Superfoods For Boosting Kids Memory: हर माता-पिता की इच्छा होती है कि उनके बच्चे का दिमागी विकास तेजी से हो और उसकी याददाश्त व एकाग्रता उत्कृष्ट हो। इसके लिए अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ सही पोषण की भी जरूरत होती है। बच्चों का मस्तिष्क उनके शुरुआती वर्षों में तेजी से विकसित होता है, और इस दौरान उन्हें विशिष्ट पोषक तत्वों की जरूरत होती है। कुछ खास चीजों को बच्चों के डाइट में शामिल करके आप इन पोषक तत्वों की कमी को दूर कर सकते हैं।
Health Tips: अपने बच्चों को आज से ही खिलाना शुरू कर दें ये चार चीजें, आइंस्टीन जैसा चलने लगेगा दिमाग
बच्चों के दिमाग को लेकर अक्सर माता पिता के मन में कई सवाल होते हैं। अधिकतर लोगों में एक बड़ा सवाल ये रहता है कि क्या खिलाने से बच्चों का दिमाग तेज हो सकता है। आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं कि क्या खाने से बच्चों का दिमाग तेज हो सकता है।
अंडे
अंडे को अक्सर 'सुपर फूड' कहा जाता है। इसमें प्रोटीन और कोलीन प्रचुर मात्रा में होता है। कोलीन दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर एसिटाइलकोलाइन के निर्माण के लिए अत्यंत आवश्यक है, जो याददाश्त और एकाग्रता के लिए महत्वपूर्ण है।
रोजाना बच्चों को एक अंडा खिलाने से उनके दिमाग का विकास तेजी से होता है और सूचनाओं को समझने की उनकी क्षमता बढ़ती है, जिससे वे स्कूल में बेहतर प्रदर्शन कर पाते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं तो आप अंडे के बजाय कद्दू का बीज, अलसी का बीज या चिया सीड्स दे सकते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां (जैसे पालक और केल) केवल शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि दिमाग के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। ये विटामिन के, फोलेट और शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स से भरी होती हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स मस्तिष्क की कोशिकाओं को तनाव और क्षति से बचाते हैं, जिससे उनकी कार्यक्षमता लंबे समय तक बेहतर बनी रहती है।
फोलेट नई मस्तिष्क कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है। अगर आपके बच्चे को हरी सब्जियां नहीं पसंद हैं तो, स्मूदी या पराठे में छिपाकर बच्चों को खिलाया जा सकता है।
ये भी पढ़ें- Health Alert: कमर पर बढ़ते फैट के साथ बढ़ जाता है बांझपन का खतरा, आप भी हो जाएं अलर्ट
दही
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स ('अच्छे बैक्टीरिया') आंतों के स्वास्थ्य को सीधा दिमाग से जोड़ते हैं, जिसे 'गट-ब्रेन एक्सिस' कहते हैं। एक स्वस्थ आंत सीधे तौर पर बच्चों के मूड, तनाव प्रबंधन और संज्ञानात्मक विकास को बेहतर बनाती है। दही में प्रोटीन और विटामिन डी भी होता है।
बच्चों को मीठी दही की जगह छाछ या फलों के साथ सादी दही खिलाना सबसे अधिक फायदेमंद होता है। कोशिश करें कि बच्चों को रोज एक छोटी कटोरी दही खिला दें। अगर बच्चा लैक्टोज इंटॉलरेंस है तो दही के बजाय अन्य फायदेमंद चीजें खिलाएं।
नट्स
बादाम और अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड, हेल्दी फैट और विटामिन ई का सबसे अच्छे स्रोत में से एक हैं। ओमेगा-3 दिमागी कोशिकाओं की संरचना के लिए बिल्डिंग ब्लॉक का काम करता है, जबकि विटामिन ई याददाश्त को बढ़ाता है। रोज सुबह भीगे हुए बादाम और अखरोट खिलाने से उनके मस्तिष्क का विकास तेजी से होता है और ये नट्स उनकी एकाग्रता और सीखने की क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
इसके अलावा दिमाग को तेज बनाने के लिए आप बच्चों को संतुलित आहार दें, साथ ही बच्चों को आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें। स्क्रीन टाइम को दिनभर में 1 घंटे से अधिक न रहने दें। बच्चों के साथ खुद एक हेल्दी संबंध बनाएं, जिसमें बच्चे आपसे शेयर कर सकें कि उनके दिमाग में क्या चल रहा है और आप ये उसे सही गलत चीजों में अंतर समझा सकें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।