जनवरी का महीना कड़ाके की सर्दी और घने कुहरे वाला होता है, पर इस बार अब तक अपेक्षाकृत ठंड कम है। हालांकि पूर्वानुमानों के मुताबिक आने वाले दिनों में तापमान में गिरावट आ सकती है। सर्दियों का मौसम खान-पान और तमाम प्रकार के व्यंजनों के शौकीन लोगों के लिए काफी आनंददायक होता है, पर तापमान में गिरावट कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली भी हो सकती है।
Winter Health: ब्लड प्रेशर से लेकर डायबिटीज रोगियों तक, बढ़ती ठंडक पैदा कर सकती है गंभीर समस्याएं
सर्दी-जुकाम और फ्लू की समस्या
तापमान में गिरावट के साथ सर्दी-जुकाम की समस्या होना काफी सामान्य है। ये अलग-अलग वायरस के कारण हो सकती है, राइनोवायरस सर्दी का सबसे आम कारण है। सर्दी के मौसम में सूर्य की रोशनी से मिलने वाले विटामिन डी का अवशोषण भी कम हो जाता है, इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है। ये आपको इन बीमारियों के प्रति और भी संवेदनशील बना देती है।
इन समस्याओं से बचाव के लिए जरूरी है कि आप ठंड से बचने के लिए पर्याप्त उपाय करें।
बढ़ सकता है ब्लड प्रेशर
सर्दी के दिनों में रक्तचाप बढ़ने की समस्या भी अधिक देखी जाती रही है, आमतौर पर सर्दियों में ब्लड प्रेशर अधिक और गर्मियों में लो होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कम तापमान के कारण रक्त वाहिकाएं अस्थायी रूप से संकीर्ण हो जाती हैं, इससे रक्तचाप बढ़ जाता है। संकुचित नसों और धमनियों के माध्यम से रक्त को प्रवाहित करने के लिए अधिक दबाव की आवश्यकता होती है, इसका हृदय की सेहत पर भी असर पड़ सकता है।
यही कारण है कि इस मौसम में हार्ट अटैक के मामले भी अधिक रिपोर्ट किए जाते हैं।
डायबिटीज रोगियों की बढ़ सकती हैं समस्या
सर्दियों का मौसम सिर्फ ब्लड प्रेशर ही नहीं, मधुमेह की समस्या वाले लोगों के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। डायबिटीज से पीड़ित कई लोगों में जैसे-जैसे तापमान गिरता है, रक्त शर्करा बढ़ जाती है। ठंडा तापमान आपके शरीर में तनाव बढ़ाता है जिसके प्रतिक्रिया में, आपका शरीर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कोर्टिसोल जैसे स्ट्रेस हार्मोन जारी करता है। ये हार्मोन इंसुलिन उत्पादन को कम करते हैं परिणामस्वरूप, आपके रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है।
ब्लड शुगर बढ़ने की स्थिति किडनी, लिवर, हार्ट जैसे अंगों के लिए भी समस्याकारक हो सकती है। इसे कंट्रोल में रखने के लिए शरीर को ठंड से बचाएं और दवाओं के साथ समय-समय पर डॉक्टरी सलाह लेते रहें।
अस्थमा और सांस की बीमारियां
अस्थमा या सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए सर्दी का मौसम साल का सबसे कठिन समय हो सकता है। ठंडी, शुष्क हवा और मौसम में अचानक बदलाव से आपके वायुमार्ग में जलन की समस्या बढ़ने लगती है, जिससे अधिक बलगम पैदा होने लगता है। ये सांस की जटिलताओं को बढ़ाने वाली स्थिति हो सकती है, जिसके कारण अस्थमा के ट्रिगर होने या अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
सर्दी के दिनों में निमोनिया जैसी सांस की बीमारियों के मामले भी अधिक रिपोर्ट किए जाते रहे हैं।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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