सब्सक्राइब करें

Health Alert: दिल्ली-एनसीआर में रहने वालों में डिप्रेशन का खतरा! जानिए क्या है इसके पीछे की वजह?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Thu, 25 Dec 2025 05:08 PM IST
सार

  • स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है कि पीएम2.5 के लंबे समय तक संपर्क में रहने से डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
  • तो क्या दिल्ली में आने वाले दिनों में डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में उछाल आने वाली है?

विज्ञापन
Delhi ncr air pollution health risk Long-term exposure to PM2.5 increase health issues like depression
मानसिक स्वास्थ्य की समस्या और डिप्रेशन - फोटो : Freepik.com

राजधानी दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का खतरनाक स्तर बना हुआ है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, गुरुवार की सुबह दिल्ली के एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) में कुछ सुधार हुआ, ये पिछले दिन के 'गंभीर' से 'बहुत खराब' स्तर पर आ गया है। मयूर विहार इलाके से ड्रोन विजुअल्स में शहर पर जहरीले धुएं की एक मोटी परत छाई हुई दिखी। कई इलाकों में एक्यूआई 360 था, जिसे 'बहुत खराब' कैटेगरी में रखा गया है। 





खराब एक्यूआई के साथ हवा में बढ़ते प्रदूषक तत्व जैसे पीएम 2.5 के स्तर को लेकर भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंता जताते रहे हैं। पीएम 2.5 इतने सूक्ष्म कण होते हैं कि ये सांस के जरिए सीधे फेफड़ों और फिर खून तक पहुंच सकते हैं। लंबे समय तक इन कणों के संपर्क में रहना कई गंभीर बीमारियों की वजह बन सकता है।

इसी को लेकर वैज्ञानिकों की एक टीम ने कहा है कि जिन इलाकों में पीएम 2.5 का स्तर लगातार सामान्य से अधिक बना रहता है वहां पर लोगों में डिप्रेशन होने का खतरा अधिक हो सकता है। तो क्या दिल्ली में आने वाले दिनों में डिप्रेशन के मरीजों की संख्या में उछाल आने वाली है?

Trending Videos
Delhi ncr air pollution health risk Long-term exposure to PM2.5 increase health issues like depression
दिल्ली में वायु प्रदूषण का असर - फोटो : ANI

पीएम 2.5 के कारण बढ़ सकता है डिप्रेशन का खतरा

जामा नेटवर्क में प्रकाशित एक हालिया रिपोर्ट में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने अलर्ट किया है कि पीएम2.5 जैसे प्रदूषक जिनमें सल्फेट, अमोनियम, एलिमेंटल कार्बन और मिट्टी की धूल भी शामिल हैं, इनके लंबे समय तक संपर्क में रहने से डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।

यह खतरा उम्रदराज लोगों में और भी ज्यादा देखा गया है। जिन्हें पहले से ही कार्डियोमेटाबोलिक और न्यूरोलॉजिक कोमॉर्बिडिटी जैसी बीमारियां थी ऐसे लोगों के लिए प्रदूषित माहौल और भी खतरनाक हो सकता है।

विज्ञापन
विज्ञापन
Delhi ncr air pollution health risk Long-term exposure to PM2.5 increase health issues like depression
वायु प्रदूषण के कारण होने वाली दिक्कतें - फोटो : Freepik.com

अध्ययनों में क्या पता चला?

2.36 करोड़ से ज्यादा लोगों पर किए गए इस अध्ययन के नतीजों से पता चलता है कि उम्रदराज लोगों और जिन्हें पहले से ही मेंटल हेल्थ या न्यूरो की कोई समस्या रही है, उन्हें प्रदूषण से बचाव करते रहना और भी जरूरी है। 

अमेरिका की एमोरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा, हमारे नतीजों ने पुष्टि की है कि पीएम 2.5 सहित हवा में मौजूद अन्य प्रदूषकों का डिप्रेशन के खतरे संबंध हो सकता है। जिन लोगों को पहले से कोमोरबिडिटी जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां जैसे स्ट्रोक और कंजस्टिव हार्ट फेलियर, न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियां जैसे अल्जाइमर रोग और सांस की बीमारियां रही हैं उनमें पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण डिप्रेशन होने का खतरा काफी अधिक था।

Delhi ncr air pollution health risk Long-term exposure to PM2.5 increase health issues like depression
वायु प्रदूषण के कारण सांस की समस्याओं का जोखिम - फोटो : Freepik.com

सांस और दिल की बीमारियों का भी खतरा

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, पीएम 2.5 को आमतौर पर सांस की समस्याओं जैसे खांसी, सांस फूलना, गले में जलन और अस्थमा अटैक से जोड़कर देखा जाता रहा है, पर इसके दुष्प्रभाव कहीं अधिक हो सकते हैं। बच्चों और बुजुर्गों में इसका असर ज्यादा गंभीर होता है क्योंकि उनकी इम्युनिटी कमजोर होती है।

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ता पीएम 2.5 दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ाता है। ये सूक्ष्मकण खून में पहुंचकर सूजन पैदा करते हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या वाले लोगों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है।

विज्ञापन
Delhi ncr air pollution health risk Long-term exposure to PM2.5 increase health issues like depression
वायु प्रदूषण और पीएम 2.5 - फोटो : Freepik.com

पीएम 2.5 का जानलेवा असर

इससे पहले अमर उजाला में अक्तूबर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में हमने बताया था कि किस तरह से पीएम 2.5 जानलेवा साबित होता जा रहा है। द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार, पीएम 2.5 प्रदूषण के कारण साल 2022 में भारत में 17 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गई।

साल 2010 की तुलना में मौत के मामलों में 38 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


----------------------
स्रोत
Exposure to Multiple Fine Particulate Matter Components and Incident Depression in the US Medicare Population


अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed