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Glaucoma Awareness Month: अंधेपन का कारण बन सकती है ये बीमारी, सावधान- कहीं आप में भी तो नहीं हैं ऐसे लक्षण?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Tue, 02 Jan 2024 07:30 PM IST
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ग्लूकोमा से बचाव करें - फोटो : iStock

आंखें ईश्वर का वरदान हैं, इन्हीं की मदद से हम दुनिया के खूबसूरत नजारे ले पाते हैं। हालांकि दुर्भाग्यवश भारत में अनुमानित 4.95 मिलियन (49.5 लाख) से अधिक लोग अंधेपन का शिकार हैं, इनमें बच्चे भी शामिल हैं। दिनचर्या-आहार में गड़बड़ी के कारण समय के साथ इसका खतरा और भी बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को आंखों की गंभीरता से देखभाल करनी चाहिए। इसके लिए पौष्टिक आहार का सेवन, आंखों को चोट से बचाने के साथ दिनचर्या में कुछ बदलाव भी आवश्यक हैं।



दुनियाभर में बढ़ती आंखों की समस्या और अंधेपन का एक कारण ग्लूकोमा को माना जाता है। ग्लूकोमा, आंखों की बीमारियों का एक समूह है जो ऑप्टिक नर्व नामक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाकर दृष्टि हानि और अंधापन का कारण बन सकती है। तेजी से बढ़ती इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साल के पहले महीने, जनवरी को 'ग्लूकोमा अवेयरनेस मंथ' के रूप में मनाया जाता है।

आइए इस गंभीर समस्या के बारे में सरलता से समझते हैं।

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आंखों में होने वाली समस्या - फोटो : pexels

कहीं आपको भी तो नहीं हो रही हैं ऐसी समस्याएं?

ग्लूकोमा का खतरा बढ़ता जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इसके लक्षण इतने धीरे-धीरे शुरू हो सकते हैं कि अक्सर लोग उन पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। आपको ग्लूकोमा है या नहीं, इसका पता लगाने का एक मात्र उपाय समय-समय पर आंखों की जांच कराते रहना है। हालांकि कुछ संकेत हैं जिनपर ध्यान देकर आप खतरे को पहचान सकते हैं। अगर आपको भी इस तरह की दिक्कतें हो रही हैं तो सावधान हो जाइए।

  • धीरे-धीरे आपकी दृष्टि में हर जगह धब्बे दिखाई देने लगते हैं। 
  • चीजों को देखने में कठिनाई होती है, अधिक जोर लगाने की जरूरत हो सकती है।
  • अक्सर सिरदर्द- आंखों में तेज दर्द रहना।
  • दर्द के साथ मतली या उल्टी जैसा लगना।
  • धुंधली दृष्टि।
  • रोशनी के चारों रंगीन छल्ले नजर आना।
  • आंखों का अक्सर लाल रहना।
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ग्लूकोमा का खतरा और बचाव - फोटो : istock

लक्षण दिखते ही तुरंत कराएं जांच

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, यदि आप इनमें से दो-तीन लक्षणों का अनुभव करते हैं यथाशीघ्र उपचार की आवश्यकता है। किसी नेत्र चिकित्सक से मिलकर आंखों की जांच कराएं। मोतियाबिंद और आंखों की कुछ और बीमारियों में भी इस तरह की दिक्कत हो सकती है, इसलिए समय पर जांच और उपचार शुरू करना आवश्यक हो जाता है।

इसके अलावा आंखों को स्वस्थ रखने और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों के खतरे को कम करने के लिए आहार और दिनचर्या में बदलाव बहुत आवश्यक है।

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आहार की पौष्टिकता का रखें ध्यान - फोटो : istock

आहार में बढ़ाएं पौष्टिक चीजों की मात्रा

डॉक्टर बताते हैं स्वस्थ और पौष्टिक चीजों का सेवन आपको ग्लूकोमा और आंखों की अन्य बीमारियों से बचाने में सहायक हो सकता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड वाली चीजें ग्लूकोमा के रोगियों के लिए फायदेमंद होती हैं क्योंकि ये इंट्राओकुलर आंखों पर पड़ रहे दबाव को कम करने, नेत्र में रक्त प्रवाह को बढ़ाने और ऑप्टिक न्यूरोप्रोटेक्टिव फंक्शन में सुधार करने में सहायक हैं।

ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों में वसायुक्त मछली, अंडे, नट्स और सीड्स शामिल होते हैं। इसके अलावा आहार में विटामिन-ए वाली चीजों को भी शामिल करें।

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स्क्रीन टाइम बढ़ने से होने वाले नुकसान - फोटो : istock

लाइफस्टाइल में ये बदलाव जरूरी

संतुलित आहार तो ग्लूकोमा के प्रबंधन में लाभ प्रदान करता ही है साथ ही आपको दिनचर्या में भी सुधार करने की जरूरत है। इसके लिए नियमित व्यायाम करें, धूम्रपान से बिल्कुल दूरी बनाएं और वजन को कंट्रोल में रखना भी जरूरी है। आंखों की सेहत में सुधार के लिए स्क्रीन टाइम को कम करना बहुत आवश्यक है। मोबाइल-कंप्यूटर से निकलने वाली नीली रोशनी से आंखों की समस्याओं के बढ़ने का खतरा रहता है।



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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

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