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गाजियाबाद आग: धमाके संग फटने लगे गैस सिलेंडर, बच्चों को गोद में लेकर भागीं महिलाएं, सामान जलता देख रोते...
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 04 Nov 2020 03:48 PM IST
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स्लम एरिया में लगी भीषण आग
- फोटो : अमर उजाला
गाजियाबाद के साहिबाबाद के टीलामोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा कुटी में बनी झुग्गियों और कबाड़ के ढेरों में मंगलवार रात करीब दस बजे अचानक आग लग गई। पन्नी, प्लास्टिक की कतरन होने से आग ने विकराल रूप ले लिया। आनन फानन लोग शोर मचाते हुए परिवार और कुछ सामान लेकर भागे। धमाके के साथ गैस सिलेंडर फटने लगे। सूचना पाकर दमकल की 12 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग लगने के कारणों और जनहानि की जानकारी नहीं हो सकी है। देर रात तक आग बुझाने का प्रयास जारी था।
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स्लम एरिया में लगी भीषण आग
- फोटो : अमर उजाला
टीलामोड़ थाना क्षेत्र के भोपुरा कुटी में खाली जमीन पर पांच सौ से अधिक झुग्गियां बसी हुई हैं। यहां पर बंगाल समेत अन्य कई राज्यों से आकर लोग बसे हुए हैं। यहां पर बड़े पैमाने पर प्लास्टिक, पन्नी और कबाड़ का कारोबार होता है। मंगलवार रात करीब दस बजे अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने आसपास की झुग्गियों और कबाड़ को अपनी चपेट में ले लिया।
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स्लम एरिया में लगी भीषण आग
- फोटो : अमर उजाला
आग की लपटें निकलती देखकर लोग शोर मचाने लगे। इस दौरान झुग्गियों में सो रहे लोग आनन फानन परिवार, बच्चे और कुछ सामान लेकर सुरक्षित स्थान पर भागे। लोगों ने मामले की सूचना पुलिस और दमकल विभाग दी। सूचना पाकर सीएफओ सुनील सिंह, एफएसओ साहिबाबाद, एफएसओ लोनी करीब 12 गाड़ियां लेकर मौके पर पहुंचे और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। बड़ी आग होने के चलते नोएडा से भी गाड़ियां मंगाई गईं। आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। किसी के हताहत होने की भी जानकारी नहीं हो सकी।
स्लम एरिया में लगी भीषण आग
- फोटो : अमर उजाला
बच्चों को गोद में लेकर भागीं महिलाएं
झुग्गियों में लोग सो रहे थे। आग लगने पर शोर मचा तो लोग अपने परिवार और बच्चों को लेकर जान बचाते हुए भागे। कई लोगों को झुग्गियों से सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। लोग अपना सामान जलता हुआ देखकर रोते बिलखते रहे। लोगों का कहना था कि सर्दियों में उनके सिर से छत तक छिन गई। गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया। आग लगने के दौरान झुग्गियों में रखे गैस सिलेंडर धमाके के साथ फटते रहे। कुछ लोग झुग्गियों से अपना सामान निकालने और कबाड़ को भी हटाने में जुटे थे।
झुग्गियों में लोग सो रहे थे। आग लगने पर शोर मचा तो लोग अपने परिवार और बच्चों को लेकर जान बचाते हुए भागे। कई लोगों को झुग्गियों से सामान निकालने का भी समय नहीं मिला। लोग अपना सामान जलता हुआ देखकर रोते बिलखते रहे। लोगों का कहना था कि सर्दियों में उनके सिर से छत तक छिन गई। गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया। आग लगने के दौरान झुग्गियों में रखे गैस सिलेंडर धमाके के साथ फटते रहे। कुछ लोग झुग्गियों से अपना सामान निकालने और कबाड़ को भी हटाने में जुटे थे।
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स्लम एरिया में लगी भीषण आग
- फोटो : एएनआई
तीन से चार हजार रुपये देते थे किराया
झुग्गियों में बिहार, बंगाल समेत अन्य कई राज्यों से आए लोग रहते थे। यहां पर रहने वाले लोग करीब तीन से चार हजार रुपये झुग्गी का किराया देते थे। इसमें वह दिल्ली और आसपास से कबाड़, कपड़े के कतरन, प्लास्टिक और पन्नी लाकर अलग अलग करते थे। इसके बाद उन्हें फैक्टरियों में भेजा जाता था। झुग्गियों में रहने वाले लोगों का कहना था कि एक ठेकेदार रुपये हर माह लेने आता था। जमीन किसकी है। इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।
झुग्गियों में बिहार, बंगाल समेत अन्य कई राज्यों से आए लोग रहते थे। यहां पर रहने वाले लोग करीब तीन से चार हजार रुपये झुग्गी का किराया देते थे। इसमें वह दिल्ली और आसपास से कबाड़, कपड़े के कतरन, प्लास्टिक और पन्नी लाकर अलग अलग करते थे। इसके बाद उन्हें फैक्टरियों में भेजा जाता था। झुग्गियों में रहने वाले लोगों का कहना था कि एक ठेकेदार रुपये हर माह लेने आता था। जमीन किसकी है। इसकी जानकारी नहीं हो सकी है।