आपने भी अपने आसपास के लोगों को कम उम्र में ही हड्डियों के दर्द की समस्या से परेशान देखा होगा। हड्डियों की कमजोरी, हड्डियों-जोड़ों में दर्द या गठिया की दिक्कत अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। खराब दिनचर्या, असंतुलित खानपान और लंबे समय तक बैठे रहने वाली आदतों के कारण कम उम्र के लोग और बच्चों में भी ये समस्या देखी जा रही है। कई मामलों में 15-20 वर्ष तक के युवा भी रूमेटाइड आर्थराइटिस और जुवेनाइल आर्थराइटिस जैसी समस्याओं के साथ अस्पतालों में पहुंच रहे हैं।
Arthritis: अगर गठिया है तो बिल्कुल न करें ये पांच गलतियां, वरना सूजन और दर्द हो जाएगा दोगुना
- मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ज्यादातर बच्चे और युवा मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी पर घंटों बैठे रहते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने से जोड़ों तक खून का संचार भी कम हो पाता है इससे कार्टिलेज कमजोर होने लगते हैं जो गठिया का कारण बनते हैं।
गठिया की बढ़ती समस्याएं
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ज्यादातर बच्चे और युवा मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी पर घंटों बैठे रहते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने से जोड़ों तक खून का संचार भी कम हो पाता है इससे कार्टिलेज कमजोर होने लगते हैं जो गठिया का कारण बनते हैं। इसके अलावा गलत खानपान और पोषण की कमी भी इस समस्या को बढ़ा देती है।
जिन लोगों में विटामिन डी, कैल्शियम या ओमेगा-3 की कमी होती है उनकी हड्डियों और जोड़ जल्दी कमजोर हो जाते हैं।
गठिया के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल में विशेष सुधार की आवश्यकता होती है। कुछ गलतियां आपकी समस्याओं को गंभीर बनाने वाली हो सकती हैं। बढ़ा हुआ वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है और दर्द-सूजन का खतरा बढ़ा देता है। गठिया के मरीजों को अपना वजन कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है। वजन कम करने से आपको चलने-फिरने में होने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है।
लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना नुकसानदायक
गठिया के मरीजों को लंबे समय तक बैठे रहने से बचना चाहिए। इसके कारण जोड़ों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है जिससे जोड़ों की लूब्रिकेशन सूखने लगती है और दर्द बढ़ सकती है। कई मेडिकल रिसर्च बताती हैं कि 30-40 मिनट एक ही पोजिशन में बैठना इंफ्लेमेशन बढ़ाता है। जो लोग काम के कारण लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठते हैं, उनमें दर्द बढ़ने का खतरा रहता है।
सूजन बढ़ाने वाली चीजों से करें परहेज
गठिया की समस्या सीधे शरीर में होने वाली सूजन से जुड़ी होती है। गलत खानपान जैसे जंक फूड, तला-भुना, ज्यादा नमक वाली चीजें सूजन को बढ़ाती हैं। रेड मीट, कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड स्नैक्स, चिप्स और ज्यादा चाय-कॉफी पीने से भी गठिया के मरीजों की समस्याएं तेजी से बढ़ने का खतरा रहता है।
दवाओं-थेरेपी में न करें लापरवाही
कई मरीज गठिया के शुरुआती लक्षणों को हल्के में ले लेते हैं और घरेलू दर्दनिवारक दवाओं पर निर्भर रहते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के बार-बार दर्द की दवा लेने से न सिर्फ पेट, लिवर और किडनी को नुकसान होता है, बल्कि जोड़ों पर भी पड़ता है। गठिया के मरीजों को समय-समय पर दवा लेते रहना चाहिए जिससे आपकी दिक्कतें न बढ़ने पाए।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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