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वैज्ञानिक को सांप ने काटा, फिर उसने जो किया जानकर दंग रह जाएंगे आप
बीबीसी, हिन्दी
Updated Sun, 11 Nov 2018 11:37 AM IST
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क्या कोई वैज्ञानिक किसी अध्ययन के लिए अपनी जान दे सकता है? इतिहास में ऐसे एक नहीं, कई उदाहरण हैं। इन्ही में से एक कहानी है कार्ल पैटरसन शिमिट की। साल 1957, सितंबर का महीना। अमरीका के शिकागो प्रांत के लिंकन पार्क चिड़ियाघर में काम करने वाले एक शख्स के हाथ एक अजीबोगरीब सांप लगा।
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76 सेंटीमीटर लंबे इस सांप की प्रजाति जानने के लिए वो उसे शिकागो के नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम ले गया। वहां उसकी मुलाकात मशहूर वैज्ञानिक कार्ल पैटरसन शिमिट से हुई। पब्लिक रेडियो इंटरनेशनल से जुड़ीं एलिजाबेथ शॉकमैन कहती हैं कि शिमिट को सरीसृप विज्ञान का एक बड़ा जानकार माना जाता था।
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शिमिट ने देखा कि इस सांप के शरीर पर बहुरंगी आकृतियां हैं। वह सांप की प्रजाति का पता लगाने को तैयार हो गए। इसके बाद 25 सितंबर को उन्होंने अपनी पड़ताल में पाया कि ये अफ्रीकी देशों में पाया जाने वाला एक सांप था। इस सांप का सिर बूमस्लैंग सांपों जैसा था जो कि सब-सहारन अफ्रीका के जंगलों में पाया जाता है। लेकिन शिमिट अपनी इस पड़ताल को लेकर आश्वस्त नहीं थे।
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अपने जर्नल में इस पड़ताल के बारे में लिखते हुए शिमिट बताते हैं कि उन्हें इस सांप के बूमस्लैंग होने पर शक है क्योंकि इस सांप की एनल प्लेट बंटी हुई नहीं थी। लेकिन इस शक को दूर करने के लिए शिमिट ने जो किया, उसकी वजह से उन्हें जान से हाथ धोना पड़ा।
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शिमिट सांप को अपने काफी करीब लाकर उसके शरीर पर बनी आकृतियों का अध्ययन करने लगे। वह अचंभे के साथ सांप के शरीर और सिर पर बनी आकृतियां और रंग देख रहे थे तभी इस सांप ने उनके अंगूठे पर काट लिया। लेकिन शिमिट ने डॉक्टर के पास जाने के बजाय अपने अंगूठे को चूसकर सांप का जहर बाहर निकालने की कोशिश शुरू कर दी। यही नहीं, उन्होंने अपने जर्नल में सांप के कांटने के बाद हो रहे अनुभवों को दर्ज करना शुरू कर दिया।