Air Pollution And Fertility: दिल्ली-एनसीआर के अधिकतर जगहों पर इन दिनों एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार है। एक स्टडी के मुताबिक ऐसे प्रदूषित शहरों में रहने वाले लोगों के लिए वायु प्रदूषण अब केवल श्वसन तंत्र या हृदय रोग तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि यह प्रजनन क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित कर रहा है।
Health Tips: वायु प्रदूषण कैसे आपके फर्टिलिटी को कर रहा है प्रभावित, ये सावधानियां कम कर सकती हैं इसका जोखिम
Pollution Effects on Reproductive Health: हमारे देश के कई हिस्सों में इन दिनों वायु प्रदूषण अपने चरम पर है। दिल्ली के कई जगहों पर AQI 450 से अधिक है। इसका असर पुरुषों और महिलाओं दोनों के फर्टिलिटी पर भी पड़ रहा है। आइए इस लेख में जानते हैं कि ऐसी स्थिति में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
पुरुषों में शुक्राणु और हार्मोन पर असर
वायु प्रदूषण पुरुषों में शुक्राणुओं की गुणवत्ता को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। जैसे कण शरीर में पहुंचकर ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा करते हैं। यह तनाव शुक्राणुओं के को क्षतिग्रस्त करता है, उनकी गतिशीलता को धीमा करता है और उनकी संख्या कम करता है। इसके अलावा प्रदूषण टेस्टोस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन के उत्पादन को भी बाधित कर सकता है, जिससे फर्टिलिटी दर घट जाती है।
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महिलाओं में ओवुलेशन और गर्भधारण का जोखिम
महिलाओं में भी वायु प्रदूषण से फर्टिलिटी प्रभावित होती है। प्रदूषण ओवुलेशन की प्रक्रिया को अनियमित कर सकता है और मासिक धर्म चक्र को बिगाड़ता है। एक शोध के अनुसार अधिक प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में अंडों की गुणवत्ता कम हो सकती है। गंभीर मामलों में यह गर्भपात या प्री-टर्म डिलीवरी के जोखिम को भी बढ़ाता है।
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जरूर बरतें ये सावधानियां
प्रदूषण से फर्टिलिटी को बचाने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा सबसे जरूरी है। उच्च प्रदूषण वाले दिनों में घर के अंदर रहें। घर के बाहर निकलने पर हमेशा N95 या N99 मास्क पहनें। घर के अंदर की हवा को शुद्ध रखने के लिए HEPA फिल्टर वाले एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। घर में धूपबत्ती या मच्छर कॉइल जलाने से बचें, जो इनडोर प्रदूषण बढ़ाते हैं।
अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट (जैसे विटामिन C, विटामिन E, और ओमेगा-3) से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें। अखरोट, बादाम, और खट्टे फल खाएं। धूम्रपान और शराब का सेवन तुरंत बंद कर दें, क्योंकि ये प्रदूषण के साथ मिलकर फर्टिलिटी को दोहरा नुकसान पहुंचाते हैं। नियमित व्यायाम और तनाव प्रबंधन (योग) हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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