लाइफस्टाइल विकार यानी दैनिक जीवन में रहन-सहन की गड़बड़ी को कई प्रकार की बीमारियों का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों की लाइफस्टाइल ठीक नहीं होती है उन्हें समय के साथ तमाम तरह की बीमारियों का खतरा हो सकता है।
Belly Fat: बढ़े पेट के साथ बढ़ने लगती हैं ये खतरनाक बीमारियां, समय रहते हो जाएं सावधान
- पेट पर जमा चर्बी यानी बेली फैट शरीर की सबसे सख्त चर्बी होती है जिसके कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। जो लोग पहले से ही क्रॉनिक बीमारियों का शिकार हैं उनमें पेट की चर्बी स्वास्थ्य जटिलताओं को और भी बढ़ाने वाली हो सकती है।
किन कारणों से बढ़ता है बेली फैट?
मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि शारीरिक निष्क्रियता के अलावा खानपान की गड़बड़ी जैसे फास्ट फूड, पैकेट वाले फूड्स, मीठे पेय और तली हुई चीजें ज्यादा खाने से भी बेली फैट बढ़ने लगता है।
हार्मोनल बदलाव भी इसमें अहम भूमिका निभाते हैं। महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन कम होने से पेट के आसपास चर्बी जमा होना आसान हो जाता है। तनाव और नींद की कमी भी कॉर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाकर बेली फैट बढ़ाते हैं। ये स्थितियां समय के साथ कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती हैं।
टाइप-2 डायबिटीज का जोखिम
बेली फैट शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती है, जिससे आप टाइप-2 डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं। पेट की चर्बी शरीर में ऐसे केमिकल रिलीज करती हैं जो इंसुलिन की कार्यक्षमता को कम करती हैं। कई शोध बताते हैं कि जिन लोगों की कमर का आकार बढ़ा होता है, उनमें डायबिटीज होने का जोखिम 3-5 गुना अधिक हो सकता है।
वहीं पहले से डायबिटीज के शिकार लोगों में बेली फैट की समस्या जटिलताओं को और भी बढ़ाने वाली मानी जाती है।
हृदय रोगों का खतरा
बेली फैट डायबिटीज के साथ-साथ हृदय रोगों का भी सबसे बड़ा जोखिम कारक है। पेट की चर्बी शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती है। इससे धमनियों में प्लाक जमा होता है। इस स्थिति में हार्ट अटैक होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है। अध्ययनों से पता चलता है कि जिन लोगों का पेट बाहर निकला होता है, उनमें हार्ट अटैक का खतरा दो गुना तक अधिक हो सकता है।
इन बीमारियों का भी हो सकते हैं शिकार
- बेली फैट वाले लोगों में नॉन-एल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज का खतरा अधिक होता है। फैटी लिवर आगे चलकर सिरोसिस और लिवर फेलियर का खतरा बढ़ा सकती है।
- पेट की चर्बी शरीर में ऐसे हार्मोन रिलीज करती है जो ब्लड प्रेशर को बढ़ाते हैं। हाई ब्लड प्रेशर के कारण हार्ट अटैक और स्ट्रोक की समस्या हो सकती है।
- बेली फैट वाले लोगों में स्लीप एपनिया की समस्या भी अधिक देखी जाती रही है। इस बीमारी से व्यक्ति को रात में बार-बार जागना पड़ता है जिससे दिन में थकान बनी रहती है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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