Medically Reviewed by Dr. Parvesh Malik
शरीर के सभी अंगों के ठीक से काम करने के लिए हीमोग्लोबिन बहुत जरूरी है, लेकिन जब शरीर को प्रोटीन, विटामिन और खनिज पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते हैं तो हीमोग्लोबिन की कमी हो जाती है। यह एक सामान्य समस्या है। कई मामलों में तो बच्चे या फिर वयस्क भी कुपोषण का शिकार हो जाते हैं। गर्भवती महिलाओं में यह स्थिति बेहद ही गंभीर हो सकती है। अगर शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी हो जाए तो खून की कमी भी होने लगती है, जिसे एनीमिया कहा जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर संतुलित आहार लिया जाए तो हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ सकता है। हीमोग्लोबिन की कमी से बचाव के लिए आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को भोजन में अधिक लेना चाहिए और साथ ही विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन भी करना चाहिए। आइए जानते हैं शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण और इस कमी को दूर करने के कुछ उपायों के बारे में...
सलाह: इन उपायों से दूर करें शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी, लक्षणों को न करें नजरअंदाज
हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण
- सिर दर्द
- सांस फूलना
- चक्कर आना, घबराहट
- चिड़चिड़ापन, थकान, कमजोरी
- ध्यान लगाने में कमी होना
- हाथ पैर ठंडे होना
हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाली गंभीर बीमारियां
- एनीमिया
- किडनी और लिवर संबंधी बीमारियां
- दिल से जुड़ी बीमारियां
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए आहार
- पालक और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें
- अनार, चुकंदर, केला, गाजर, अमरूद, सेब, अंगूर, संतरा, टमाटर का सेवन करें
- गुड़ खाएं या गुड़ की चाय पिएं
- खजूर, बादाम और किशमिश खाएं
- बादाम वाला दूध पिएं
- अंडा, चिकन या मछली भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मदद करते हैं
इन उपायों से भी बढ़ाएं हीमोग्लोबिन
- खानपान के साथ ही योग और व्यायाम भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने में मददगार होते हैं। इसलिए नियमित रूप से पैदल चलना, जॉगिंग या रनिंग करना और स्वीमिंग करने जैसी आदतें अपनाएं। इसके अलावा जितना हो सके चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स और शराब कम पीने की कोशिश करें या इस चीजों से बिल्कुल परहेज करें।
नोट: डॉ. परवेश मलिक एक फिजिशियन हैं और वर्तमान में पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में कार्यरत हैं। डॉ. मलिक ने हरियाणा के महर्षि मार्कंडेश्वर इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड रिसर्च मुल्लाना, से अपना एबीबीएस पूरा किया है। इन्होंने जनरल मेडिसिन में एमडी भी किया। पानीपत के उजाला सिग्नस महाराजा अग्रसेन अस्पताल में काम करने से पहले डॉ. परवेश ने एम.एम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च महर्षि मार्कंडेश्वर यूनिवर्सिटी में जूनियर रेजिडेंट के तौर पर काम किया है।
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