New Year Health Resolutions: साल 2025 अपने आखिर हफ्ते में है और कुछ ही दिनों में हम नए साल 2026 में प्रवेश करने जा रहे हैं। नया साल नई उम्मीदें और नई शुरुआत लेकर आता है। ऐसे में अगर साल की शुरुआत से ही सेहत को लेकर अलर्ट हो जाया जाए तो आप 2026 को 'हेल्दी ईयर' के रूप में मना सकते हैं।
Health Tips: नए साल का हेल्थ रेजोल्यूशन, साल में दो बार कराएं ये पांच हेल्थ चेकअप ताकि सेहत रहे सुरक्षित
- नए साल की शुरुआत से ही सेहत को लेकर अलर्ट हो जाया जाए तो आप 2026 को हेल्दी ईयर के रूप में मना सकते हैं।
- डॉक्टर की सलाह पर आप भी नए साल से साल में दो बार कुछ टेस्ट प्लान कर सकते हैं, ताकि शरीर में किसी बीमारी को बढ़ने से पहले ही उसे पकड़ा जा सके।
नियमित हेल्थ चेकअप से समय रहते चल जाता है बीमारियों का पता
डॉक्टर बताते हैं, कई लोगों में शुगर, ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल या थायरॉइड जैसी समस्याएं बिना लक्षणों के बढ़ती रहती हैं। इनका पता तब तक नहीं चल पाता है जब तक कि शरीर पर इसके कोई गंभीर दुष्प्रभाव न दिखने लगें। हालांकि साल में दो बार हेल्थ चेकअप कराने से शरीर की पूरी तस्वीर सामने आ सकती है। ब्लड टेस्ट, ब्लड प्रेशर, शुगर, लिपिड प्रोफाइल, लिवर और किडनी फंक्शन जैसे टेस्ट सेहत की पूरी स्थिति सामने रख देते हैं।
तो अपने डॉक्टर की सलाह पर आप भी नए साल से, साल में दो बार कुछ टेस्ट प्लान कर सकते हैं, ताकि शरीर में किसी बीमारी को बढ़ने से पहले ही उसे पकड़ा जा सके।
- शुगर की जांच
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है, जिसके मामले देशभर में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आमतौर पर शुरुआत में ये बीमारी बिना किसी लक्षण के उभरती है। इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर साल में कम से कम दो बार और जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या है उन्हें हर तीन महीने में HbA1c टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
इस टेस्ट की मदद से पिछले 2-3 महीनों के औसत ब्लड शुगर का पता लगाया जा सकता है। टेस्ट की रिपोर्ट के आधार पर सही खानपान, वजन नियंत्रण और नियमित व्यायाम की मदद से शुगर की बीमारी से बचाव किया जा सकता है।
- ब्लड प्रेशर टेस्ट
हाई ब्लड प्रेशर का पूरे शरीर पर गंभीर असर होता है। जिन लोगों का ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं रहता उनमें हार्ट अटैक, स्ट्रोक, आंखों की समस्या और किडनी फेलियर तक का जोखिम हो सकता है। ब्लड प्रेशर के नियमित जांच से दिल, दिमाग और किडनी को होने वाले खतरे को समय रहते समझा जा सकता है। अगर ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं रहता है तो नमक कम खाने, स्ट्रेस कंट्रोल और व्यायाम की मदद से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
- लिपिड प्रोफाइल
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट से शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर पता चलता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल दिल की धमनियों में ब्लॉकेज का कारण बनता है। कोलेस्ट्रॉल की जांच से हृदय रोगों के खतरे को पहचाना जा सकता है। अगर कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है तो डॉक्टर कुछ दवा और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह देते हैं ताकि हृदय की समस्याओं के खतरे को कम किया जा सके।
- लिवर की जांच
लिवर की जांच भी हर साल कराना जरूरी है। लिवर फंक्शन टेस्ट से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस और लिवर में संक्रमण जैसी समस्याओं का समय रहते पता चलता है। शराब, गड़बड़ खानपान और मोटापे के कारण लिवर से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। साल में दो बार लिवर फंक्शन टेस्ट कराने से लिवर की समस्याओं को समय रहते पकड़ा जा सकता है।
- किडनी फंक्शन टेस्ट
लिवर की ही तरह से किडनी की जांच भी जरूरी है। डॉक्टर की सलाह पर साल में दो बार किडनी फंक्शन टेस्ट कराने से किडनी की कार्यक्षमता की सही जानकारी मिलती है। इसमें क्रिएटिनिन, यूरिया और इलेक्ट्रोलाइट्स की जांच की जाती है। डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों में किडनी खराब होने का खतरा अधिक होता है। इस टेस्ट की मदद से किडनी पर पड़ रहे दबाव को समय रहते समझा और इसका इलाज किया जा सकता है।
----------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।