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जुराब सूंघकर बता देंगे कुत्ते, आपको ये गंभीर बीमारी है या नहीं

बीबीसी हिंदी Updated Wed, 31 Oct 2018 11:00 AM IST
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Dogs of Britain is under training for detecting disease
Dog - फोटो : BBC
ब्रिटेन और गाम्बिया के वैज्ञानिकों का कहना है कि पहली बार उन्होंने एक ऐसा तरीका खोजा है जिससे कुत्ते मलेरिया जैसी बीमारी का पता लगाने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि कुत्तों को संक्रमित व्यक्ति के कपडे सूंघकर मलेरिया का पता लगाने के लिए ट्रेन किया जा रहा है।


दरअसल, ब्रिटेन की डरहम यूनिवर्सिटी ने कुछ कुत्तों को मलेरिया डिटेक्ट करने की ट्रेनिंग दी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जानवरों की मदद मलेरिया जैसी बीमारी को रोकने और उसके निवारण में ली जा सकती है। हालांकि ये शोध भी अभी अपने शुरूआती चरण में है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसके परिणाम से बीमरियों का पता लगाने के लिए नये तरीके सामने आयेंगे।

अध्ययन में ये बताया जा चुका है कि जब किसी व्यक्ति को मलेरिया होता है तो उसके शरीर की गंध थोडी अलग हो जाती है। ऐसे में कुत्तों की मदद से व्यक्ति के शरीर में मौजूद मलेरिया की पहचान की जा सकती है।
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Dog - फोटो : BBC
दुर्गंधित जुराब
 

पश्चिमी अफ्रीकी देश गाम्बिया के एक इलाके में बच्चों ने पूरी रात जुराबें पहने रखीं। फिर इन जुराबों को ब्रिटेन भेज दिया गया। भेजे गए 175 जोडों में से 30 बच्चों की जुराबों में परजीवियों से संक्रमण पाया गया। दुर्गंधित जुराबों को इंग्लैंड के मिल्टन कींज शहर में मौजूद मेडिकल डिटेक्शन डॉग्स चैरिटी पहुंचाया गया।

कुत्तों के पास सूंघने का काफी ताकतवर सेंस होती है। ये कुत्ते पहले से ही केंसर और पार्किंसंस जैसी बीमारी के शुरुआती लक्षण पहचनाने के लिए प्रशिक्षित हैं। अमरीका सोसायटी ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन एंड हाइजीन के वार्षिकी सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए परिणाम में पता चला कि ये कुत्ते मलेरिया की भी पहचान कर सकते हैं। इन कुत्तों ने 10 में से सात संक्रमित सैंपलों में मलेरिया होने की सही पहचान की।

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Dog - फोटो : BBC
लेकिन 10 स्वस्थ बच्चों में से एक को मलेरिया बताने पर वे गलत भी साबित हुए।
 

इस शोध का नेतृत्व करने वाले डरहम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर स्टीव लिंड्से ने बताया कि वे परिणाम से सच में उत्साहित थे, लेकिन नियमित रूप से इस्तेमाल करने के लिए ये कुत्ते अभी पूरी तरह से तैयार नहीं थे। शोधकर्ताओं को अभी कुत्तों को और प्रशिक्षित करने और जुराब की जगह उनकी जांच इंसानों पर करवाये जाने की जरूरत है। इसके अलावा इसकी भी जांच करनी चाहिए कि ये कुत्ते मलेरिया के और भी प्रकार सूंघ सकते हैं या नहीं।

Dogs of Britain is under training for detecting disease
first clone dog
विज्ञान से भी तेज
 

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन और ट्रॉपिकल मेडिसिन से डॉक्टर शेल्सी स्कॉयर्स ने बीबीसी को बताया कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता प्राकृतिक होती है। शेल्सी ने कहा कि ये कुत्ते डायग्नोस्टिक टेस्ट से भी काफी तेज काम करते हैं। क्योंकि टेस्ट में कम से कम 20 मिनट का समय लग जाता है और टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित या अनुभवी लोगों और नये-नये उपकरणों की आवश्यकता होती है।

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