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GNSS Panel on satellite-based Toll Tax system recommends further deliberations over security, privacy issues
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GNSS: सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली पर समिति ने सुरक्षा, गोपनीयता के मुद्दों पर और विचार-विमर्श की सिफारिश की
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 19 Mar 2025 05:34 PM IST
सार
सैटेलाइट-आधारित हाईवे टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने के तरीकों पर विचार करने के लिए गठित शीर्ष समिति ने सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े मुद्दों पर और चर्चा करने की सिफारिश की है।
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टोल टैक्स
- फोटो : Adobe Stock
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सैटेलाइट-आधारित हाईवे टोल संग्रह प्रणाली को लागू करने के तरीकों पर विचार करने के लिए गठित शीर्ष समिति ने सुरक्षा और गोपनीयता से जुड़े मुद्दों पर और चर्चा करने की सिफारिश की है। यह जानकारी संसद में बुधवार को दी गई।
बिना बाधा वाली टोलिंग प्रणाली का प्रस्ताव
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा में लिखित जवाब में कहा कि ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान (ANPR) आधारित FASTag (फास्टैग) प्रणाली के तहत बिना बैरियर वाली टोलिंग प्रणाली को लागू करने का प्रस्ताव है।
गडकरी ने कहा, "उद्योग और शिक्षाविदों के विशेषज्ञों की एक उच्चस्तरीय सशक्त समिति ने सुरक्षा, गोपनीयता उल्लंघन और पूरे संचालन नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए सैटेलाइट-आधारित टोल कलेक्शन पर और चर्चा करने की सिफारिश की है।"
सैटेलाइट टोलिंग के लिए अतिरिक्त संसाधनों की जरूरत
मंत्री ने बताया कि मौजूदा NavIC (नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन) के मौजूदा फीचर्स के साथ, सैटेलाइट-आधारित टोलिंग के लिए अतिरिक्त उपग्रहों और उपयुक्त रिसीवर्स के विकास की जरूरत होगी, जिससे सटीक स्थान (लोकेशन) निर्धारण किया जा सके।
टोल वसूली के लिए नए प्रस्ताव
गडकरी के अनुसार, बिना बैरियर वाली टोल वसूली प्रणाली को लागू करने के लिए 'घरौंडा, चोर्यासी, नेमिली, अर्बन एक्सटेंशन रोड (UER)-II और द्वारका एक्सप्रेसवे' जैसे स्थानों पर प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। अगर इन जगहों पर यह प्रणाली सफल रहती है, तो इसे अन्य टोल प्लाजा पर भी चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
GNSS-आधारित टोलिंग के लिए वैश्विक रुचि
सरकारी संस्था भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने GNSS (सैटेलाइट-आधारित) इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली लागू करने के लिए वैश्विक अभिरुचि (ईओआई) आमंत्रित की है। इस कदम का मकसद राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल बूथों को खत्म करना है।
GNSS-आधारित टोलिंग प्रणाली लागू होने से हाईवे पर वाहनों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित होगी और यह कई लाभ प्रदान करेगी, जैसे:
बिना बैरियर वाली टोल, जिससे यात्रा में कोई रुकावट नहीं होगी।
दूरी-आधारित टोलिंग, जिससे यूजर सिर्फ उतने ही रास्ते के लिए भुगतान करेगा, जितना उसने राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा की है।
नाबालिगों द्वारा सड़क दुर्घटनाएं
एक अन्य सवाल के जवाब में गडकरी ने बताया कि 2023-24 के दौरान नाबालिगों (18 वर्ष से कम उम्र) द्वारा 11,890 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। तमिलनाडु में सबसे ज्यादा 2,063 दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं। मध्य प्रदेश (1,138) और महाराष्ट्र (1,067) क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
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