{"_id":"5e5f1e178ebc3eebb5623945","slug":"delhi-violence-hindu-masjid-and-muslim-temple-protect-in-shiv-vihar","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"दिल्ली हिंसा: यहां हिंदू मस्जिद तो मुस्लिम करते हैं मंदिर की रखवाली, देखें तस्वीरें","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
दिल्ली हिंसा: यहां हिंदू मस्जिद तो मुस्लिम करते हैं मंदिर की रखवाली, देखें तस्वीरें
किशन कुमार, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 04 Mar 2020 08:48 AM IST
विज्ञापन
Delhi Violence
- फोटो : अमर उजाला
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने कुछ जगहों पर धार्मिक स्थलों को भी निशाना बनाया। लेकिन हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित शिव विहार स्थित महालक्ष्मी एन्क्लेव ऐसा इलाका है जहां दोनों समुदाय के लोगों ने सांप्रदायिक सद्भाव की अनोखी मिसाल पेश की है। इस इलाके में स्थित मंदिर की रखवाली मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं जबकि मस्जिद का हिंदू समाज।
Trending Videos
Delhi Violence
- फोटो : अमर उजाला
शिव विहार तिराहे से कुछ दूरी पर स्थित इस इलाके तक हिंसा की आग नहीं पहुंची सकी। वजह इस इलाके में हिंदू- मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग आपस में मिलकर रहते हैं। इसी इलाके में ज्वाला ज्योति नाम का मंदिर है, जोकि यहां रहने वाले लोगों की आस्था का केंद्र है।
विज्ञापन
विज्ञापन
एक साथ दोनों समुदाय की महिलाएं
- फोटो : अमर उजाला
ऐसे में यहां ज्योति वाले गुरुजी के नाम से मशहूर महंत ने इलाके में मस्जिद और मुस्लिम समुदाय के लोगों के घरों व दुकानों की रक्षा की। महंत अपने 20 लोगों की टीम के साथ रात भर इलाके की सुरक्षा करने के साथ-साथ आसपास के लोगों को चाय पिलाकर सौहार्द की मिठास भी घोलने का काम कर रहे हैं।
delhi violence
- फोटो : अमर उजाला
मंसूर करते हैं मंदिर की रखवाली
इसी इलाके में रहने वाले मंसूर कॉलोनी के दूसरे भाग पर रहकर मंदिर समेत पूरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों की रखवाली करते हैं। मंसूर ने बताया कि बीते 20 सालों से यहां पर परिवार के साथ रह रहे हैं। लेकिन कभी इस तरह से नहीं देखा। हालांकि, हमारे इलाके में यह आपसी भाईचारा व सौहार्द ही था कि हमने हिंसा की आग को कॉलोनी तक नहीं पहुंचने दी।
इसी इलाके में रहने वाले मंसूर कॉलोनी के दूसरे भाग पर रहकर मंदिर समेत पूरी कॉलोनी में रहने वाले लोगों की रखवाली करते हैं। मंसूर ने बताया कि बीते 20 सालों से यहां पर परिवार के साथ रह रहे हैं। लेकिन कभी इस तरह से नहीं देखा। हालांकि, हमारे इलाके में यह आपसी भाईचारा व सौहार्द ही था कि हमने हिंसा की आग को कॉलोनी तक नहीं पहुंचने दी।
विज्ञापन
Delhi Violence
- फोटो : ANI
इस कॉलोनी में आपसी सौहार्द के लिए केवल पुरुष ही नहीं बल्कि महिलाएं भी बढ़ चढ़कर भाग लेती हैं। यही कारण है कि घरों की चौखट पर दोनों समुदायों की महिलाओं का जमघट देखने को मिल मिलता।