बढ़ते प्रदूषण के रोकथाम को लेकर दिल्ली सरकार काफी सख्त दिख रही है। इसी वजह से उसने Pollution Under Control certificate (PUC) का जांच अभियान चला रखा है। बिना वैध पीयूसी वाले वाहन चालकों का मोटा चालान काटा जा रहा है। शहर में BS-6 गाड़ियों की बिक्री बड़े पैमाने पर हो रही है। वहीं दूसरी तरफ इन गाड़ियों का पीयूसी जारी करने को लेकर कोई उचित व्यवस्था नहीं हो रखी है। इस कारण वाहन चालकों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उनको प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के लिए मजबूरन इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। इस समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने कहा है कि वे राष्ट्रीय राजधानी के किसी भी पीयूसी केंद्र पर अपने BS-6 गाड़ियों का प्रदूषण जांच करवा सकते हैं। इस बीच उसने इस बारे में भी बताया कि दिल्ली शहर में कुल 972 प्रदूषण जांच केंद्र हैं, जहां पर आसानी से BS-6 वाहनों की जांच कराई जा सकती है।
हालांकि कई प्रदूषण जांच केंद्रों पर काम करने वाले लोगों ने कहा है कि बीएस 4 और बीएस 6 गाड़ियों में कई बदलाव आए हैं। ऐसे में प्रदूषण जांच करने के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। उनके मुताबिक बीएस-6 गाड़ियों में प्रदूषण जांच करने के लिए किसी नए उपकरण की जरूरत नहीं होती है। प्रदूषण जांच करने के मानक अब बदल गए हैं। इस कारण प्रक्रिया काफी जटिल हो गई है, जिससे कई परेशानियों का सामना हमको करना पड़ रहा है।
वहीं कई प्रदूषण जांच केंद्रों पर कर्मियों को बीएस-6 गाड़ियों के प्रदूषण जांच करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। इस कारण उन केंद्रों से प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। हालांकि कनॉट प्लेस और मिंटो रोड पर स्थित कुछ केंद्र हैं जहां पर बीएस-छह गाड़ियों का पीयूसी जारी किया जा रहा है।
यहां भी संचालकों ने कहा कि बीएस-6 वाहनों में प्रदूषण जांच के लिए कोई नया उपकरण नहीं चाहिए, मगर कर्मियों को इन गाड़ियों के प्रदूषण की जांच करने का प्रशिक्षण नहीं दिया गया है जिस वजह से ज्यादातर स्थानों पर पीयूसी जारी नहीं किया जा रहा है।
इस कारण BS-6 वाहन चालकों को पीयूसी को लेकर कई दिक्कतों का सामना शहर में करना पड़ रहा है। ऐसे में वो लोग सरकार से काफी नाखुश हैं और इस अपर्याप्त व्यवस्था को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। जानकारी के लिए बता दें कि वैध पीयूसी ना होने पर आपको 10 हजार रुपये का चालान भरना पड़ सकता है।