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Electric Vehicles: ईयू उत्सर्जन लक्ष्यों को कर रहा कमजोर, यूरोप के रुख से दबाव में ब्रिटेन के ईवी लक्ष्य

ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अमर शर्मा Updated Wed, 17 Dec 2025 01:38 PM IST
सार

यूरोपीय यूनियन द्वारा अगले दशक के मध्य तक टेलपाइप उत्सर्जन को खत्म करने की अपनी योजना को हल्का करने का प्रस्ताव देने के बाद, यूके महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक-वाहन लक्ष्यों के मामले में पीछे हट रहा है।

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UK’s Electric Vehicle Targets Under Pressure as EU Softens Emission Rules
Electric Car - फोटो : Freepik
यूरोपीय संघ द्वारा उत्सर्जन मानकों को नरम करने के संकेत मिलने के बाद ब्रिटेन के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) लक्ष्यों पर सवाल खड़े होने लगे हैं। यूरोप जहां टेलपाइप उत्सर्जन को पूरी तरह खत्म करने की समयसीमा पर पुनर्विचार कर रहा है, वहीं ब्रिटेन अब भी अपने बेहद महत्वाकांक्षी ईवी रोडमैप पर टिका हुआ है। इस बढ़ते अंतर ने ब्रिटेन को यूरोप से अलग-थलग स्थिति में खड़ा कर दिया है। खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग निवेश और उत्पादन के अगले चरण को लेकर फैसले ले रहा है।


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UK’s Electric Vehicle Targets Under Pressure as EU Softens Emission Rules
Electric car EV charging battery at charger station - फोटो : Freepik
ब्रिटेन का सख्त जीरो-एमिशन रोडमैप
ब्रिटेन की जीरो-एमिशन व्हीकल (ZEV) नीति के तहत कार निर्माताओं को हर साल इलेक्ट्रिक कारों और वैन की बिक्री हिस्सेदारी बढ़ानी होगी। ताकि 2035 तक 100 प्रतिशत बिक्री शून्य-उत्सर्जन वाहनों की हो सके। एस्टन मार्टिन और जगुआर लैंड रोवर जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स वहीं मौजूद है, इसके बावजूद इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं माना जा रहा। खासतौर पर तब, जब यूरोपीय संघ खुद अपने सख्त रुख से पीछे हटता दिख रहा है। 

बर्मिंघम बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर डेविड बेली के अनुसार, किसी भी बड़े ऑटोमोबाइल उद्योग वाले देश ने इतना आक्रामक लक्ष्य तय नहीं किया है। जिससे ब्रिटेन अब नीति के मामले में अलग-थलग नजर आता है।

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UK’s Electric Vehicle Targets Under Pressure as EU Softens Emission Rules
Electric Vehicles - फोटो : Freepik
निवेश के फैसलों पर बढ़ती अनिश्चितता
नीति में यह अंतर ऐसे समय में सामने आया है, जब वाहन निर्माता यह तय कर रहे हैं कि अगली पीढ़ी के ईवी प्लांट कहां लगाए जाएं। ब्रिटेन के कारखाने पहले ही ऊंची ऊर्जा लागत, ब्रेक्जिट के बाद व्यापारिक अड़चनों और चीनी निर्माताओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से जूझ रहे हैं। चूंकि ब्रिटेन में बनी अधिकांश कारें यूरोप को निर्यात की जाती हैं। ऐसे में यूरोपीय नियमों से अलग रुख अपनाना निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ा रहा है।

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UK’s Electric Vehicle Targets Under Pressure as EU Softens Emission Rules
Electric Vehicles - फोटो : Adobe Stock
ईवी अपनाने में ब्रिटेन आगे, लेकिन जोखिम बरकरार
उपभोक्ता स्तर पर यूरोप के कई देशों की तुलना में ब्रिटेन ने ईवी को तेजी से अपनाया है। अक्तूबर तक के एक साल में ब्रिटेन में नई कार बिक्री का 22 प्रतिशत हिस्सा पूरी तरह इलेक्ट्रिक मॉडल्स का रहा। जो यूरोपीय संघ के औसत 16 प्रतिशत और जर्मनी के 18 प्रतिशत से अधिक है। इसी दौरान चीनी ब्रांड्स जैसे बीवाईडी, जैकू, ओमोडा और लीपमोटर भी ब्रिटेन के बाजार में तेजी से जगह बना रहे हैं। और इस साल बिकने वाली हर 10 में से एक नई कार इन्हीं ब्रांड्स की रही है।

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EV Charging Stations - फोटो : Freepik
यूरोप पर निर्भर ब्रिटिश ऑटो उद्योग
स्थानीय बिक्री बढ़ने के बावजूद ब्रिटिश ऑटो उद्योग यूरोप में होने वाले बदलावों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उद्योग संगठन एसएमएमटी के अनुसार, ब्रिटेन में बनने वाली लगभग 75 प्रतिशत गाड़ियां निर्यात होती हैं, जिनमें से आधी यूरोपीय संघ जाती हैं। इस सेक्टर से करीब दो लाख लोगों को रोजगार मिलता है। एसएमएमटी के सीईओ माइक हॉजेस का कहना है कि यूरोप ब्रिटेन के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार और आयात स्रोत है। इसलिए वहां की नीतियां सीधे ब्रिटेन को प्रभावित करती हैं।

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