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आकाश में उड़ने का शौक है तो एयरहोस्टेस और पायलट का कोर्स करें
टीम डिजिटल/ अमर उजाला,नई दिल्ली
Updated Wed, 30 Nov 2016 12:35 PM IST
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जो लोग अपने करियर को लेकर दुविधा में हैं उनके लिए एविएशन एक अच्छा ऑप्शन साबित हो सकता है, क्योंकि भारत में निजी एयरलाइंस आने से प्रतिस्पर्धा दिन-ब-दिन बढ़ने लगी है। इस कारण इसमें रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
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करियर को लेकर दुविधा में हैं तो एविएशन में भरें उड़ान
एविएशन मे नौकरी के प्रकार-
पायलट- अगर आप पायलट बनना चाहते हैं तो इसकी ट्रेनिंग के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष रखी गई है। इसके साथ 12वीं में विज्ञान या गणित होना जरूरी है। सबसे पहले इसमें आपको फ्लाइंग क्लब से स्टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल करना पड़ता है और इसके बाद प्राइवेट पायलट लाइसेस (पीपीएल) या कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) का कोर्स करना होता है। अगर आप कॉमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो आपके लिए सीपीएल, वहीं अगर आप अपना प्राइवेट हवाई जहाज उड़ाना चाहते हैं तो आपके लिए पीपीएल जरूरी होता हैं।
पायलट- अगर आप पायलट बनना चाहते हैं तो इसकी ट्रेनिंग के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष रखी गई है। इसके साथ 12वीं में विज्ञान या गणित होना जरूरी है। सबसे पहले इसमें आपको फ्लाइंग क्लब से स्टूडेंट पायलट लाइसेंस हासिल करना पड़ता है और इसके बाद प्राइवेट पायलट लाइसेस (पीपीएल) या कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस (सीपीएल) का कोर्स करना होता है। अगर आप कॉमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो आपके लिए सीपीएल, वहीं अगर आप अपना प्राइवेट हवाई जहाज उड़ाना चाहते हैं तो आपके लिए पीपीएल जरूरी होता हैं।
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करियर को लेकर दुविधा में हैं तो एविएशन में भरें उड़ान
इंजीनीनियर-
एयरलाइंस मेंटेनेंस इंजीनियर बनने के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग या एयरोनॉटिकल मेंटेनेंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा मांगा जाता है।
केबिन क्रू-
एयरहोस्टेस या फ्लाइट पर्सर केबिन क्रू का हिस्सा होते हैं। इसेक लिए आपको अंग्रेजी आनी चाहिए। उसे मल्टी टॉस्किंग आनी चाहिए। इनका मुख्य कार्य यात्रियों का ध्यान रखना होता है।
एयरलाइंस मेंटेनेंस इंजीनियर बनने के लिए एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग या एयरोनॉटिकल मेंटेनेंस इंजीनियरिंग में डिप्लोमा मांगा जाता है।
केबिन क्रू-
एयरहोस्टेस या फ्लाइट पर्सर केबिन क्रू का हिस्सा होते हैं। इसेक लिए आपको अंग्रेजी आनी चाहिए। उसे मल्टी टॉस्किंग आनी चाहिए। इनका मुख्य कार्य यात्रियों का ध्यान रखना होता है।
करियर को लेकर दुविधा में हैं तो एविएशन में भरें उड़ान
फ्लाइट इंजीनियर-
हवाई जहाज के पुर्जों की जांच करना इनकी जिम्मेदारी होती है। इसके लिए इलेक्टॉनिक्स इलेक्ट्रिकल्स, मैकेनिकल, एयरोनॉटिकल या कम्प्यूटर में से किसी एक में ग्रेजुएशन जरूरी है। अगर आपके पास फ्लाइट इंजीनियर का ग्राउंड पाठ्यक्रम या एयर क्राफ्ट इंजीनियर लाइसेंस या सीपीएल है तो आप अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपने 12वीं विज्ञान विषयों से पास की हो और आपकी उम्र तीस साल से ज्यादा ना हो।
हवाई जहाज के पुर्जों की जांच करना इनकी जिम्मेदारी होती है। इसके लिए इलेक्टॉनिक्स इलेक्ट्रिकल्स, मैकेनिकल, एयरोनॉटिकल या कम्प्यूटर में से किसी एक में ग्रेजुएशन जरूरी है। अगर आपके पास फ्लाइट इंजीनियर का ग्राउंड पाठ्यक्रम या एयर क्राफ्ट इंजीनियर लाइसेंस या सीपीएल है तो आप अप्लाई कर सकते हैं। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आपने 12वीं विज्ञान विषयों से पास की हो और आपकी उम्र तीस साल से ज्यादा ना हो।
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करियर को लेकर दुविधा में हैं तो एविएशन में भरें उड़ान
मीटिरियोलॉजिस्ट-
अगर आपके पास मौसम विज्ञान, भौतिक, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित और दूरसंचार में ग्रेजुएश, पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है तो आप इसेक लिए आवेदन कर सकते हैं।
एयर ट्रैफिक कंटोलर्स-
ये हर समय हवाई जहाज की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इसके लिए रेडियो इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री मांगी जाती है। साथ ही आपकी गणित भी अच्छी होनी चाहिए।
अगर आपके पास मौसम विज्ञान, भौतिक, कम्प्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, गणित और दूरसंचार में ग्रेजुएश, पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है तो आप इसेक लिए आवेदन कर सकते हैं।
एयर ट्रैफिक कंटोलर्स-
ये हर समय हवाई जहाज की गतिविधियों पर नजर रखते हैं। इसके लिए रेडियो इंजीनियरिंग या इलेक्ट्रॉनिक्स में डिग्री मांगी जाती है। साथ ही आपकी गणित भी अच्छी होनी चाहिए।