राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेताओं को लगता है कि बॉलीवुड के अगले सलमान खान वही हैं। बॉलीवुड अभिनेता अक्षय ओबेरॉय ने जब राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म 'इसी लाइफ में' से अपने करियर की शुरुआत की तो उन्हें भी ऐसा ही कुछ लगा। अमेरिका में पले बढे अक्षय ओबेरॉय ने बाल कलाकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत अंग्रेजी फिल्म 'अमेरिकन चाय' से की थी। अक्षय ओबेरॉय की नई फिल्म गैस लाइट हाल ही में ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज हुई हैं, इसके अलावा वह ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण के साथ अपनी आगामी फिल्म 'फाइटर' को लेकर भी चर्चा में हैं। अक्षय ओबेरॉय से ‘अमर उजाला’ की एक खास मुलाकात..
Akshay Oberoi: जब दीपिका के ‘बॉयफ्रेंड’ को लगा कि मैं ही अगला सलमान खान हूं, मकरंद देशपांडे ने दिया पहला सहारा
आप को कब लगा कि सिनेमा से आपको प्यार हो गया है?
मुझे तो बचपन से ही एक एक्टर ही बनना था। लेकिन यह काम बहुत मुश्किल काम होता है, क्योंकि बचपन में कोई आप को बताता नहीं है कि यह काम कैसे करना है। मैं बहुत सौभाग्यशाली रहा है कि मुझे जो करना था, उसे बचपन में ही चुन लिया था। साल 2002 में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर इंग्लिश फिल्म 'अमेरिकन चाय' में काम किया था। आज भी मेरा घर एक्टिंग के बदौलत ही चल रहा है। मेरे पिता कृष्णन ओबेरॉय को सिनेमा देखने का बहुत शौक रहा है। मुझे भी देवानंद, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन की फिल्में दिखाया करते थे। जब मैंने अमिताभ बच्चन की फिल्म 'त्रिशूल' देखी, तो इस फिल्म का मेरे ऊपर ऐसा गहरा असर हुआ कि मैंने पापा को कहा कि मुझे भी यह काम करना है। पापा ने कहा, देखो स्टार बनना और न बनना तुम्हारे हाथ में नहीं है, लेकिन हां, एक्टर बनना तुम्हारे हाथ में जरूर है। उस समय पापा क्या बोल गए मेरी समझ में नहीं आया। लेकिन आज उनकी बातों पर गौर करता हूं। अभी भी जीतना सीख सकता हूं सीख रहा हूं और बेहतर से बेहतर काम करने की कोशिश करता हूं।
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जब आप मुंबई आए तो राजश्री प्रोडक्शंस की फिल्म 'इसी लाइफ में' में मौका कैसे मिला?
मैं अमेरिका से साल 2008 में मुंबई आया, तो मुझे अक्सर यही लगता है कि कहां से कहां पहुंच गया। जब मैं अमेरिका से मुंबई आया तो यहां किसी को जानता तो था नहीं, अमेरिका में मैं थियेटर करता था। थियेटर के बारे में मुझे पता था,तो पृथ्वी थियेटर मकरंद देशपांडे से मिलने पहुंच गया। उन्होंने मुझे एक नाटक 'मिस ब्यूटीफुल' में काम दिया था। उस नाटक को राजश्री प्रोडक्शंस के मैनेजर पीके गुप्ता ने देखा था। उन्होंने ऑफिस में बुलाया, वहां फिर सूरज बड़जात्या से मुलाकात हुई। 'इसी लाइफ में' के लिए मेरे कई बार ऑडिशन हुए, उसके बाद मैं सिलेक्ट हुआ। उस समय तो मुझे ऐसा ही लगता था कि आने वाले समय का मैं सलमान खान हूं। राजश्री प्रोडक्शन मुझे सलमान खान की तरह लांच कर रहा है। लेकिन फिल्म नहीं चली। उसके बाद मुझे 'पिज्जा', 'पीकू', 'गुड़गांव' जैसी फिल्मों में काम मिलने शुरू हो गए। अब तो ओटीटी प्लेटफार्म आ गया है, उस पर लगातार काम कर रहा हूं।
अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पीकू' में भी आप काम कर चुके हैं, यह फिल्म आपको कैसे मिली?
उन दिनों मैने निर्देशक सुजीत सरकार के कुछ कुछ ऐड किए थे। उसी समय वो 'पीकू' की भी शूटिंग कर रहे थे। अचानक एक रात उनका फोन आया कि एक रोल है, दीपिका पादुकोण के बॉयफ्रेंड का, जो उनके साथ डेट पर जाता है। उस रोल को पहले कोई बड़ा स्टार करने वाला था, लेकिन डेट्स प्रॉब्लम की वजह से नहीं कर पाए और वह रोल मुझे मिल गया। दीपिका पादुकोण के साथ वह सीन बहुत ही यादगार रहा है। आज भी लोग जब उस सीन को देखते हैं, तो काफी पसंद करते हैं। अब दोबारा उनके साथ फिल्म 'फाइटर' में काम करने का मौका मिला है। इस बात का अफसोस मुझे हमेशा रहेगा कि बच्चन साहब की फिल्म में काम करने के बाद भी उनके साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका नहीं मिला। उनकी ही फिल्म 'त्रिशूल' देखकर मुझे फिल्मों में काम करने की प्रेरणा मिली थी।
अमिताभ बच्चन के अलावा किसी दूसरे अभिनेता के बारे में कुछ बताना चाहेंगे?
ऐसे तो बहुत सारे स्टार्स हैंजिनके साथ काम करने का यादगार अनुभव रहा है,लेकिन फिल्म 'कालाकांडी' में सैफ अली खान के साथ काम करके बहुत मजा आया। वह बहुत ही उम्दा कलाकार और इंसान हैं। उनके साथ काम करके मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। शूटिंग के दौरान सेट पर कैसा बर्ताव करना चाहिए, अपने कोएक्टर के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए। अपने संवाद के साथ एक एक्टर कैसे खेल सकता है। ऐसी बहुत सारी चीजें उनसे मैंने सीखी हैं। हालांकि वह फिल्म चली नहीं, लेकिन जब भी वह फिल्म देखता हूं, मुझे पसंद बहुत आती है। उस फिल्म का एक अलग ही सुर है।