Mahabharat Katha: हरियाणा के कुरुक्षेत्र में कौरवों और पाण्डवों के बीच हस्तिनापुर के सिंहासन की प्राप्ति के लिए युद्ध लड़ा गया था। यह भीषण युद्ध 18 दिन तक चला था। महाभारत के मुताबकि, इस युद्ध में पाण्डवों की जीत हुई थी। युधिष्ठिर हस्तिनापुर के राजा बने और उन्होंने 36 सालों तक राज किया। कुरुक्षेत्र के युद्ध में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन के रथ ते सारथी बने थे। प्राचीन भारत में वैदिक काल के इतिहास का यह सबसे बड़ा युद्ध था।
अर्जुन के पास गांडीव धनुष था, जो इतना शक्तिशाली था कि उसका सामना देवता भी नहीं कर पाते थे। अर्जुन के पास गांडीव के अलावा अक्षय तरकश था, जिसके बाण कभी भी खत्म नहीं होते थे। अर्जुन का दिव्य गांडीव एक साथ कई लक्ष्य भेद सकता था। आइए जानते हैं कि अर्जुन के गांडीव के पास आखिर क्या शक्तियां थीं?
महाभारत की कथा के मुताबिक, कौरव और पांडवों में हस्तिनापुर के राज सिंहासन को लेकर विवाद चल रहा था। इस दौरान शकुनि ने पांडवों को कुछ दिन शांत रहने के लिए खांडवप्रस्थ नामक वन को रहने के लिए दे दिया। जब पांडव इस वन में पहुंचे, तो वहां खंडहर देखे। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने खांडव वन में नगर बसाने के लिए विश्वकर्मा का आह्वान किया। इसके बाद विश्वकर्मा आए और उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि मायासुर ने खांडवप्रस्थ को बसाया। आप उन्हें बुलाएं, क्योंकि उनको इसकी पूरी जानकारी है। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने मयासुर को बुलाया।
अर्जुन के पास गांडीव धनुष था, जो इतना शक्तिशाली था कि उसका सामना देवता भी नहीं कर पाते थे। अर्जुन के पास गांडीव के अलावा अक्षय तरकश था, जिसके बाण कभी भी खत्म नहीं होते थे। अर्जुन का दिव्य गांडीव एक साथ कई लक्ष्य भेद सकता था। आइए जानते हैं कि अर्जुन के गांडीव के पास आखिर क्या शक्तियां थीं?
महाभारत की कथा के मुताबिक, कौरव और पांडवों में हस्तिनापुर के राज सिंहासन को लेकर विवाद चल रहा था। इस दौरान शकुनि ने पांडवों को कुछ दिन शांत रहने के लिए खांडवप्रस्थ नामक वन को रहने के लिए दे दिया। जब पांडव इस वन में पहुंचे, तो वहां खंडहर देखे। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने खांडव वन में नगर बसाने के लिए विश्वकर्मा का आह्वान किया। इसके बाद विश्वकर्मा आए और उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि मायासुर ने खांडवप्रस्थ को बसाया। आप उन्हें बुलाएं, क्योंकि उनको इसकी पूरी जानकारी है। इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण ने मयासुर को बुलाया।