पांच साल के मासूम राइद और 13 वर्षीय उसके बड़े भाई रेयान ने माता-पिता और बहनों का जनाजा देखा तो दोनों उनसे लिपट कर फूट-फूटकर रोने लगे। जिसने भी यह मंजर देखा उसका कलेजा बाहर आने को तैयार हो गया। घर में एक साथ एक ही परिवार के चार लोगों की लाश देखकर लोगों का कलेजा मुंह को आने के लिए तैयार था।
मटके वाली गली में एक साथ उठे चार जनाजे: हर किसी की आंखों से छलके आंसू, दादी बच्चों को सीने से लगाकर मारती रही दहाड़े
शनिवार शाम को जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी में पोस्टमार्टम के बाद चारों के शव उनके घर पहुंचे तो घर में कोहराम मच गया। बेटे-बहू और पोतियों की लाश देखकर दादी शहनाज तो बार-बार बेहोश हुए जा रही थी। सभी उनको संभाल रहे थे। पूरे परिवार को फ्रिक थी कि अब इसरार के बच्चों का क्या होगा। इसरार ने बेटों को जिंदा छोड़कर अपने पूरे परिवार को ही खत्म कर लिया। देर शाम को बारिश के बीच सभी चारों के जनाजों को एक साथ घर से ले जाकर कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया।
रेयान ने बताया है कि शुक्रवार सुबह 5.30 बजे उसकी आंख खुली थी तो उस समय सब कुछ ठीक था। उसकी दोनों बहनें बाहर ही सो रही थीं जबकि उसके माता-पिता व छोटा भाई राइद अंदर था। बाद में रेयान दोबारा सो गया। परिजनों का कहना है कि अमूमन घर के ज्यादातर लोग आठ बजे के बाद ही सोकर उठते हैं। ऐसा लगता है कि शायद इसरार रात को सोया ही नहीं था। पत्नी रात 12 बजे अपने मायके से आकर सो गई थी, लेकिन इसरार जागता रहा।
सुबह करीब 6.30 बजे के आसपास उसने परिवार को कुछ नशीला पदार्थ सुंघाकर बेहोश कर दिया। इसके बाद पत्नी और बेटियों को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार दी। चूंकि यह सब उसने दरवाजा बंद करके किया तो शायद इसी वजह से बाहर किसी को इसकी जानकारी नहीं हुई। परिजनों का कहना है कि इसरार परेशान तो चल रहा था, लेकिन वह ऐसा कदम उठाएगा किसी को भी इसकी उम्मीद नहीं थी। उसके इस कदम से सभी हैरान हैं।
इसरार के परिवार में दो माह पूर्व ही उसके भाई फरमान की पत्नी तराना और उसकी बच्ची की मौत हुई थी। अब चार मौतों से परिवार और टूट गया है। एक परिजन ने बताया कि इसरार के परिवार में पिता खुर्शीद, मां शहनाज, बड़ा भाई इरशाद, दो छोटे भाई इजहार और फरमान हैं। इरशाद और इजहार जामिया नगर इलाके में रहते हैं। जबकि मटके वाली गली के मकान में माता-पिता और छोटा भाई फरमान रहता है। पुलिस इनके परिजनों से भी पूछताछ कर रही है।