Umaria News: रिहायशी इलाकों के करीब पहुंचा जंगली हाथियों का झुंड, ग्रामीणों में दहशत, वन विभाग कर रहा अलर्ट
उमरिया के अमहा गांव व आसपास के जंगलों में 12 हाथियों का झुंड देखा गया, जिससे ग्रामीणों में दहशत है। वन विभाग टीम लगातार हाथियों को बांधवगढ़ रिजर्व की ओर खदेड़ने में जुटी है। विशेषज्ञों के अनुसार भोजन-पानी की कमी से हाथी रिहायशी क्षेत्रों की ओर आते हैं। अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ।
विस्तार
उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली जनपद अंतर्गत ग्राम अमहा गांव के जंगल के नजदीक इन दिनों जंगली हाथियों का झुंड देखा जा रहा है। हाथियों के आने की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है, हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक हाथियों ने किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया है। वन विभाग पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और हाथियों को सुरक्षित रूप से जंगल की ओर खदेड़ने की कार्रवाई की जा रही है।
बेली जमुहाई के जंगल में दिखा झुंड
ग्रामीणों के मुताबिक बीती रात बेली जमुहाई के जंगलों में करीब 12 हाथियों का झुंड दिखाई दिया था। बताया जाता है कि इस झुंड में एक हाथी का बच्चा भी शामिल है। हाथी दो अलग-अलग गुटों में बंटकर जंगल में विचरण कर रहे हैं। अचानक इतने बड़े समूह का रिहायसी क्षेत्र के पास पहुंचना लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
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रिहायशी इलाकों की तरफ बढ़ रहा मूवमेंट
पाली रेंजर सचिन कांति ने जानकारी दी कि हाथियों का मूवमेंट लगातार रिहायशी इलाकों की ओर देखा जा रहा है। विभाग की टीम उन्हें बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के जंगलों की तरफ भेजने का प्रयास कर रही है। रेंजर ने बताया कि हाथियों का यह झुंड ज्यादातर रात के समय ही विचरण करता है और बीते दिनों भी इन्हें रिहायशी बस्तियों की तरफ जाते देखा गया था। तब वन विभाग की टीम ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें जंगल की ओर खदेड़ा था। लेकिन यह झुंड फिर से आबादी वाले क्षेत्र की तरफ लौट आया है।
ग्रामीणों को दी गई चेतावनी
रेंजर सचिन कांति ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे हाथियों के झुंड से पूरी तरह दूर रहें और रात के समय घर से बाहर निकलने से बचें। उन्होंने कहा कि हाथी शांत स्वभाव के होते हैं, लेकिन अचानक घबराहट या उकसावे की स्थिति में हमला कर सकते हैं। इसलिए ग्रामीण सतर्क रहें और हाथियों को देखने पर तुरंत वन विभाग को सूचना दें।
क्यों बढ़ रहा है इंसानों और हाथियों का टकराव?
विशेषज्ञों का मानना है कि जंगलों में भोजन और पानी की कमी के कारण हाथी अक्सर रिहायसी क्षेत्रों की तरफ बढ़ आते हैं। खेतों में लगी फसलें और गांवों के पास मौजूद जलस्रोत हाथियों को आकर्षित करते हैं। यही वजह है कि आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं, जब हाथियों का झुंड गांवों के नजदीक आ पहुंचता है।
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बांधवगढ़ क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी
गौरतलब है कि पिछले कुछ वर्षों से बांधवगढ़ और आसपास के जंगलों में हाथियों की आवाजाही बढ़ी है। छत्तीसगढ़ की ओर से आए हाथियों के कई झुंड यहां डेरा डाले हुए हैं। विभाग लगातार कोशिश कर रहा है कि इन हाथियों को जंगल के गहरे हिस्सों में ही रोका जाए, ताकि इंसानों और जानवरों के बीच टकराव की स्थिति न बने।
वन विभाग की रणनीति
वन विभाग की टीमें लगातार हाथियों की लोकेशन ट्रैक कर रही हैं। जहां भी हाथियों का झुंड दिखाई देता है, वहां तुरंत फॉरेस्ट गार्ड और कर्मचारी पहुंचकर ग्रामीणों को सतर्क करते हैं। जरूरत पड़ने पर ढोल-नगाड़ों और मशालों की मदद से हाथियों को आबादी से दूर खदेड़ा जाता है। विभाग का कहना है कि इस बार भी हाथियों को सुरक्षित तरीके से बांधवगढ़ रिजर्व की ओर ले जाने की कोशिश जारी है।
ग्रामीणों में दहशत, पर सतर्कता भी
अमहा और आसपास के गांवों के लोग हाथियों की मौजूदगी से डरे हुए हैं। रात में खेतों की रखवाली करने वाले किसान अब सतर्कता बरत रहे हैं। कई जगह लोग समूह में पहरा दे रहे हैं ताकि अचानक हाथियों के आने पर वे एक-दूसरे को सूचित कर सकें। हालांकि, अभी तक किसी भी तरह की जान-माल की हानि की खबर नहीं है।
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