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Women's Day: इन फिल्मों में दिखी 'लेस्बियन' महिलाओं की कहानी, एक में तो माधुरी ने निभाया था किरदार
एंटरटेनमेंट डेस्क, अमर उजाला
Published by: Mishra Mishra
Updated Fri, 08 Mar 2019 05:42 AM IST
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डेढ़ इश्किया
- फोटो : social media
हाल में रिलीज हुई फिल्म 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' के जरिए पहली बार कमर्शियल सिनेमा में 'सेम सेक्स कपल' की कहानी को दर्शाया गया। सोनम कपूर, अनिल कपूर, राजकुमार राव और जूही चावला ने इस फिल्म में अहम किरदार निभाया। फिल्म के निर्माताओं ने बिना किसी परेशानी के 'समलैंगिक संबंधों पर बनी इस फिल्म को बड़े दर्शक वर्ग के सामने पेश किया। इस फिल्म को लेकर कहीं कोई विरोध नहीं हुआ।
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रांडू पेनकुट्टीकल
- फोटो : social media
रांडू पेनकुट्टीकल
हिंदी सिनेमा से पहले ही क्षेत्रीय सिनेमा ने इस विषय पर काम करना शुरू कर दिया था। साल 1978 में रिलीज हुई फिल्म रांडू पेनकुट्टीकल के जरिए इस मुद्दे को दिखाया गया। यह एक मलयालम फिल्म थी। यह नंदकुमार के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित थी। इस फिल्म में बताया गया था कि सेम सेक्स के पार्टनर्स के लिए सामाजिक मानदंडों से बाहर निकलना कितना कठिन है।
हिंदी सिनेमा से पहले ही क्षेत्रीय सिनेमा ने इस विषय पर काम करना शुरू कर दिया था। साल 1978 में रिलीज हुई फिल्म रांडू पेनकुट्टीकल के जरिए इस मुद्दे को दिखाया गया। यह एक मलयालम फिल्म थी। यह नंदकुमार के इसी नाम के उपन्यास पर आधारित थी। इस फिल्म में बताया गया था कि सेम सेक्स के पार्टनर्स के लिए सामाजिक मानदंडों से बाहर निकलना कितना कठिन है।
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फायर
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फायर
साल 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को एक नया मोड़ दिया। इस फिल्म को इंडो-कैनेडियन फिल्म निर्माता दीपा मेहता द्वारा निर्देशित किया गया था। यह LGBTQ जैसे मुद्दे पर बनी सबसे अच्छी फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में शबाना आजमी और नंदिता दास के एक्टिंग ने लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया था। फिल्म में ऐसी महिलाओं की कहानी थी जिनके पति उन्हें छोड़ देते हैं जिसके बाद वो एक दूसरे के करीब आ जाती हैं।
साल 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म ने भारतीय सिनेमा को एक नया मोड़ दिया। इस फिल्म को इंडो-कैनेडियन फिल्म निर्माता दीपा मेहता द्वारा निर्देशित किया गया था। यह LGBTQ जैसे मुद्दे पर बनी सबसे अच्छी फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में शबाना आजमी और नंदिता दास के एक्टिंग ने लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया था। फिल्म में ऐसी महिलाओं की कहानी थी जिनके पति उन्हें छोड़ देते हैं जिसके बाद वो एक दूसरे के करीब आ जाती हैं।
गर्लफ्रेंड
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गर्लफ्रेंड
2004 में रिलीज हुई हिंदी फिल्म गर्लफ्रेंड में अमृता अरोड़ा और ईशा कोपिकर ने मुख्य भूमिक निभाई थी। फिल्म में दोनों को बेस्ट फ्रेंड से बढ़कर दिखाया गया था। हालांकि ये फिल्म ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाई।
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मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ
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मार्गरीटा विद अ स्ट्रॉ
साल 2015 में आई इस फिल्म को लेकर बहुत चर्चा हुई थी। इस फिल्म में कल्कि कोचलिन मुख्य भूमिका में थीं। उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित महिला का किरदार निभाया था। फिल्म में विकलांगों के बीच समलैंगिक संबंधों को गहराइयों में जाकर सबके सामने लाने का प्रयास किया गया। इसमें समलैंगिकों के प्रति भारतीयों की विकृत मानसिकता दर्शाया गया।
साल 2015 में आई इस फिल्म को लेकर बहुत चर्चा हुई थी। इस फिल्म में कल्कि कोचलिन मुख्य भूमिका में थीं। उन्होंने सेरेब्रल पाल्सी से पीड़ित महिला का किरदार निभाया था। फिल्म में विकलांगों के बीच समलैंगिक संबंधों को गहराइयों में जाकर सबके सामने लाने का प्रयास किया गया। इसमें समलैंगिकों के प्रति भारतीयों की विकृत मानसिकता दर्शाया गया।