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Bharat NCAP: भारत में बनी कारें कैसे हासिल कर सकती हैं 5-स्टार रेटिंग? जानें डिटेल्स

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Tue, 19 Sep 2023 03:21 PM IST
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Bharat NCAP Crash Test Results How cars can achieve five-star rating under Bharat NCAP regime
Crash Test - फोटो : NCAP
Bharat New Car Assessment Programme (Bharat NCAP), भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (भारत एनसीएपी) 1 अक्टूबर से भारत में बनी कारों का परीक्षण शुरू करने और सुरक्षा रेटिंग जारी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में पुणे में सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांस्पोर्ट (सीआईआरटी) में भारत एनसीएपी के कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया। भारत एनसीएपी को पिछले महीने भारत की अपनी वाहन सुरक्षा रेटिंग एजेंसी के रूप में लॉन्च किया गया था। यह अब से देश में निर्मित कारों के क्रैश टेस्ट करने वाली एजेंसी के रूप में ग्लोबल एनसीएपी की जगह लेगी।
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Bharat NCAP Crash Test Results How cars can achieve five-star rating under Bharat NCAP regime
Crash Test - फोटो : NCAP
Bharat NCAP (भारत एनसीएपी) ग्लोबल एनसीएपी द्वारा अपनाए जाने वाले क्रैश टेस्ट मानदंडों का पालन करेगा। यह कई सुरक्षा मानकों के आधार पर कारों का परीक्षण करेगा। इनमें फ्रंटल, पोल और साइड इम्पैक्ट परीक्षण, वयस्क और बाल अधिवासी सुरक्षा परीक्षण शामिल हैं। किसी वाहन के दुर्घटना परीक्षण परिणाम के आधार पर रेटिंग एक से पांच के पैमाने पर प्रदान की जाएगी। यहां हम आपको बता रहे हैं कि भारत एनसीएपी के तहत कारें 5-स्टार रेटिंग कैसे हासिल कर सकती हैं।
 
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Crash Test - फोटो : NCAP
भारत एनसीएपी का मूल्यांकन पैरामीटर
भारत एनसीएपी वयस्क और बच्चों के लिए प्रदान की गई सुरक्षा के साथ-साथ प्रस्तावित सेफ्टी फीचर्स के आधार पर प्रत्येक कार के स्कोर की जांच करेगा। हाल ही में नितिन गडकरी ने कहा था कि कारों को भारत एनसीएपी में 5-स्टार रेटिंग हासिल करने के लिए कम से कम 6 एयरबैग की जरूरत होगी। अडल्ट ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (एओपी) टेस्ट यह जांच करेगा कि दुर्घटना की स्थिति में चालक और वयस्क यात्रियों पर क्या प्रभाव पड़ता है। चाइल्ड ऑक्यूपेंट प्रोटेक्शन (सीओपी) टेस्ट के लिए, फोकस का मुख्य क्षेत्र ISOFIX सीटों के साथ-साथ नाबालिगों की सुरक्षा के लिए एयरबैग तैनाती पर होगा। भारत एनसीएपी फाइनल स्कोर तय करने के लिए सभी सेफ्टी असिस्ट टेक्नोलॉजी का भी मूल्यांकन करेगा।

एजेंसी के मुताबिक, जो कार एओपी में कम से कम 4 अंक और सीओपी में 9 अंक हासिल करेगी, वह एक स्टार रैंकिंग के साथ टेस्ट पास करेगी। 5-स्टार रेटिंग हासिल करने के लिए, एक कार को संबंधित श्रेणियों में कम से कम 27 अंक और 41 अंक हासिल करना होगा।
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Crash Test - फोटो : NCAP
कितने तरह के होंगे क्रैश टेस्ट 
भारत एनसीएपी में एक कार को जिस क्रैश टेस्ट से गुजरना होगा, उसमें तीन चरण होंगे। पहला है फ्रंटल इम्पैक्ट टेस्ट। इस टेस्ट में एक कार को 64 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बैरियर पर क्रैश किया जाएगा। दूसरा साइड इम्पैक्ट टेस्ट है जिसमें एक कार को 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बैरियर से टकराया जाएगा। तीसरा पोल क्रैश टेस्ट है जिसे पास करने पर ही कारों को कम से कम तीन स्टार हासिल होंगे। कार में शामिल सेफ्टी असिस्ट प्रोग्राम इन टेस्ट में नतीजों को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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Crash Test - फोटो : For Reference Only
आ चुके हैं 30 मॉडल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट से गुजरने के लिए कार निर्माताओं द्वारा लगभग 30 मॉडलों को पहले ही नामांकित किया जा चुका है। ग्लोबल एनसीएपी द्वारा पहले परीक्षण की गई कारों में, टाटा मोटर्स और महिंद्रा की कारों ने उच्चतम सुरक्षा रेटिंग हासिल की है, जबकि मारुति सुजुकी और ह्यूंदै मोटर के परिणाम समान नहीं थे। 
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