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Umaria News: जर्जर स्कूल भवन बना खतरा, प्लास्टर गिरने से छात्र घायल; शिक्षा विभाग की लापरवाही फिर उजागर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उमरिया Published by: उमरिया ब्यूरो Updated Fri, 08 Aug 2025 08:25 AM IST
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Dilapidated school building poses a danger, student injured due to falling plaster
घायल बच्चा और छत का टूटा प्लास्टर - फोटो : अमर उजाला
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मुख्यालय से सटे कोयलारी गांव के शासकीय प्राथमिक विद्यालय में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हो गया। विद्यालय की छत से अचानक प्लास्टर गिरने से सात वर्षीय मासूम छात्र गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल छात्र को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है। घटना के बाद स्कूल परिसर में अफरा-तफरी मच गई। शिक्षकों ने तत्परता दिखाते हुए अन्य बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।
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यह कोई पहली घटना नहीं है जो जिले की जर्जर स्कूल बिल्डिंगों की हालत को बयां करती हो। जिले में 25 से 35 साल पुराने सैकड़ों स्कूल भवन ऐसे हैं, जिनकी छतों में दरारें हैं, दीवारें कमजोर हो चुकी हैं, और कई स्थानों पर प्लास्टर झड़ रहा है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग ने इन भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई।
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शिक्षा विभाग की घोर लापरवाही
स्कूलों की जर्जर स्थिति को लेकर न केवल ग्रामीण अभिभावक चिंतित हैं, बल्कि मीडिया भी लंबे समय से लगातार इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाता रहा है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारियों की उदासीनता बरकरार है। विभागीय लापरवाही का ताजा उदाहरण कोयलारी का यह हादसा है, जिसमें एक मासूम छात्र को जान गंवाने जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा।

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हर दिन बच्चों की जान जोखिम में
कोयलारी की यह घटना पूरे जिले के उन सैकड़ों बच्चों के भविष्य और सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाती है, जो रोज ऐसे जर्जर स्कूल भवनों में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। हर दिन बच्चे मौत के साये में स्कूल आते हैं, लेकिन शासन-प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से इन खतरनाक भवनों को लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।

जिला शिक्षा अधिकारी अनजान!
सबसे हैरानी की बात तो तब सामने आई जब इस हादसे को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी आर.एस. मरावी से प्रतिक्रिया मांगी गई। उन्होंने घटना की जानकारी से इनकार करते हुए सिर्फ इतना कहा मैं बोलता हूं बीआरसी को। यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि जिले के सबसे बड़े शिक्षा अधिकारी को क्षेत्र में घट रही गंभीर घटनाओं की भी जानकारी नहीं होती।

जनता और अभिभावकों में आक्रोश
इस घटना के बाद कोयलारी गांव में अभिभावकों और ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा है। लोगों का कहना है कि जब तक किसी की जान नहीं जाती, तब तक शिक्षा विभाग आंखें बंद रखता है। कई बार आवेदन, शिकायतें और खबरें प्रकाशित होने के बावजूद विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती।
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