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कुपवाड़ा आतंकी हमले में खुलासा: जवानों से बर्बरता करने आई थी बैट टीम, 2013 के पुंछ हमले को दोहराने की थी साजिश
अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू
Published by: शाहरुख खान
Updated Mon, 29 Jul 2024 10:59 AM IST
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Kupwara Attack
- फोटो : अमर उजाला
कुपवाड़ा में पाकिस्तान का बैट हमला बड़ी साजिश थी। बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) 12 वर्ष पहले पुंछ में किए गए हमले को दोहराना चाहती थी। कुपवाड़ा में मारे गए आतंकी के पास जिस तरह का सामान मिला, उससे यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि बैट टीम का इरादा भारतीय जवानों पर हमला कर उनके साथ बर्बरता का था। जैसा कि 2013 में पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में किया गया था। तब बैट टीम भारतीय जवान का सिर काट कर ले गई थी।
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कुपवाड़ा में मुठभेड़
- फोटो : साकिव नबी
खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि मारे गए आतंकी के पास चाकू था। इस तरह के चाकू बैट टीम इस्तेमाल करती है। पूर्व ब्रिगेडियर विजय सागर के अनुसार, कुपवाड़ा में एलओसी के नजदीक छह से सात लॉन्चिंग पैड हैं। इन लॉन्चिंग पैड से आतंकी अपनी हर गतिविधि को अंजाम दे रहे हैं।
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security forces
- फोटो : पीटीआई
बैट टीम में पाकिस्तानी सेना तक शामिल होती है। यह एलओसी के नजदीक से ऑपरेट करती है। इन लॉचिंग पैड की भारतीय खुफिया एजेंसियों को सटीक जानकारी है। अब समय है कि भारतीय सेना को बालाकोट में पहले की तरह सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए।
security forces
- फोटो : पीटीआई
इससे पहले कि वहां से आतंकी आकर कुछ करें, वहीं घुसकर आतंकियों को सफाया कर देना चाहिए। केंद्र सरकार को चाहिए कि सीमा पर चल रही गतिविधियों को रोका जाए, क्योंकि पहले से ही जम्मू संभाग में 60 से 70 आतंकी घुसे हुए हैं। एक तरफ सेना को जम्मू में लड़ना पड़ रहा है, दूसरी तरफ आतंकी सीमा से लगातार घुसपैठ कर रहे हैं।
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security forces
- फोटो : पीटीआई
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जम्मू-कश्मीर में समय के साथ आतंकियों ने रणनीति में बदलाव किया है। दहशतगर्द घात लगाकर हमला करने और गोली चलाकर भागने की रणनीति अपना रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को संभावित कमियों को समझने और उन्हें सुधारने के लिए अपनी रणनीति का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत है।
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