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चमोली आपदा: पीड़ितों ने सुनाई व्यथा...जहां मलबा पड़ा है यहीं घर था..आसमान से बरसी आफत ने बरपाया ऐसा कहर

लक्ष्मी प्रसाद कुमेड़ी, संवाद न्यूज एजेंसी, कुलसारी (चमोली) Published by: रेनू सकलानी Updated Mon, 25 Aug 2025 02:07 PM IST
सार

चमोली के थराली तहसील में शुक्रवार देर रात बादल फट गया था। क्षेत्र में 90 परिवार प्रभावित हुए हैं।  प्रभावित करीब 20 से 25 लोग आपदा राहत एवं बचाव केंद्र राजकीय पॉलीटेक्निक में रह रहे हैं

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Chamoli disaster victims pain houses destroyed affected people stayed at the disaster relief and rescue center
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

थराली के कोटडीप, राड़ीबगड़ इलाके में आसमान से बरसी आफत ने ऐसा कहर बरपाया कि लोगों की ओर से एक-एक पाई जोड़कर बनाए गए आशियाने हों या गुजर बसर की सामग्री, सब एक पल में ही मलबे से तबाह हो गई। कई आपदा प्रभावित अब बेघर हैं। आगे सब कुछ कैसे पटरी पर लौटेगा यह सवाल आंखों में लिए प्रभावितों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को अपनी व्यथा सुनाई।

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थराली क्षेत्र के प्रभावित करीब 20 से 25 लोग आपदा राहत एवं बचाव केंद्र राजकीय पॉलीटेक्निक में रह रहे हैं। रविवार दोपहर को सीएम पुष्कर सिंह धामी कुलसारी हेलिपैड पहुंचे इसके बाद प्रभावितों से मिलने के लिए सीधे राहत केंद्र पहुंचे। आपदा में मृत कविता के पिता नरेंद्र सिंह सीएम को अपनी व्यथा बताते हुए रो पड़े।

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Chamoli disaster victims pain houses destroyed affected people stayed at the disaster relief and rescue center
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

नरेंद्र सिंह ने कहा कि जीवन भर की एक-एक पाई जोड़कर बनाया गया मकान अब मलबा हो गया। बेटी कविता की भी मौत हो गई।

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चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

वहीं कोटडीप की सावित्री देवी ने बताया कि रात बारह बजे मलबा आया और उसके बाद मलबे के साथ वाहन बहते हुए उनके मकान के नजदीक गिरे। जब तक वो कुछ समझ पाते तब उनका मकान टूट गया था। बमुश्किल पति के साथ वह मकान से बाहर निकलीं। बच्चे बाहर रहते हैं और अब घर भी नहीं है।
 

Chamoli disaster victims pain houses destroyed affected people stayed at the disaster relief and rescue center
चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
एक अन्य महिला ने बताया कि बारिश के दौरान जब लोग अलर्ट कर रहे थे वो अपने बच्चों और बुजुर्ग सास को निकालने लगीं। इतने में उनके कमरों में पूरा मलबा आ गया। कपड़े भी उसमें दब गए। रिश्तेदारों ने कपड़े की व्यवस्था की है।
 

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चमोली आपदा - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
उनके तीन छोटे बच्चे और बीमार सास है। पति हरिद्वार में प्राइवेट नौकरी करते हैं। इसके अलावा अन्य प्रभावितों ने भी सीएम से अपनी दास्तां बताई। इसके साथ ही प्रभावितों ने थराली के लोअर बाजार, कोटडीप बस्ती में आपदा से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने और जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं उनके विस्थापन की गुहार लगाई। 
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