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Shivpal Yadav: द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करेंगे शिवपाल, तो क्या चाचा की विधायकी छीन सकते हैं अखिलेश यादव?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: हिमांशु मिश्रा Updated Sun, 10 Jul 2022 10:39 AM IST
सार

उत्तर प्रदेश में विपक्ष के कई दलों ने भाजपा की अगुआई वाली एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करने का फैसला लिया है। सबसे पहले बसपा ने इसका एलान किया। अब समाजवादी गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी ऐसे संकेत दिए हैं।

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Shivpal yadav will vote in favor of NDA Presidential candidate Draupadi Murmu, can Akhilesh Yadav snatch his uncle's legislature?
शिवपाल सिंह यादव, द्रौपदी मुर्मू और अखिलेश यादव - फोटो : अमर उजाला
राष्ट्रपति चुनाव में रोचक समीकरण बनने लगे हैं। उत्तर प्रदेश में विपक्ष के कई दलों ने भाजपा की अगुआई वाली एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करने का फैसला लिया है। सबसे पहले बसपा ने इसका एलान किया। अब समाजवादी गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने भी ऐसे संकेत दिए हैं।
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इतना ही नहीं समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के चाचा और सपा से विधायक शिवपाल सिंह यादव ने भी द्रौपदी मुर्मू को ही वोट करने का एलान कर दिया है। ऐसे में सवाल ये है कि क्या सपा कोटे से चुने गए शिवपाल सिंह यादव की विधायकी जा सकती है? प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर ही विधायक बने हैं। यानी, विधानसभा में वह समाजवादी पार्टी के सदस्य हैं।

यही कारण है कि सियासी गलियारे में चर्चा होने लगी है कि जल्द ही अखिलेश अपने चाचा की विधायकी समाप्त करवा सकते हैं। सवाल उठ रहा है कि क्या ऐसा हो सकता है? अगर हां तो क्या करेंगे शिवपाल सिंह यादव? आइए जानते हैं...
 
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Shivpal yadav will vote in favor of NDA Presidential candidate Draupadi Murmu, can Akhilesh Yadav snatch his uncle's legislature?
शिवपाल सिंह यादव - फोटो : अमर उजाला
पहले जानिए शिवपाल सिंह यादव ने क्या कहा? 
शुक्रवार रात एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू लखनऊ पहुंचीं। उनके सम्मान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रात्रि भोज का आयोजन किया। इसमें उन्होंने भाजपा के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ शिवपाल सिंह यादव, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओम प्रकाश राजभर, बसपा विधायक उमाशंकर सिंह, राजा भैया को भी बुलाया था। ये सभी नेता पहुंचे भी। 

इस रात्रि भोज के बाद शिवपाल सिंह यादव का बयान सामने आया। उन्होंने कहा, 'मैं पहले भी कह चुका हूं कि जो मुझसे वोट मांगेगा मैं उसे ही दूंगा। न तो समाजवादी पार्टी ने मुझे बुलाया और न ही उन्होंने मेरे वोट की मांग की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे कल रात्रि भोज पर बुलाया था। मैंने एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और तय किया है कि मैं उन्हें वोट दूंगा।'

शिवपाल यहीं नहीं रुके। आगे उन्होंने कहा, 'अखिलेश यादव की राजनीतिक अपरिपक्वता के चलते समाजवादी पार्टी कमजोर होते जा रही है और नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। मुझे न तो पार्टी मीटिंग में बुलाया गया और न ही विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के कार्यक्रम में। अगर अखिलेश यादव मेरी बातों को गंभीरता से लेते उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की स्थिति कुछ और होती। अब तो समाजवादी गठबंधन के कई दल भी उन्हें छोड़ने जा रहे हैं। इसके लिए भी अखिलेश की राजनीतिक अपरिपक्वता ही जिम्मेदार है।'

ये पहली बार नहीं है जब शिवपाल सिंह यादव ने अखिलेश के खिलाफ कोई बात कही हो। इसके पहले भी वह भतीजे अखिलेश यादव के खिलाफ बोलते रहे हैं। 
 
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अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव - फोटो : अमर उजाला
क्यों सदस्यता समाप्त होने को लेकर खड़े हो रहे सवाल? 
शिवपाल सिंह यादव ने जैसे ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का एलान किया सोशल मीडिया पर कई तरह के कमेंट्स आने लगे। लोगों ने कहा कि अगर शिवपाल ऐसा करते हैं तो अखिलेश उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करवा देंगे। शिप्रा श्रीवास्तव नाम की यूजर ने शिवपाल यादव के बयान पर लिखा, 'अगर आप ऐसा करते हैं तो अखिलेश यादव जी आपकी विधानसभा सदस्यता खत्म करवा देंगे।'

विवेक नाम के यूजर ने लिखा, 'राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार को समर्थन देना आप पर भारी पड़ सकता है। आपकी विधायकी अखिलेश यादव छीन लेंगे।' ऐसे ही प्रदीप यादव, केशव वर्मा समेत कई यूजर्स ने शिवपाल को ट्रोल किया है। 
 
Shivpal yadav will vote in favor of NDA Presidential candidate Draupadi Murmu, can Akhilesh Yadav snatch his uncle's legislature?
पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल सिंह यादव के साथ अखिलेश यादव - फोटो : अमर उजाला
अब जानिए क्या शिवपाल की सदस्यता रद्द करवा सकते हैं अखिलेश? 
ये समझने के लिए हमने राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह से संपर्क किया। उनसे भी यही सवाल पूछा। उन्होंने कहा, 'अगर राष्ट्रपति चुनाव की बात करें तो फिलहाल ऐसा संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी की तरफ से कोई व्हिप जारी नहीं की जाती है। मतलब किसी भी पार्टी का कोई सदस्य किसी भी उम्मीदवार को वोट दे सकता है। पार्टी उसपर कार्रवाई नहीं कर सकती है।'

प्रमोद ने इसके लिए इंदिरा गांधी का उदाहरण दिया। तब कांग्रेस के ज्यादातर सांसदों और विधायकों ने खुद के आधिकारिक प्रत्याशी की जगह दूसरे प्रत्याशी को जीत दिलाई थी। 

उन्होंने कहा, 'ये बात वर्ष 1969 की है। राष्ट्रपति चुनाव हो रहे थे। तब इंदिरा गांधी ने नीलम संजीव रेड्डी को उम्मीदवार बनाया था। नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के दिग्गज नेता थे। ऐसे में इंदिरा को डर था कि अगर नीलम संजीव रेड्डी चुनाव जीते तो बाद में उनके लिए खतरा बन सकते हैं। दूसरे उम्मीदवार वीवी गिरी थे। चुनाव से ठीक पहले इंदिरा गांधी ने नई चाल चली। उन्होंने पर्दे के पीछे से बाबू जगजीवन राम के जरिए कांग्रेस के सांसदों और विधायकों को यह कहलवा दिया कि 'अंतरआत्मा की आवाज' पर वीवी गिरी को वोट करें। इसका असर देखने को मिला। कांग्रेस दो खेमों में बंट गई और वीवी गिरी चुनाव जीत गए।'

प्रमोद आगे कहते हैं, 'हां, अगर अखिलेश यादव चाहें तो वह शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख सकते हैं। वह शिवपाल सिंह यादव पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर सकते हैं। हालांकि, ऐसी स्थिति में जांच के बाद ही विधानसभा अध्यक्ष फैसला लेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि, शिवपाल लगातार यह कहते आए हैं कि उन्हें न तो पार्टी की बैठक में बुलाया जाता है और न ही उनसे कोई राय ली जाती है। इस परिस्थिति में वह अपना फैसला खुद करते हैं।'
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Presidential Elections 2022: यशवंत सिन्हा और द्रौपदी मुर्मू - फोटो : Amar Ujala
बढ़ जाएंगे द्रौपदी के मत
भाजपा गठबंधन के पास अभी यूपी में 273 विधायक है। शिवपाल, सुभासपा के छह और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 विधायकों के मत मिलने के बाद संख्या 281 पहुंच जाएगी। बसपा के एकमात्र विधायक उमाशकर सिंह का वोट भी मुर्मू को मिल सकता है। इसके अलावा बसपा के 10 सांसदों के वोट भी द्रौपदी को मिल सकते हैं।
 
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