कोरोना संक्रमण के इस दौर ने लोगों को मास्क पहनने की जरूरतों को अच्छी तरह से समझा दिया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोगों को नियमित रूप से मास्क पहनकर रखना चाहिए। कोरोना के पिछले डेढ़ साल से जारी कहर के बीच बाजार में कई तरह के मास्क आ गए हैं। कुछ मास्क एक बार के इस्तेमाल के लिए होते हैं, जबकि विशेषकर कपड़े से बने मास्क को कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है। आपने भी अक्सर कपड़े के मास्क को धोकर इस्तेमाल किया होगा। तो क्या मास्क को धोना या साफ करने से अणुओं को फिल्टर करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है? क्या मास्क को एक से अधिक बार प्रयोग में नहीं लाना चाहिए? आपके मन में भी इस तरह के सवाल जरूर आए होंगे।
विशेषज्ञ से जानिए: क्या मास्क को धोने से कम हो जाती है फिल्टरेशन की क्षमता? कौन सा मास्क है सबसे सुरक्षित
क्या कहते हैं शोधकर्ता?
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि मास्क को धोने या साफ करने से उसकी फिल्टरेशन क्षमता प्रभावित नहीं होती है। जर्नल एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बताया कि सर्जिकल मास्क के ऊपर कॉटन का मास्क पहनने से कोरोना से और अधिक सुरक्षा मिल सकती है। शोधकर्ताओं का कहना है कि अकेले कपड़े की तुलना में यह विधि अधिक सुरक्षात्मक हो सकती है, मास्क का चेहरे पर पूरी तरह से फिट होना बहुत आवश्यक है। अध्ययन के प्रमुख लेखक मरीना वेंस कहते हैं, कॉटन के मास्क को धोकर कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
बढ़ रहा है मेडिकल कचरा
गौरतलब है कि कोरोना महामारी की शुरुआत से हर दिन अनुमानित 7,200 टन चिकित्सा अपशिष्ट निकल रहा है। डिस्पोजेबल मास्क के बढ़ रहे अपशिष्ट के संकट को देखते हुए वैज्ञानिकों की टीम ने कॉटन मास्क के एक से अधिक बार उपयोग और धोने के बाद इसकी प्रभाविकता के स्तर को जानने के लिए अध्ययन किया। कपड़े के मास्क को बार-बार धोने से उसके रेशे निकलने लगते हैं, ऐसे में क्या मास्क की प्रभाविकता कम हो जाती है? इस बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि इससे मास्क के फिल्टरेशन की क्षमता पर तो प्रभाव नहीं पड़ता है, हालांकि कॉटन के रेशे निकलने कारण इससे सांस लेने में दिक्कत जरूर हो सकती है। ऐसी स्थिति में मास्क को बदल लेना उचित रहता है।
मास्क का फिट होना सबसे आवश्यक
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि मास्क के साथ सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि इसका चेहरे पर अच्छी तरह से फिट होना जरूरी है। कोरोना के खतरे से बचे रहने के लिए सभी लोगों को ऐसे ही मास्क को प्रयोग में लाना चाहिए जो पूरी तरह से चेहरे को कवर करते हों। पिछले शोध से पता चलता है कि चेहरे पर ठीक से फिट न होने वाले मास्क के माध्यम से हवा में मौजूद 50 प्रतिशत कणों को अंदर जाने का खतरा हो सकता है।
कौन से मास्क हैं सबसे ज्यादा बेहतर?
अध्ययनकर्ताओं का कहना है कि कपड़े के मास्क, सर्जिकल मास्क की तुलना में कम सुरक्षात्मक हो सकते हैं। कॉटन के मास्क सबसे छोटे कणों आकार (0.3 माइक्रोन) को 23 प्रतिशत तक फ़िल्टर कर सकते हैं, ऐसे में वायरस के प्रवेश का खतरा बना रहता है। इसकी तुलना में सर्जिकल मास्क 42-88 प्रतिशत छोटे कणों के बीच फ़िल्टर कर सकते हैं। KN95 और N95 मास्क को वैज्ञानिक सबसे अच्छा मानते हैं, इसकी फिल्टरेशन क्षमता 83-99 प्रतिशत मानी जाती है।
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स्रोत और संदर्भ:
Aerosol Filtration Testing of Fabrics for Development of Reusable Face Masks
अस्वीकरण नोट: यह लेख जर्नल एरोसोल एंड एयर क्वालिटी रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन के आधार पर तैयार किया गया है। लेख में शामिल सूचना व तथ्य आपकी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए साझा किए गए हैं। ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।