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अध्ययन: जानलेवा हो सकती है बहुत अधिक गुस्से की स्थिति, इन गंभीर बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा
हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: Abhilash Srivastava
Updated Sat, 04 Dec 2021 03:49 PM IST
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गुस्से की समस्या
- फोटो : Pixabay
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किसी चीज को लेकर नापसंदी या नाराजगी के जवाब में गुस्सा आना स्वाभाविक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस तरह की भावनात्मक अभिव्यक्ति को सामान्य भी मानते हैं, पर क्या आपको अक्सर बात-बात पर गुस्सा आता है? इस तरह का गुस्सा जिसमें आप अपना आपा खो देते हैं या खुद पर नियंत्रण नहीं रख पाते? ऐसी स्थिति को सेहत के लिए नुकसानदायक माना जाता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बात-बात पर या बहुत ज्यादा गुस्सा आने की समस्या कई ऐसे जोखिमों का कारण बन सकती है जिसे जानलेवा माना जाता है। यही कारण है कि ऐसे लोगों को समस्या का समय पर निदान कर इसे नियंत्रित करने के उपाय करने की सलाह दी जाती है।
अध्ययनों से पता चलता है कि गुस्सा आने की स्थिति में शरीर और मस्तिष्क में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन स्थितियों को जानलेवा माना जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
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बढ़ सकती है स्ट्रोक की समस्या
- फोटो : pixabay
गुस्से के कारण बढ़ सकता है स्ट्रोक का खतरा
यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित शोध में वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक के लिए गुस्से को मुख्य कारणों के रूप में व्यक्त किया है। स्ट्रोक पीड़ितों पर किए गए एक वैश्विक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि हर 11 में से एक स्ट्रोक पीड़ित रोगी में गुस्से की समस्या का निदान किया गया। एनयूआई गॉलवे में क्लिनिकल एपिडेमियोलॉजी के प्रोफेसर एंड्रयू स्मिथ कहते हैं, स्ट्रोक की रोकथाम के लिए उच्च रक्तचाप, मोटापा या धूम्रपान जैसे कारकों के साथ गुस्से की समस्या पर ध्यान देना भी आवश्यक है।
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गुस्से के कारण हार्ट अटैक का खतरा
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हार्ट अटैक का भी बढ़ जाता है जोखिम
गुस्से के कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर किए गए एक अन्य अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि क्रोधित होने के तुरंत बाद दो घंटों में, व्यक्ति में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम लगभग पांच गुना और स्ट्रोक का जोखिम तीन गुना बढ़ जाता है। जिन लोगों की मेडिकल कंडिशन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देती है उनमें गुस्से के कारण इन समस्याओं का खतरा और भी अधिक हो सकता है।
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गुस्से के कारण होने वाली बीमारियां
- फोटो : getty images
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
प्रोफेसर स्मिथ कहते हैं, हमारे अध्ययन में पाया गया कि अक्सर क्रोध और भावनात्मक समस्याओं से परेशान रहने वाले लोगों में स्ट्रोक के जोखिम में लगभग 30 प्रतिशत अधिक हो सकता है। इसके अलावा बहुत अधिक शारीरिक परिश्रम करने वाले लोगों में स्ट्रोक का खतरा 60 प्रतिशत तक ज्यादा हो सकता है। इसके अलावा महिलाओं में स्ट्रोक का जोखिक अधिक हो सकता है, हालांकि जिनका बॉडी मास इंडेक्स कम है उनमें इसका खतरा कम देखा गया है।
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गुस्से पर कैसे करें कंट्रोल?
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एंगर मैनेजमेंट जरूरी
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं से बचे रहने के लिए सभी लोगों को गुस्से पर नियंत्रण करने के उपाय करने चाहिए। यदि आपको अक्सर ही गुस्सा आता रहता है तो इस बारे में किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें। गुस्से को नियंत्रित करने के लिए इन उपायों को भी फायदेमंद माना जाता है।
उन कारणों को पहचानें जो गुस्से की भावना को बढ़ाती हैं, उनसे दूरी बनाने के प्रयास करें।
उन बहस में पड़ने से बचें जो गुस्से का कारण बन सकते हैं।
लंबी सांस लेने वाले अभ्यास करना फायदेमंद माना जाता है।
गुस्सा आने पर तुरंत उस जगह से हट जाएं और पानी पिएं।
योग-व्यायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाकर गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से प्राप्त जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
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