और बिना सरपंच-सचिव के हस्ताक्षरों के फर्जी तरीके से सरकारी राशि का भुगतान कर दिया गया था। घोटाले का खुलासा तब हुआ जब सहायक लेखाधिकारी द्वारा फर्जी मटेरियल लिस्ट और एफटीओ जारी करने की शिकायत प्राप्त हुई।
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मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पंचायत सीईओ द्वारा कार्यपालन यंत्री सलिल सिंह और राजनगर जनपद सीईओ राकेश शुक्ला का एक विशेष जांच दल गठित किया गया था। जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ग्राम पंचायत अनगौर के 11 हितग्राहियों के लिए स्वीकृत नंदन फलोद्यान कार्यों में सामग्री का भुगतान बिना सहायक यंत्री के माप सत्यापन और देयक प्रमाणीकरण के ही कर दिया गया। अभिलेखों के निरीक्षण में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि सामग्री भुगतान के देयकों पर न तो सरपंच के हस्ताक्षर थे और न ही सचिव के, बल्कि केवल रोजगार सहायक और उपयंत्री के हस्ताक्षरों के आधार पर राशि निकाल ली गई।

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जांच के दौरान सबसे गंभीर लापरवाही यह उजागर हुई कि बिजावर जनपद सीईओ अंजना नागर ने स्वयं जून 2025 में एक नोटिस जारी कर स्वीकार किया था कि मौके पर कोई पौधरोपण कार्य मौजूद नहीं है। इसके बावजूद और ग्राम पंचायत सचिव द्वारा एफटीओ निरस्त करने के लिए दिए गए लिखित आवेदन को दरकिनार करते हुए, अगस्त माह में 13.26 लाख रुपये का अवैध भुगतान सुनिश्चित किया गया। इस कृत्य के लिए अंजना नागर के साथ-साथ सहायक लेखाधिकारी दिलीप गुप्ता, उपयंत्री विकास श्रीवास्तव और ग्राम रोजगार सहायक राकेश मिश्रा को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया है।

जिला पंचायत सीईओ ने मध्य प्रदेश पंचायत अधिनियम 1993 की धारा 89 के तहत इन चारों दोषियों से समान अनुपात में 3.315 लाख रुपये प्रति व्यक्ति की वसूली हेतु नोटिस जारी कर दिए हैं और इस प्रकरण की अगली सुनवाई के लिए 06 जनवरी 2026 की तिथि नियत की है।

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