Longest Total Solar Eclipse: खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए साल 2027 बेहद खास है। साल 2027 में दो अगस्त को ऐतिहासिक पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा। यह एक दुर्लभ सूर्य ग्रहण होगा, जो दुनिया के बड़े हिस्से में नजर आएगा। इस दौरान दिन में ही आसमान में अंधेरा छा जाएगा और धरती का तापमान गिर जाएगा। हाल के इतिहास में ऐसा सूर्य ग्रहण कभी नहीं लगा है और आने वाले करीब 100 वर्ष तक भी नहीं लगेगा। ऐसे में लोगों में मन सवाल है कि क्या यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखेगा?
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Longest Total Solar Eclipse: खगोलविदों के मुताबिक, दो अगस्त 2027 को पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण हर साल या फिर साल के अंतराल पर लगता रहता है, लेकिन अगस्त 2027 में लगने वाला यह ग्रहण अपनी लंबी अवधि के लिए बेहद खास है।
नासा ने क्या कहा?
अमेरिका अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि वर्ष 2027 में दो अगस्त को लगने वाला सूर्य ग्रहण अभी तक के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण में से एक होगा। खगोलविदों ने कहा है कि सैद्धांतिक रूप से सूर्य ग्रहण 7 मिनट 32 सेकंड तक चल सकता है, लेकिन 2027 में लगने वाला ग्रहण इस अधिकतम सीमा के बहुत पास होगा। सबसे खास बात यह है कि इसके बाद इतना लंबा ग्रहण साल 2114 तक नहीं होगा। इससे पहले 11 जुलाई 1991 को सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगा था, जिसकी अवधि 6 मिनट 53 सेकंड थी। यह ग्रहण 2027 में लगने वाला ग्रहण से थोड़ा ज्यादा लंबा था।
कहां-कहां आएगा नजर?
यह सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कई शहरों में देखा जा सकता है। दुनिया के बाकी इलाकों आंशिक सूर्य ग्रहण नजर आएघा।। भारत में पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा। कई राज्यों में आंशिक ग्रहण देखा जा सकता है। भारत में 2 अगस्त 2027 को आंशिक ग्रहण दोपहर 3 बजकर 24 मिनट से शुरू होकर से शाम 5 बजकर 53 मिनट तक चलेगा। स्पेन, जिब्राल्टर, मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया, मिस्र, सूडान, सोमालिया, सऊदी अरब और यमन जैसे देशों में पूर्ण सूर्य ग्रहण का सबसे अच्छा नजारा दिखेगा।
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क्यों 2027 में होगा इतना लंबा सूर्य ग्रहण?
हमारे सबसे नजदीक का सितारा सूर्य अपने स्थान पर स्थित है और इसका धरती परिक्रमा करती है। धरती की तरह चंद्रमा भी सूर्य की परिक्रमा करता है। हालांकि, चांद धरती की भी चक्कर लगाता है। कई बार ऐसा होता है, जब चंद्रमा घूमते हुए सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। इससे कुछ समय के लिए सूर्य के प्रकाश को रोक देता है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है।
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इस दौरान चंद्रमा की परछाई धरती पर पड़ती है। इससे धरती पर अंधेरा होने लगता है। दो अगस्त 2027 को पृथ्वी सूर्य से अपने सबसे दूर बिंदु पर रहेगा। इसकी वजह से सूर्य आकाश में छोटा नजर आएगा। लेकिन उस दौरान चंद्रमा अपने परिक्रमा पथ पर पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु पर होगा, जिससे यह आकार में बड़ा दिखाई देगा। इससे सूर्य के प्रकाश को ज्यादा देर तक रोकेगा, जिसके कारण यह ग्रहण लंबा होगा।