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Arthritis: अगर गठिया है तो बिल्कुल न करें ये पांच गलतियां, वरना सूजन और दर्द हो जाएगा दोगुना

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sat, 22 Nov 2025 07:42 PM IST
सार

  • मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ज्यादातर बच्चे और युवा मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी पर घंटों बैठे रहते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने से जोड़ों तक खून का संचार भी कम हो पाता है इससे  कार्टिलेज कमजोर होने लगते हैं जो गठिया का कारण बनते हैं।

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गठिया में दर्द की समस्या - फोटो : Freepik.com

आपने भी अपने आसपास के लोगों को कम उम्र में ही हड्डियों के दर्द की समस्या से परेशान देखा होगा। हड्डियों की कमजोरी, हड्डियों-जोड़ों में दर्द या गठिया की दिक्कत अब सिर्फ बुजुर्गों की बीमारी नहीं रह गई है। खराब दिनचर्या, असंतुलित खानपान और लंबे समय तक बैठे रहने वाली आदतों के कारण कम उम्र के लोग और बच्चों में भी ये समस्या देखी जा रही है। कई मामलों में 15-20 वर्ष तक के युवा भी रूमेटाइड आर्थराइटिस और जुवेनाइल आर्थराइटिस जैसी समस्याओं के साथ अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। 



आर्थराइटिस या गठिया के कारण जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में कठिनाई होती है। आधुनिक जीवनशैली ने इस खतरे को और भी बढ़ा दिया है। गठिया के कुछ मामले ऑटोइम्यून यानी कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता की समस्याओं के कारण भी देखे जाते रहे है। 

डॉक्टर कहते हैं, सभी लोगों को अपनी दिनचर्या में सुधार करना चाहिए ताकि हड्डियों की इस समस्या से बचा जा सके। इसके अलावा जिनको पहले से ही गठिया की दिक्कत है उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे आपकी जटिलताएं बढ़ने न पाएं।

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हड्डियों में दर्द की समस्या - फोटो : Freepik.com

गठिया की बढ़ती समस्याएं

मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि ज्यादातर बच्चे और युवा मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी पर घंटों बैठे रहते हैं। शारीरिक गतिविधि कम होने से जोड़ों तक खून का संचार भी कम हो पाता है इससे कार्टिलेज कमजोर होने लगते हैं जो गठिया का कारण बनते हैं। इसके अलावा गलत खानपान और पोषण की कमी भी इस समस्या को बढ़ा देती है।

जिन लोगों में विटामिन डी, कैल्शियम या ओमेगा-3 की कमी होती है उनकी हड्डियों और जोड़ जल्दी कमजोर हो जाते हैं।

गठिया के मरीजों को अपनी लाइफस्टाइल में विशेष सुधार की आवश्यकता होती है। कुछ गलतियां आपकी समस्याओं को गंभीर बनाने वाली हो सकती हैं। बढ़ा हुआ वजन जोड़ों पर अतिरिक्त दबाव डालता है और दर्द-सूजन का खतरा बढ़ा देता है। गठिया के मरीजों को अपना वजन कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है। वजन कम करने से आपको चलने-फिरने में होने वाली समस्याओं से बचने में मदद मिल सकती है।

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लंबे समय तक बैठे रहने की समस्या - फोटो : Adobe

लंबे समय तक एक ही जगह बैठे रहना नुकसानदायक

गठिया के मरीजों को लंबे समय तक बैठे रहने से बचना चाहिए। इसके कारण जोड़ों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है जिससे जोड़ों की लूब्रिकेशन सूखने लगती है और दर्द बढ़ सकती है। कई मेडिकल रिसर्च बताती हैं कि 30-40 मिनट एक ही पोजिशन में बैठना इंफ्लेमेशन बढ़ाता है। जो लोग काम के कारण लंबे समय तक कंप्यूटर के सामने बैठते हैं, उनमें दर्द बढ़ने का खतरा रहता है। 

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खानपान में गड़बड़ी के कारण होने वाली दिक्कतें - फोटो : Freepik.com

सूजन बढ़ाने वाली चीजों से करें परहेज

गठिया की समस्या सीधे शरीर में होने वाली सूजन से जुड़ी होती है। गलत खानपान जैसे जंक फूड, तला-भुना, ज्यादा नमक वाली चीजें सूजन को बढ़ाती हैं। रेड मीट, कोल्ड ड्रिंक, पैकेज्ड स्नैक्स, चिप्स और ज्यादा चाय-कॉफी पीने से भी गठिया के मरीजों की समस्याएं तेजी से बढ़ने का खतरा रहता है।

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दवाओं के इस्तेमाल को लेकर बरतें सावधानी - फोटो : Adobe Stock Images

दवाओं-थेरेपी में न करें लापरवाही

कई मरीज गठिया के शुरुआती लक्षणों को हल्के में ले लेते हैं और घरेलू दर्दनिवारक दवाओं पर निर्भर रहते हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के बार-बार दर्द की दवा लेने से न सिर्फ पेट, लिवर और किडनी को नुकसान होता है, बल्कि जोड़ों पर भी पड़ता है। गठिया के मरीजों को समय-समय पर दवा लेते रहना चाहिए जिससे आपकी दिक्कतें न बढ़ने पाए।



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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