वाई पूरण कुमार की तरफ से लिखे गए सुसाइड नोट में जिन शिकायतों का जिक्र है, चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी ने उसका रिकॉर्ड मानवाधिकार आयोग व संबंधित विभागों से मांगा है। सुसाइड नोट में एडीजीपी ने हरियाणा के कई अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था और शिकायतें उच्चाधिकारियों को भी की गई थी।
इस बीच चंडीगढ़ पुलिस ने सोमवार को मृतक के परिवार को पोस्टमार्टम के लिए दूसरी बार रिमाइंडर भेजा है। इसमें स्पष्ट है कि मेडिकल कारणों से मौत की पुष्टि और फॉरेंसिक साक्ष्य सुरक्षित रखने के लिए पोस्टमार्टम जरूरी है। शव डिकंपोज की स्थिति में आ रहा है।
2 of 11
वाई पूरण कुमार का शव पीजीआई में ले जाते हुए
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
देरी करने पर जैविक और बैलिस्टिक सबूत नष्ट हो सकते हैं जिससे जांच प्रभावित होगी। सूत्रों ने बताया कि ऐसे मामलों में परिवार की सहमति नहीं मिलने पर पुलिस जिला मजिस्ट्रेट या अदालत का रुख भी कर सकती है।
3 of 11
आईएएस अमनीत पी कुमार के आवास पर पहुंचे दुष्यंत चौटाला व अन्य
- फोटो : अमर उजाला
- जिस लैपटॉप से फाइनल नोट टाइप हुआ, उसे कब्जे में लेकर टाइपिंग की जांच की जाएगी।
- फाइनल नोट पर किए गए दस्तखत की सीएफएसएल जांच करेगी पुलिस।
- लैपटॉप से अगर फाइनल नोट किसी को मेल किया तो किसे किसे किया।
- फाइनल नोट कब टाइप हुआ। चूंकि वसीयत पर 6 अक्तूबर की तारीख है और फाइनल नोट पर 7 तारीख।
4 of 11
वाई पूरण कुमार का शव पीजीआई में ले जाते हुए
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
लैपटॉप और पोस्टमार्टम के बीच उलझी जांच
पुलिस पोस्टमार्टम के दौरान विसरा लेकर उसे जांच के लिए सेक्टर-36 की लैब में भेजेगी। यहां जांच करने पर पता चलेगा कि मृतक ने आत्महत्या से पहले क्या खाया था। क्या आत्महत्या करने से पहले सुसाइड का कोई दूसरा तरीका भी अपनाया था।
5 of 11
पीजीआई पहुंचे हुए आईजीपी पुष्पेंदर कुमार और एसएसपी कंवरदीप कौर पीजीआई मुर्दा घर से बाहर आते हुए
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एडीजीपी आत्महत्या मामले की जांच कई अहम सबूतों के अभाव और प्रक्रिया में रुकावट के चलते आगे नहीं बढ़ पा रही है। सूत्रों के अनुसार परिजनों ने उस लैपटॉप को पुलिस को देने से इन्कार कर दिया है जिसमें फाइल नोट टाइप किया गया था। इस कारण पुलिस की तफ्तीश फिलहाल अटक गई है।