'मन की बेचैनी' अब सिर्फ बड़ों की बात नहीं रही है, मौजूदा समय में बच्चे और युवा भी स्ट्रेस-एंग्जाइटी की मार झेल रहे हैं। स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं काफी आम हो गई हैं। आज की तेज रफ्तार वाली जिंदगी, सोशल मीडिया, पढ़ाई-काम का दबाव और भविष्य की अनिश्चितता जैसी वजहों से यह समस्या काफी तेजी से बढ़ रही है।
Health Alert: दिल की धड़कन रहती है तेज और फूलती है सांस? कहीं आपको एंग्जाइटी तो नहीं
- चिंता-तनाव की स्थिति का लोगों में अलग-अलग प्रकार से असर हो सकता है। इसके कुछ शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है। आइए इस बारे में विस्तार से समझते हैं।
एंग्जाइटी के कारण होने वाली दिक्कतें?
एंग्जाइटी वैसे तो मेंटल हेल्थ की समस्या है पर क्या आप जानते हैं कि चिंता-घबराहट की समस्या के कई शारीरिक लक्षण भी हो सकते हैं? डॉक्टर्स कहते हैं, अधिक चिंता करने वाले लोगों में समय साथ रक्तचाप और हृदय रोग विकसित होने का भी खतरा होता है, ऐसे में इससे बचाव करते रहना बहुत आवश्यक है।
नकारात्मक विचार और परिस्थितियां एंग्जाइटी को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं, इसके अलावा कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं की स्थिति में भी चिंता विकार का जोखिम बढ़ जाता है। इस बारे में समझते हुए सभी लोगों को बचाव के उपाय करते रहने की आवश्यकता है।
कहीं आप भी तो नहीं हैं शिकार?
चिंता-तनाव, शरीर की वो प्रतिक्रियाएं हैं जो नकारात्मक परिस्थितियों के परिणामस्वरूप होती हैं। जब हमारा शरीर किसी खतरे के प्रति प्रतिक्रिया करता है, तो सांस की गति बढ़ जाती है। यही कारण है कि अक्सर तनाव-चिंता की स्थिति में लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
इसके अलावा क्रॉनिक एंग्जाइटी की समस्या पेट की दिक्कतों और शारीरिक संतुलन में कमी का भी कारण बन सकती है, जिसके लक्षणों का समय रहते निदान आवश्यक होता है।
एंग्जाइटी में क्या शारीरिक लक्षण होते हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक चिंता-तनाव की स्थिति का लोगों में अलग-अलग प्रकार से असर हो सकता है। इसके कुछ शारीरिक लक्षणों पर ध्यान देते रहने की आवश्यकता होती है।
एंग्जाइटी के कारण आपको पेट दर्द, मतली या पाचन की परेशानी, सिरदर्द की समस्या, अनिद्रा या अन्य नींद संबंधी विकार, कमजोरी या थकान, तेजी से सांस लेने, दिल की धड़कनों के बढ़ने के अलावा पसीना आना या कंपकंपी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
एंग्जाइटी हो तो क्या करें?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं किसी विषय को लेकर बनी चिंता यदि आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है या रोजमर्रा की जिंदगी को कठिन बना रही है, तो इस बारे में किसी मनोचिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।
एंग्जाइटी की समस्या का पता लगाने के लिए वैसे तो कोई मेडिकल टेस्ट नहीं है पर डॉक्टर कुछ लक्षणों के आधार पर इसका आसानी से निदान कर सकते हैं। दवाइयों और थेरेपी के माध्यम से इस तरह की दिक्कतों को ठीक किया जा सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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