मोटापा, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, लगभग हर उम्र के लोग इस समस्या के शिकार हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा के कारण शरीर में कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हृदय रोग, डायबिटीज से लेकर मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्याओं तक के लिए मोटापे को प्रमुख कारण माना जाता रहा है। जिस गति से बच्चों में यह समस्या बढ़ रही है वह अधिक चिंताजनक है।
Alert: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं है खतरे में? ये छोटी सी लापरवाही हजारों बीमारियों का बन सकती है कारण
- साल 2022 में यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि जिस गति से बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं, अगर यही जारी रहा तो इस दशक के आखिर तक हर दस में से एक बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।
बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या
बच्चों में मोटापे की स्थिति को लेकर साल 2022 में यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि जिस गति से बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं, अगर यही जारी रहा तो इस दशक के आखिर तक हर दस में से एक बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।
इस अनुमान के अनुसार 2.7 करोड़ से अधिक बच्चों में मोटापे का जोखिम हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जीवनशैली की निष्क्रियता और आहार की गड़बड़ी के कारण यह जोखिम काफी बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने भविष्य में मोटापे की महामारी को लेकर भी लोगों को अलर्ट किया है।
मोटापा बढ़ने का कारण
यूनिसेफ शोधकर्ताओं ने इस रिपोर्ट में जिक्र किया है कि जीवनशैली की खराब आदतें, आहार में प्रोसेस्ड-जंक फूड्स को शामिल करना, मोबाइल गेम्स की बढ़ती आदतें और नींद के समय में आए बदलाव के कारण बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं।
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट (2019-20) के अनुसार भारत में 24 फीसदी महिलाएं और 23 फीसदी पुरुष मोटापे के शिकार थे। आनुवांशिक रूप से यह खतरा बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है।
शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने पर देना होगा जोर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सेंडेंटरी लाइफस्टाइल का जोखिम अमूमन सभी आयुवर्ग वालों में देखा जा रहा है। बच्चे भी इसके शिकार हैं। भविष्य में मोटापे के कारण बढ़ने वाली समस्याओं की रोकथाम के लिए जरूरी है कि हम सभी अपने जीवनशैली को ठीक करें। दिनचर्या में एरोबिक अभ्यास को जरूर शामिल किया जाना चाहिए, ये सभी आयु वर्ग वालों के लिए जरूरी है।
समय रहते अगर वजन को कंट्रोल न किया गया तो इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है।
इन बीमारियों का जोखिम बढ़ा देता है मोटापा
बढ़ते वजन को हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, कैंसर और समय से पहले मौत के खतरे से जोड़कर देखा जाता है। मोटापे के कारण बच्चों में भी ब्लड प्रेशर और कम उम्र में डायबिटीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। समय से पहले इन बीमारियों के कारण जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर देखा जा सकता है।
अगर समय रहते हमने स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ाने वाले उपाय नहीं किए तो यह हमारी सेहत के लिए कई प्रकार के जोखिमों का कारण बन सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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