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Alert: कहीं आपका बच्चा भी तो नहीं है खतरे में? ये छोटी सी लापरवाही हजारों बीमारियों का बन सकती है कारण

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 28 Dec 2025 08:22 PM IST
सार

  • साल 2022 में यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि जिस गति से बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं, अगर यही जारी रहा तो इस दशक के आखिर तक हर दस में से एक बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।

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बच्चों में अधिक वजन की समस्या - फोटो : Adobe Stock

मोटापा, वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य समस्या है, लगभग हर उम्र के लोग इस समस्या के शिकार हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, मोटापा के कारण शरीर में कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। हृदय रोग, डायबिटीज से लेकर मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्याओं तक के लिए मोटापे को प्रमुख कारण माना जाता रहा है। जिस गति से बच्चों में यह समस्या बढ़ रही है वह अधिक चिंताजनक है।



बच्चों में अधिक वजन की स्थिति उनके क्वालिटी ऑफ लाइफ को भी प्रभावित करती है। यह समय से पहले तमाम प्रकार की बीमारियों के जोखिम को बढ़ाने वाली हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) मोटापे के बढ़ते जोखिमों को लेकर लोगों को अलर्ट करता रहा है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर स्वस्थ और सक्रिय जीवनशैली को बढ़ावा न दिया गया तो बढ़ते मोटापे की समस्या गंभीर चिंता का कारण बन सकती है। बच्चों में यह समस्या क्वालिटी ऑफ लाइफ के लिए भी दिक्कतें बढ़ाने वाली हो सकती है, क्योंकि इसके कारण कम उम्र में ही कई अन्य बीमारियों के विकसित होने का खतरा हो सकता है।

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बच्चों में मोटापे के कारण होने वाली दिक्कतें - फोटो : Adobe Stock

बच्चों में बढ़ते मोटापे की समस्या

बच्चों में मोटापे की स्थिति को लेकर साल 2022 में यूनिसेफ के वर्ल्ड ओबेसिटी एटलस में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई जिसमें शोधकर्ताओं ने चिंता जताई है कि जिस गति से बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं, अगर यही जारी रहा तो इस दशक के आखिर तक हर दस में से एक बच्चा मोटापे का शिकार हो सकता है।

इस अनुमान के अनुसार 2.7 करोड़ से अधिक बच्चों में मोटापे का जोखिम हो सकता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि जीवनशैली की निष्क्रियता और आहार की गड़बड़ी के कारण यह जोखिम काफी बढ़ गया है। वैज्ञानिकों ने भविष्य में मोटापे की महामारी को लेकर भी लोगों को अलर्ट किया है।

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मोटापा की समस्या और इसका खतरा - फोटो : Freepik.com

मोटापा बढ़ने का कारण 

यूनिसेफ शोधकर्ताओं ने इस रिपोर्ट में जिक्र किया है कि जीवनशैली की खराब आदतें, आहार में प्रोसेस्ड-जंक फूड्स को शामिल करना, मोबाइल गेम्स की बढ़ती आदतें और नींद के समय में आए बदलाव के कारण बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं।

नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट (2019-20) के अनुसार भारत में 24 फीसदी महिलाएं और 23 फीसदी पुरुष मोटापे के शिकार थे। आनुवांशिक रूप से यह खतरा बच्चों को भी प्रभावित कर सकता है।

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बच्चों की बढ़ाएं शारीरिक गतिविधियां - फोटो : Freepik.com

शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाने पर देना होगा जोर

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सेंडेंटरी लाइफस्टाइल का जोखिम अमूमन सभी आयुवर्ग वालों में देखा जा रहा है। बच्चे भी इसके शिकार हैं। भविष्य में मोटापे के कारण बढ़ने वाली समस्याओं की रोकथाम के लिए जरूरी है कि हम सभी अपने जीवनशैली को ठीक करें। दिनचर्या में एरोबिक अभ्यास को जरूर शामिल किया जाना चाहिए, ये सभी आयु वर्ग वालों के लिए जरूरी है।

समय रहते अगर वजन को कंट्रोल न किया गया तो इसके कारण कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के विकसित होने का जोखिम हो सकता है।

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हृदय रोगों का खतरा - फोटो : Freepik.com

इन बीमारियों का जोखिम बढ़ा देता है मोटापा

बढ़ते वजन को हृदय रोगों से लेकर डायबिटीज, कैंसर और समय से पहले मौत के खतरे से जोड़कर देखा जाता है। मोटापे के कारण बच्चों में भी ब्लड प्रेशर और कम उम्र में डायबिटीज का खतरा बढ़ता जा रहा है। समय से पहले इन बीमारियों के कारण जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर देखा जा सकता है।

अगर समय रहते हमने स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ाने वाले उपाय नहीं किए तो यह हमारी सेहत के लिए कई प्रकार के जोखिमों का कारण बन सकता है।



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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