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जानें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए क्यों जरूरी है फॉर्म 16
amarujala.com, Presented By: अनंत पालीवाल
Updated Sat, 03 Jun 2017 10:58 AM IST
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जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना शुरू हो जाएगा। इससे पहले कंपनियां जून में सभी कर्मचारियों को फॉर्म 16 देना शुरू कर देगी।
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आईटीआर फाइल करने के लिए जरूरी है फॉर्म 16
किसी भी नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 होना बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट होता है। इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना आईटीआर नहीं सबमिट कर सकेगा। फॉर्म 16 वो डॉक्यूमेंट होता है जिसमें किसी भी व्यक्ति की बेसिक सैलरी और अलाउंस के बारे में जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें कंपनी संबंधित टैक्सपेयर कर्मचारी का पिछले वित्त वर्ष में काटे गए टैक्स के बारे में भी जानकारी होती है।
किसी भी नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए आईटीआर फाइल करने के लिए फॉर्म 16 होना बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट होता है। इसके बिना कोई भी व्यक्ति अपना आईटीआर नहीं सबमिट कर सकेगा। फॉर्म 16 वो डॉक्यूमेंट होता है जिसमें किसी भी व्यक्ति की बेसिक सैलरी और अलाउंस के बारे में जानकारी होती है। इसके साथ ही इसमें कंपनी संबंधित टैक्सपेयर कर्मचारी का पिछले वित्त वर्ष में काटे गए टैक्स के बारे में भी जानकारी होती है।
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फॉर्म 16
एक वित्त वर्ष में बदली हैं कई जॉब तो लेना होगा सभी कंपनियों से फॉर्म 16
अगर आपने एक पिछले वित्त वर्ष में एक से ज्यादा कंपनियों में जॉब की है, तो रिटर्न फाइल करने के लिए उन कंपनियों से भी फॉर्म 16 लेना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि तभी आपकी पूरे वर्ष की इनकम के बारे में पता चलेगा।
अगर आपने एक पिछले वित्त वर्ष में एक से ज्यादा कंपनियों में जॉब की है, तो रिटर्न फाइल करने के लिए उन कंपनियों से भी फॉर्म 16 लेना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि तभी आपकी पूरे वर्ष की इनकम के बारे में पता चलेगा।
आयकर विभाग
एक से अधिक फॉर्म 16 हैं तो ऐसे करें इनकम और टैक्स डिडक्शन का कैल्कुलेट
- पिछले वित्त वर्ष की सारी सैलरी को एक साथ जोड़े
- सारे अलाउंस जैसे कि HRA, TA को घटाएं
- टैक्स बचाने के लिए जितने भी इन्वेस्टमेंट किए हैं इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 80G के अंतर्गत उनको क्लेम करें।
- इसके बाद अपनी टैक्स लायबिलिटी और टीडीएस को डिडक्ट करें। टीडीएस की जानकारी आप अपने फॉर्म 26AS से ले सकते हैं।
- पिछले वित्त वर्ष की सारी सैलरी को एक साथ जोड़े
- सारे अलाउंस जैसे कि HRA, TA को घटाएं
- टैक्स बचाने के लिए जितने भी इन्वेस्टमेंट किए हैं इनकम टैक्स के सेक्शन 80C, 80D, 80G के अंतर्गत उनको क्लेम करें।
- इसके बाद अपनी टैक्स लायबिलिटी और टीडीएस को डिडक्ट करें। टीडीएस की जानकारी आप अपने फॉर्म 26AS से ले सकते हैं।
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आयकर विभाग
अगर मिला है केवल एक फॉर्म 16 तो ऐसे करें ITR फाइल
अगर आपको केवल अपनी वर्तमान कंपनी से ही फॉर्म 16 मिला है तो फिर अपनी सैलरी स्लिप का इस्तेमाल करके रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके अलावा आईटी एक्ट के अनुसार डिडक्शन की भी जानकारी भर सकते हैं।
अगर आपको केवल अपनी वर्तमान कंपनी से ही फॉर्म 16 मिला है तो फिर अपनी सैलरी स्लिप का इस्तेमाल करके रिटर्न फाइल कर सकते हैं। इसके अलावा आईटी एक्ट के अनुसार डिडक्शन की भी जानकारी भर सकते हैं।