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GST on Vehicles: जीएसटी में देरी हुई तो फीकी पड़ सकती है ऑटो सेक्टर की त्योहारों की बिक्री, डीलर्स की चेतावनी
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 25 Aug 2025 08:53 PM IST
सार
भारत के ऑटो डीलर्स ने चेतावनी दी है कि अगर जीएसटी सुधार में देरी हुई तो त्योहारी सीजन की कार और टू-व्हीलर बिक्री पर बुरा असर पड़ सकता है। फाडा ने सरकार से जल्दी जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलाने की अपील की है ताकि ग्राहकों की अनिश्चितता दूर हो और बिक्री सुरक्षित रहे।
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- फोटो : AI
भारत के ऑटो डीलर्स इस बार के त्योहारों के सीजन में अजीब स्थिति में हैं। शोरूम में गाड़ियों की भरमार है, लेकिन ग्राहक बुकिंग करने से हिचक रहे हैं। वजह है जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) में बदलाव की चर्चा, जिससे उम्मीद की जा रही है कि गाड़ियों की कीमतें घट सकती हैं।
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त्योहारों का समय क्यों है अहम
भारत में ओणम, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दिवाली जैसे त्योहारों पर सालाना कार और दोपहिया गाड़ियों की बड़ी बिक्री होती है। इसी मांग को पूरा करने के लिए डीलरों ने पहले से ही गाड़ियों का स्टॉक तैयार कर लिया है।
लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक 3-4 सितंबर को तय है। ग्राहक इस उम्मीद में खरीदारी टाल रहे हैं कि नई टैक्स दरों के लागू होने के बाद गाड़ियों की कीमतें घट जाएंगी।
फाडा ने बताया, "ग्राहक सीधे-सीधे डीलरों से नई जीएसटी दरों के बारे में पूछ रहे हैं और अपनी खरीदारी टाल रहे हैं। अगर सुधार जल्दी लागू नहीं हुआ तो पूरा त्योहारों का सीजन सिर्फ दिवाली तक सिमट जाएगा।"
यह भी पढ़ें - 2025 Indian Scout: भारत में लॉन्च हुई 2025 इंडियन स्काउट सीरीज, जानें कीमत और फीचर्स
भारत में ओणम, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दिवाली जैसे त्योहारों पर सालाना कार और दोपहिया गाड़ियों की बड़ी बिक्री होती है। इसी मांग को पूरा करने के लिए डीलरों ने पहले से ही गाड़ियों का स्टॉक तैयार कर लिया है।
लेकिन जीएसटी काउंसिल की बैठक 3-4 सितंबर को तय है। ग्राहक इस उम्मीद में खरीदारी टाल रहे हैं कि नई टैक्स दरों के लागू होने के बाद गाड़ियों की कीमतें घट जाएंगी।
फाडा ने बताया, "ग्राहक सीधे-सीधे डीलरों से नई जीएसटी दरों के बारे में पूछ रहे हैं और अपनी खरीदारी टाल रहे हैं। अगर सुधार जल्दी लागू नहीं हुआ तो पूरा त्योहारों का सीजन सिर्फ दिवाली तक सिमट जाएगा।"
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फाडा की मांगें
फाडा ने सरकार से अपील की है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक समय से पहले बुलाई जाए, ताकि नई दरें त्योहारों के सीजन से पहले लागू हो सकें।
इसके साथ ही फाडा की अन्य मांगें भी हैं:
यह भी पढ़ें - Hey Tesla: चीन में टेस्ला ड्राइवर बस कहेंगे 'हे टेस्ला', कार खुद करेगी सब काम
फाडा ने सरकार से अपील की है कि जीएसटी काउंसिल की बैठक समय से पहले बुलाई जाए, ताकि नई दरें त्योहारों के सीजन से पहले लागू हो सकें।
इसके साथ ही फाडा की अन्य मांगें भी हैं:
- बैंकों और NBFCs को डीलरों की कर्ज अदायगी की अवधि 30-45 दिन तक बढ़ाने का निर्देश दिया जाए।
- यह स्पष्ट किया जाए कि जब सेस हटेगा तो डीलरों के पास जमा सेस क्रेडिट का क्या होगा।
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नई जीएसटी दरों की योजना
केंद्र सरकार ने एक आसान दो-स्लैब संरचना का प्रस्ताव रखा है:
फिलहाल गाड़ियां 28 प्रतिशत जीएसटी ब्रैकेट में आती हैं। जिसमें अलग-अलग तरह के वाहनों पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक सेस भी लगता है। यानी छोटे वाहनों पर कुल टैक्स बोझ 29 प्रतिशत तक और एसयूवी पर लगभग 50 प्रतिशत तक हो जाता है। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले से ही सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी दर लागू है।
यह भी पढ़ें - Mumbai Traffic Woes: मुंबई में वाहनों की संख्या 50 लाख के पार, सार्वजनिक परिवहन रिकॉर्ड निचले स्तर पर
केंद्र सरकार ने एक आसान दो-स्लैब संरचना का प्रस्ताव रखा है:
- 5% 'जरूरी' सामान और सेवाओं पर।
- 18% 'स्टैंडर्ड' सामान और सेवाओं पर।
फिलहाल गाड़ियां 28 प्रतिशत जीएसटी ब्रैकेट में आती हैं। जिसमें अलग-अलग तरह के वाहनों पर 1 प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक सेस भी लगता है। यानी छोटे वाहनों पर कुल टैक्स बोझ 29 प्रतिशत तक और एसयूवी पर लगभग 50 प्रतिशत तक हो जाता है। वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर पहले से ही सिर्फ 5 प्रतिशत जीएसटी दर लागू है।
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बड़ा परिदृश्य
फाडा ने कहा है कि वह जीएसटी सुधारों का पूरा समर्थन करता है और इसे "ऑटो सेक्टर को नई ऊर्जा देने और भारत की विकास यात्रा तेज करने वाला कदम" बताया है।
लेकिन उसने चेतावनी भी दी है कि अगर टाइमिंग का ध्यान नहीं रखा गया तो यह बदलाव सबसे ज्यादा नुकसान डीलरों को करेगा। वो भी तब, जब त्योहारों में मांग अपने चरम पर होती है।
फाडा का कहना है, "त्योहारों का उत्साह बनाए रखना न सिर्फ ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा। बल्कि पूरे ऑटो उद्योग, डीलरों, निर्माताओं, पुर्जा सप्लायर और बैंकों को भी स्थिर रखेगा।"
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फाडा ने कहा है कि वह जीएसटी सुधारों का पूरा समर्थन करता है और इसे "ऑटो सेक्टर को नई ऊर्जा देने और भारत की विकास यात्रा तेज करने वाला कदम" बताया है।
लेकिन उसने चेतावनी भी दी है कि अगर टाइमिंग का ध्यान नहीं रखा गया तो यह बदलाव सबसे ज्यादा नुकसान डीलरों को करेगा। वो भी तब, जब त्योहारों में मांग अपने चरम पर होती है।
फाडा का कहना है, "त्योहारों का उत्साह बनाए रखना न सिर्फ ग्राहकों के लिए फायदेमंद होगा। बल्कि पूरे ऑटो उद्योग, डीलरों, निर्माताओं, पुर्जा सप्लायर और बैंकों को भी स्थिर रखेगा।"
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