जहां दुनियाभर में ऑटो इंडस्ट्री की हालत खराब है। वहीं लग्जरी स्पोर्ट्स कार निर्माता फेरारी को इस साल 1 बिलियन डॉलर से ज्यादा का मुनाफा होने की उम्मीद है। यानी वायरस के चलते कार की बिक्री धीमी जरूर हुई है, लेकिन इस पर ब्रेक नहीं लगा है। बता दें कि भारत में ऑटो कंपनियों ने अप्रैल महीने में एक भी कार की बिक्री नहीं की हैं। ऐसा देश के ऑटो सेक्टर के इतिहास में पहली बार हुआ है।
लग्जरी स्पोर्ट्स कार Ferrari को अरबों के मुनाफे की उम्मीद, ऑटो कंपनियां हैं 'जीरो' बिक्री से परेशान
दुनियाभर में इस कार की अपनी एक अलग पहचान है। फेरारी को रेड फॉर्मूला वन रेसिंग कारों और इसके विशेष 'घोड़े के लोगो' के लिए जाना जाता है। लेकिन 2020 में हुई इसकी कम बिक्री के चलते कंपनी को झटका लगा है। हालांकि कंपनी उम्मीद कर रही है कि कैश फ्लो बना रहेगा।
सोमवार को फेरारी के 1.5 फीसदी शेयर गिर गए और 154.50 यूरो पर बंद हुए। इसके बाद यूरोप का ऑटो इंडेक्स 4.4 फीसदी पर बंद हुआ। बता दें कि दुनियाभर में फैली वायरस महामारी के कारण कारखानों में उत्पादन बंद है। शोरूम भी नहीं खोले जा रहे हैं इसलिए कारों की बिक्री भी लगभग बंद है। इसके चलते सोमवार को जर्मनी के ऑटो सेक्टर में भारी गिरावट दर्ज की गई है।
हालांकि फेरारी ने सोमवार को अपने कारखानों मारानेलो और मोडेना में फिर से काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने कहा कि इस बार बिक्री कम होने के कारण राजस्व में कमी आई है। वहीं जानकारों का कहना है कि मौजूदा हालात के चलते दूसरी तिमाही में भी हालात ठीक नहीं रहेगी। फेरारी ने फरवरी 2020 EBITDA में 1.38 से 1.43 बिलियन यूरो की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर लुइस कैमिलेरी ने कहा कि पहले के मुकाबले 400 यूरो या उससे अधिक की तुलना में इस साल 100 से 200 मिलियन यूरो कैश फ्लो की उम्मीद है। फेरारी के दो प्लांट इटली के उत्तरी एमिलिया रोमाग्ना क्षेत्र में स्थित हैं, जिन्हें मार्च में बंद कर दिया था।
बता दें कि वायरस के चलते कंपनियां कारों की बिक्री बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रही है। जबकि कुछ कंपनियां अपनी बिक्री बढ़ोतरी के लिए ऑनलाइन विकल्पों का सहारा ले रही हैं। दुनियाभर में लोकप्रिय फेरारी कार को 1929 में लॉन्च किया गया था।