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Toll Plaza: क्या आपसे टोल प्लाजा पर ज्यादा चार्ज लिया गया? 2024 में ऐसे 12.55 लाख मामलों में हुआ रिफंड
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Fri, 21 Mar 2025 02:33 PM IST
सार
हाईवे पर यात्रा करने के दौरान टोल प्लाजा से गुजरते हुए अगर आपका टोल दो बार कट गया है, तो ऐसी परिस्थिति का सामना करने वाले आप अकेले नहीं हैं। साल 2024 में ऐसे 12.55 लाख मामलों में रिफंड दिया गया, जहां गलत तरीके से टोल काटा गया था।
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टोल टैक्स
- फोटो : Adobe Stock
हाईवे पर यात्रा करने के दौरान टोल प्लाजा से गुजरते हुए अगर आपका टोल दो बार कट गया है, तो ऐसी परिस्थिति का सामना करने वाले आप अकेले नहीं हैं। साल 2024 में ऐसे 12.55 लाख मामलों में रिफंड दिया गया, जहां गलत तरीके से टोल काटा गया था।
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टोल टैक्स
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गलत टोल वसूली पर भारी जुर्माना
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि अगर किसी टोल एजेंसी को गलत टोल कटौती का दोषी पाया जाता है, तो उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करने वाली एजेंसी पर अतिरिक्त उपयोगकर्ता शुल्क की 1,500 गुना तक की राशि का जुर्माना लगाया जाएगा।
2024 में कुल 12.55 लाख ट्रांजैक्शन में हुआ रिफंड
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), जो नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम के तहत सेंट्रल क्लीयरिंग हाउस (CCH) सेवाएं प्रदान करता है, ने बताया कि 2024 में कुल 12.55 लाख मामलों में गलत टोल कटौती के कारण रिफंड किया गया। इस साल कुल 410 करोड़ FASTag (फास्टैग) ट्रांजैक्शन हुए, जिसमें गलत कटौती वाले मामलों की संख्या सिर्फ 0.03 प्रतिशत रही।
यह भी पढ़ें - Tesla: 'एलन के पागल होने से पहले खरीदी थी', टेस्ला के मालिकों ने गाड़ियों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए लगाए स्टिकर
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि अगर किसी टोल एजेंसी को गलत टोल कटौती का दोषी पाया जाता है, तो उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करने वाली एजेंसी पर अतिरिक्त उपयोगकर्ता शुल्क की 1,500 गुना तक की राशि का जुर्माना लगाया जाएगा।
2024 में कुल 12.55 लाख ट्रांजैक्शन में हुआ रिफंड
राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI), जो नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) प्रोग्राम के तहत सेंट्रल क्लीयरिंग हाउस (CCH) सेवाएं प्रदान करता है, ने बताया कि 2024 में कुल 12.55 लाख मामलों में गलत टोल कटौती के कारण रिफंड किया गया। इस साल कुल 410 करोड़ FASTag (फास्टैग) ट्रांजैक्शन हुए, जिसमें गलत कटौती वाले मामलों की संख्या सिर्फ 0.03 प्रतिशत रही।
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टोल टैक्स
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2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया
गडकरी ने यह भी बताया कि गलत टोल कटौती के मामलों में अब तक टोल एजेंसियों पर 2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
किन मामलों में सबसे ज्यादा रिफंड मिला?
गलत टोल कटने के कुल मामलों में सबसे ज्यादा मामले टोल गणना की गलती के रहे। 2024 में ऐसे 5 लाख से ज्यादा मामलों में रिफंड किया गया। इसके अलावा:
यह भी पढ़ें - 2025 Maruti Tour S: टैक्सी मार्केट में आ गई नई जेनरेशन मारुति डिजायर, जानें कीमत, माइलेज और फीचर्स
गडकरी ने यह भी बताया कि गलत टोल कटौती के मामलों में अब तक टोल एजेंसियों पर 2 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
किन मामलों में सबसे ज्यादा रिफंड मिला?
गलत टोल कटने के कुल मामलों में सबसे ज्यादा मामले टोल गणना की गलती के रहे। 2024 में ऐसे 5 लाख से ज्यादा मामलों में रिफंड किया गया। इसके अलावा:
- 4.45 लाख मामले फास्टैग यूजर्स द्वारा ट्रांजैक्शन को नहीं पहचानने के थे।
- 1.36 लाख मामले डुप्लिकेट ट्रांजैक्शन के रहे।
- 1.25 लाख मामलों में वापसी यात्रा का लाभ नहीं दिया गया।
- 47,000 मामलों में "दूसरे तरीके से भुगतान किया" गया।
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UP toll plaza rates
- फोटो : अमर उजाला
बिना टोल प्लाजा पार किए भी टोल कट गया? लगेगा 1 लाख रुपये का जुर्माना
गडकरी ने बताया कि अगर किसी वाहन से बिना टोल प्लाजा पार किए भी टोल वसूली हो जाती है, तो संबंधित टोल एजेंसी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
मंत्री ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल फ्री नंबर 1033 से गलत कटौती के मामलों का मासिक डिटेल्स लेता है। और जांच के बाद प्रत्येक वास्तविक मामले के लिए यूजर फीस संग्रह करने वाली एजेंसियों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।"
यह भी पढ़ें - GNSS Toll Tax: सैटेलाइट आधारित टोल प्रणाली पर समिति ने सुरक्षा, गोपनीयता के मुद्दों पर और विचार-विमर्श की सिफारिश की
गडकरी ने बताया कि अगर किसी वाहन से बिना टोल प्लाजा पार किए भी टोल वसूली हो जाती है, तो संबंधित टोल एजेंसी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।
मंत्री ने कहा, "भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल फ्री नंबर 1033 से गलत कटौती के मामलों का मासिक डिटेल्स लेता है। और जांच के बाद प्रत्येक वास्तविक मामले के लिए यूजर फीस संग्रह करने वाली एजेंसियों पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।"
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Toll Tax
- फोटो : एएनआई
उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी वाहनों से नेशनल हाईवे या एक्सप्रेसवे पर यात्रा किए बिना भी टोल शुल्क वसूला जाता है, जब यूजर फीस कलेक्ट करने वाली एजेंसियां मैन्युअल रूप से वीआरएन आधारित लेनदेन करते समय सिस्टम में गलत वाहन पंजीकरण संख्या (वीआरएन) दर्ज करती हैं।
गडकरी ने कहा, "कभी-कभी फास्टैग रीडर द्वारा कई बार पढ़ने के कारण दोगुना शुल्क लिया जाता है। मैनुअल वीआरएन आधारित लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए यूजर फीस कलेक्ट करने वाली एजेंसियों पर प्रति मामले 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।"
यह भी पढ़ें - Ford: फोर्ड भारत में कर रही है वापसी, लेकिन इस बार वह यहां कार नहीं बनाएगी, जानें डिटेल्स
गडकरी ने कहा, "कभी-कभी फास्टैग रीडर द्वारा कई बार पढ़ने के कारण दोगुना शुल्क लिया जाता है। मैनुअल वीआरएन आधारित लेनदेन को हतोत्साहित करने के लिए यूजर फीस कलेक्ट करने वाली एजेंसियों पर प्रति मामले 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाता है।"
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