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Health Alert: दिल की धड़कन रहती है तेज और फूलती है सांस? कहीं आपको एंग्जाइटी तो नहीं

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Fri, 19 Dec 2025 07:56 PM IST
सार

  • चिंता-तनाव की स्थिति का लोगों में अलग-अलग प्रकार से असर हो सकता है। इसके कुछ शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।

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एंग्जाइटी के कारण होने वाली दिक्कतें - फोटो : Freepik.com

'मन की बेचैनी' अब सिर्फ बड़ों की बात नहीं रही है, मौजूदा समय में बच्चे और युवा भी स्ट्रेस-एंग्जाइटी की मार झेल रहे हैं। स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं काफी आम हो गई हैं। आज की तेज रफ्तार वाली जिंदगी, सोशल मीडिया, पढ़ाई-काम का दबाव और भविष्य की अनिश्चितता जैसी वजहों से यह समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है।



स्ट्रेस तब होता है जब हम किसी चुनौती, दबाव या खतरे को महसूस करते हैं वहीं, एंग्जाइटी ऐसी भावना है जिसमें हम बार-बार चिंता, घबराहट या डर महसूस करते हैं, जो रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है।

एंग्जाइटी यानी कि चिंता-घबराहट की समस्या कई कारणों से हो सकती है। समय के साथ इसके लक्षण ठीक भी हो जाते हैं, हालांकि अगर इसमें जल्द सुधार नहीं होता है तो विशेषज्ञों की सलाह लेना जरूरी हो जाता है। मानसिक स्वास्थ्य विकारों की इस समस्या को समय रहते इलाज कराना भी बहुत आवश्यक माना जाता है।

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मानसिक तनाव की समस्या - फोटो : Adobe Stock

एंग्जाइटी के कारण होने वाली दिक्कतें?

एंग्जाइटी वैसे तो मेंटल हेल्थ की समस्या है पर क्या आप जानते हैं कि चिंता-घबराहट की समस्या के कई शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं? डॉक्टर्स कहते हैं, अधिक चिंता करने वाले लोगों में समय साथ रक्तचाप और हृदय रोग विकसित होने का भी खतरा होता है, ऐसे में इससे बचाव करते रहना बहुत आवश्यक है।

नकारात्मक विचार और परिस्थितियां एंग्जाइटी को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं, इसके अलावा कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में भी चिंता विकार का जोखिम बढ़ जाता है। इस बारे में समझते हुए सभी लोगों को बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है।

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स्ट्रेस-एंग्जाइटी की समस्या - फोटो : Freepik.com

कहीं आप भी तो नहीं हैं शिकार?

चिंता-तनाव, शरीर की वो प्रतिक्रियाएं हैं जो नकारात्मक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप होती हैं। जब हमारा शरीर किसी खतरे के प्रति प्रतिक्रिया करता है, तो सांस की गति बढ़ जाती है। यही कारण है कि अक्सर तनाव-चिंता की स्थिति में लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

इसके अलावा क्रॉनिक एंग्जाइटी की समस्या पेट की दिक्कतों और शारीरिक संतुलन में कमी का भी कारण बन सकती है, जिसके लक्षणों का समय रहते निदान आवश्यक होता है।

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सांस फूलने की समस्या - फोटो : Adobe Stock

एंग्जाइटी में क्या शारीरिक लक्षण होते हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक चिंता-तनाव की स्थिति का लोगों में अलग-अलग प्रकार से असर हो सकता है। इसके कुछ शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।

एंग्जाइटी के कारण आपको पेट दर्द, मतली या पाचन की परेशानी, सिरदर्द की समस्या, अनिद्रा या अन्य नींद संबंधी विकार, कमजोरी या थकान, तेजी से सांस लेने, दिल की धड़कनों के बढ़ने के अलावा पसीना आना या कंपकंपी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

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डॉक्टरी सलाह जरूरी (सांकेतिक तस्वीर) - फोटो : Freepik

एंग्जाइटी हो तो क्या करें?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं किसी विषय को लेकर बनी चिंता यदि आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है  या रोजमर्रा की जिंदगी को कठिन बना रही है, तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।

एंग्जाइटी की समस्या का पता लगाने के लिए वैसे तो कोई मेडिकल टेस्ट नहीं है पर डॉक्टर कुछ लक्षणों के आधार पर इसका आसानी से निदान कर सकते हैं। दवाइयों और थेरेपी के माध्यम से इस तरह की दिक्कतों को ठीक किया जा सकता है।



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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