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Holika Dahan 2023: दूर करें असमंजस...इस समय तक रहेगा भद्रा का साया, ये है होलिका पूजन और दहन का शुभ मुहूर्त

संवाद न्यूज एजेंसी, हरिद्वार Published by: अलका त्यागी Updated Fri, 03 Mar 2023 04:32 PM IST
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Holi 2023: Holika Dahan and Pujan Shubh muhurat bhadra Information uttarakhand News in Hindi
होलिका दहन - फोटो : फाइल फोटो

इस साल होलिका दहन सात मार्च और रंगों की होली आठ मार्च को होगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, फाल्गुन पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका दहन होता है। उसके अगले दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होली खेली जाती है। 



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फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 6 मार्च मंगलवार को शाम 4.17 बजे शुरू होगी। पूर्णिमा तिथि का समापन 7 मार्च बुधवार को शाम 6.09 बजे होगा।

दोनों ही दिन प्रदोष काल पूर्णिमा तिथि में रहेगा। ऐसे में लोगों को असमंजस था कि होलिका दहन छह मार्च को करें या सात मार्च को। लेकिन इस साल होलिका दहन की तिथि पर सुबह के समय भद्रा रहेगी। इसलिए ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 7 मार्च को शाम 6.24 बजे से रात 8. 51 बजे तक होगा।

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उत्तराखंड में होलिका दहन - फोटो : अमर उजाला फाइल फोटो

शिव उपासना धर्मार्थ ट्रस्ट के संस्थापक एवं निरंजनी अखाड़े के स्वामी रामभजन वन महाराज के मुताबिक, पंचांग के अनुसार 7 मार्च को होलिका दहन के लिए 2 घंटे 27 मिनट का मुहूर्त है। इस अवधि में होलिका पूजन और दहन किया जाएगा।

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उत्तराखंड में होलिका दहन - फोटो : अमर उजाला

होलिका दहन के अगले दिन रंगो का त्योहार मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पंडित विजेंद्र दत्त के मुताबिक 8 मार्च को चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि शाम 7.42 बजे तक है। इस अवधि में रंग खेलना शुभ रहेगा।

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उत्तराखंड में होलिका दहन - फोटो : अमर उजाला

ज्योतिषाचार्य पंडित विजेंद्र दत्त का कहना है कि शास्त्रों के मुताबिक, भगवान विष्णु के परम भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने के लिए उसके पिता हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को तैयार किया। होलिका के पास एक चादर थी, जिसको ओढ़ लेने से उस पर आग का प्रभाव नहीं होता था।

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उत्तराखंड में होलिका दहन - फोटो : अमर उजाला

इस वजह से वह फाल्गुन पूर्णिमा को प्रह्लाद को आग में लेकर बैठ गई। भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। इस वजह से हर साल होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन रंगों की होली मनाई जाती है।

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