Umaria News: बांधवगढ़ के बाघों की सुरक्षा में ‘जिनी’ बना प्रहरी, अब तक 248 अपराधियों को पहुंचाया जेल
उमरिया स्थित बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और आसपास के जिलों में तैनात बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल का खोजी डॉग 'जिनी' वन्यजीव अपराधों की रोकथाम में अहम भूमिका निभा रहा है।
विस्तार
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व सहित प्रदेश के कई वन क्षेत्रों में वन्यप्राणियों की सुरक्षा अब और भी सख्त हो गई है, और इसका श्रेय जाता है बेल्जियन मैलिनोइस नस्ल के खोजी डॉग 'जिनी' को। शहडोल वन वृत्त में तैनात यह डॉग अपनी तेज़ सूंघने की क्षमता, फुर्ती और विश्लेषणात्मक समझ के कारण न केवल बांधवगढ़, बल्कि आसपास के जिलों में भी वन अपराधियों के लिए खौफ का नाम बन चुका है।
भोपाल में हुआ था प्रशिक्षण, अब तक कई मामलों का किया खुलासा
जिनी की ट्रेनिंग 15 अप्रैल 2019 को भोपाल में शुरू हुई थी, जो 14 जनवरी 2020 को पूरी हुई। इसके बाद से जिनी शहडोल दक्षिण वन मंडल में सक्रिय है। डीएफओ श्रद्धा पेंन्द्रे के अनुसार, जिनी की कार्यशैली अनुशासित और बेहद कुशल है। फरवरी 2025 से वह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तैनात है, जहां पूर्व में तैनात डॉग के अनफिट होने के बाद इसकी सेवाएं ली जा रही हैं।
66 मामलों में सफलता, 248 अपराधियों की गिरफ्तारी
2020 से 2025 के बीच जिनी ने कुल 121 मामलों में से 66 में सीधी सफलता दिलाई है। इनमें अब तक 248 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
- 2020: 10 मामले सुलझाए, 53 गिरफ्तार
- 2021: 8 मामले सुलझाए, 22 गिरफ्तार
- 2022: 10 मामले सुलझाए, 31 गिरफ्तार
- 2023: 17 मामले सुलझाए, 78 गिरफ्तार
- 2024: 19 मामले सुलझाए, 61 गिरफ्तार
- 2025 (अब तक): 2 मामले सुलझाए, 3 गिरफ्तार
टाइगर, तेंदुआ, पेंगोलिन से जुड़े अपराधों की जांच में उपयोगी
जिनी अब तक बाघ, तेंदुआ, भालू, हाथी, पेंगोलिन, जंगली सुअर, चीतल, नीलगाय और बायसन से जुड़े अपराधों की जांच में उपयोगी साबित हुआ है। इसके अलावा इसने 17 शिकार प्रयासों को विफल किया है और तीन सर्च ऑपरेशन में भाग लिया है।
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राज्य स्तरीय पुरस्कार भी जीते
जिनी को वर्ष 2023 और 2025 के एनुअल डॉग स्क्वॉड रिफ्रेशर कोर्स में प्रथम स्थान मिला है, जो इसकी दक्षता और उच्च स्तरीय ट्रेनिंग को दर्शाता है। इसके कारण जिनी को पूरे प्रदेश में विशेष पहचान और सम्मान प्राप्त हुआ है।
बेल्जियन मैलिनोइस: बहादुर और बुद्धिमान नस्ल
बेल्जियम मूल की यह नस्ल तेज़ दिमाग, फुर्ती और वफादारी के लिए जानी जाती है। यही कारण है कि सेना, पुलिस और वन विभाग जैसे सुरक्षा बलों में इसकी मांग बनी रहती है। जिनी भी इस नस्ल की श्रेष्ठता का उदाहरण बन चुका है।
वन विभाग की मजबूत कड़ी बना जिनी
बांधवगढ़ सहित पूरे प्रदेश में वन्यजीव अपराधों पर लगाम लगाने में जिनी एक प्रभावी हथियार बन गया है। केवल खोजी डॉग ही नहीं, जिनी अब वन विभाग की सुरक्षा प्रणाली का अहम हिस्सा बन चुका है। आने वाले वर्षों में जिनी जैसे प्रशिक्षित डॉग्स की भूमिका वन्यजीव संरक्षण में और भी महत्वपूर्ण होती जाएगी।

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