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शहादत: आखिरी विदाई में उमड़ा जनसैलाब, अंतिम दर्शन को पेड़ पर चढ़े लोग, दिल छू लेगी पिता की बात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चरखी दादरी (हरियाणा) Published by: ajay kumar Updated Wed, 09 Sep 2020 08:15 PM IST
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People gather in huge number during last rites of Shaheed in Charkhi Dadri
Haryana - फोटो : अमर उजाला

जम्मू-कश्मीर के नौगाम में पाकिस्तान की फायरिंग में पांच सितंबर को शहीद हुए हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बांस गांव निवासी भूपेंद्र सिंह की अंतिम यात्रा में लोगों का हुजूम उमड़ा। जिले के अधिकारियों समेत राजनेता और दूसरे जिलों के लोग शहीद को नमन करने पहुंचे। बांस गांव में यह पहली शहादत है, जबकि जिले का 117वां जवान शहीद हुआ है। इसकी पुष्टि सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी की तरफ से की गई है। भूपेंद्र सिंह शहादत को पाने वाले जिले के सबसे कम उम्र के सैनिक हैं।

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People gather in huge number during last rites of Shaheed in Charkhi Dadri
शहीद की अंतिम यात्रा में उमड़ी जनसैलाब। - फोटो : अमर उजाला

ढाई हजार की आबादी वाले बांस गांव के लोग अपने लाडले के अंतिम दर्शन को एकजुट नजर आए। सुबह करीब पांच बजे ही ग्रामीण शहीद के घर पहुंचना शुरू हो गए। पिता मलखान सिंह और छोटे भाई दीपक के चेहरे पर परिवार के लाडले को खोने का गम दिख रहा था। हालांकि दोनों ने अपने आंसुओं को न केवल रोके रखा, बल्कि अन्य परिजनों का भी ढाढ़स बंधाते नजर आए। 

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शहीद पति के अंतिम दर्शन के दौरान विलाप करतीं पत्नी रेखा। - फोटो : अमर उजाला

सुबह 7 बजे पहुंचने शुरू हो गए अधिकारी व राजनेता
बुधवार सुबह 7:05 बजे तहसीलदार अजय सैनी बांस गांव पहुंचे। इसके एक घंटे बाद डीसी शिवप्रसाद शर्मा और एसपी बलवान सिंह राणा भी पहुंच गए। दोनों प्रशासनिक अधिकारी पहले शहीद के घर पहुंचे। इसके बाद सैन्य अधिकारियों और परिजनों के साथ अंतिम संस्कार वाली जगह पर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लेने पहुंचे। पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के अलावा भाजपा जिला अध्यक्ष सतेंद्र सिंह परमार, कांग्रेस प्रदेश सचिव अजीत सिंह फौगाट भी शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। 

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पेड़ों पर चढ़ लोगों ने किए अंतिम दर्शन। - फोटो : अमर उजाला

शहीद भूपेंद्र सिंह के दोस्त एवं बांस गांव निवासी संदीप कौशिक ने बताया कि भूपेंद्र की शहादत गांव के लिए गर्व की बात है। युवाओं की मांग है कि सरकार गांव के राजकीय स्कूल और खेल स्टेडियम का नामकरण शहीद भूपेंद्र सिंह के नाम पर करे। शहीद के पिता मलखान सिंह ने कहा कि उन्हें बड़े बेटे भूपेंद्र की शहादत पर गर्व है। भगवान हर जन्म में उन्हें ऐसा बेटा ही दें। उन्होंने कहा कि छोटे बेटे दीपक को भी वो सेना में भेजेंगे।

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पांच सितंबर की सुबह पत्नी रेखा से हुई थी शहीद भूपेंद्र की बात
शहीद के साले सोमबीर ने बताया कि पांच सितंबर की सुबह भूपेंद्र ने अपनी पत्नी रेखा से फोन पर बातचीत की थी। इसके बाद रेखा मायके झिंझर आ गई थी। वे वहां मंदिर जाने के लिए घर से निकले थे और इसी दौरान शहादत की खबर पहुंच गई। इसके बाद रेखा को बीच रास्ते से ही घर वापस बुला लिया। सोमबीर ने बताया कि उसकी बहन रेखा को उन्होंने शाम को शहादत की बात बताई। सोमबीर ने बताया कि वह भी सेना में है और उनकी तैनाती मेरठ में है।

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