Dark Chocolate For Liver Health: डॉर्क चॉकलेट एक बेहद स्वादिष्ट चॉकलेट है, जिसे आमतौर पर बहुत कम लोग पसंद करते हैं। बहुत से लोगों के मन में एक आम धारणा है कि डॉर्क चॉकलेट मूड अच्छा करने में मदद करती है, लेकिन शोध बताते हैं कि इसके अलावा भी डॉर्क चॉकलेट के कई फायदे हैं। इनमें एक सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह हमारे लिवर के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।
Fatty Liver: क्या फैटी लिवर के जोखिम को कम कर सकता है डार्क चॉकलेट, जानें क्या कहते हैं शोध?
डार्क चॉकलेट को अक्सर लोग उसके खास स्वाद के लिए खाते हैं, लेकिन ये बहुत कम लोगों को मालूम है कि ये हमारे लिवर के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है। कई शोध ये बताते हैं कि डार्क चॉकलेट फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी के जोखिम को कम कर सकती है।
Please wait...
क्या कहते हैं शोध और अध्ययन?
कई स्टडी में डार्क चॉकलेट और लिवर स्वास्थ्य के बीच सकारात्मक संबंध का जिक्र किया है। एक शोध में पाया गया कि जिन लोगों ने सीमित मात्रा में हाई-कोको वाली डार्क चॉकलेट का सेवन किया, उनके लिवर एंजाइम (जैसे ALT) के स्तर में सुधार देखा गया।
बता दें कि बढ़े हुए लिवर एंजाइम लिवर डैमेज होने का संकेत होते हैं। इसके अलावा अध्ययनों ने यह भी पाया गया है कि डार्क चॉकलेट के सेवन से शरीर में सूजन में कमी आती है, जो सीधे तौर पर लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
ये भी पढ़ें- Heart Health: क्या सिर्फ पुरुषों को ही होती है दिल की बीमारी? जानिए हृदय स्वास्थ्य को लेकर फैले ऐसे ही कुछ मिथ्स
कैसे काम करती है डार्क चॉकलेट?
डार्क चॉकलेट के फायदों का मुख्य स्रोत उसमें मौजूद 'फ्लेवनॉल्स' नामक बायोएक्टिव कंपाउंड हैं, जो कई तरीकों से काम करते हैं। सबसे पहले, ये शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट के रूप में शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स को बेअसर करते हैं, जिससे लिवर की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव डैमेज से सुरक्षा मिलती है।
इसके साथ ही, ये कंपाउंड शरीर में सूजन पैदा करने वाले मार्गों को बाधित करते हैं, जिससे लिवर की सूजन में कमी आती है। इसके अलावा कुछ शोध यह भी बताते हैं कि डार्क चॉकलेट इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बना सकती है, जो फैटी लीवर के एक मुख्य कारण को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
कौन सी डार्क चॉकलेट है फायदेमंद?
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सभी प्रकार की चॉकलेट फायदेमंद नहीं होतीं। लिवर के स्वास्थ्य के लिए, ऐसी डार्क चॉकलेट चुनना अनिवार्य है जिसमें 70% या उससे अधिक कोको हो। कोको की मात्रा जितनी अधिक होगी, उसमें फ्लेवनॉल्स की मात्रा उतनी ही अधिक और चीनी की मात्रा उतनी ही कम होगी।
मिल्क चॉकलेट या अत्यधिक चीनी, दूध और अनहेल्दी फैट वाली चॉकलेट खाने से बचना चाहिए, क्योंकि ये लिवर के लिए फायदे के बजाय नुकसानदायक हो सकती हैं।
संतुलित मात्रा है सबसे जरूरी
एक्सपर्ट्स के मुताबिक डार्क चॉकलेट के फायदे तभी मिलते हैं जब इसका सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए। डॉर्क चॉकलेट में अधिक कैलोरी होती है, इसलिए इसका अधिक सेवन वजन बढ़ा सकता है, जो फैटी लीवर की समस्या को और खराब कर सकता है। विशेषज्ञ आमतौर पर दिन में 20-30 ग्राम (कुछ छोटे टुकड़े) डार्क चॉकलेट खाने की सलाह देते हैं।
इलाज नहीं है डार्क चॉकलेट
इसे किसी जादुई इलाज के रूप में नहीं, बल्कि संतुलित आहार के हिस्से के रूप में अपनाना चाहिए। यदि आपको लिवर से संबंधित कोई समस्या है, तो अपनी डाइट में कोई भी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा है।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।