सब्सक्राइब करें

ICMR Report: भारतीय महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा ये खतरनाक कैंसर, कहीं आप भी न हो जाएं शिकार?

हेल्थ डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: अभिलाष श्रीवास्तव Updated Sun, 21 Dec 2025 06:20 PM IST
सार

  • आईसीएमआर ने एक हालिया अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को होने वाले तीन प्रमुख कैंसर में से एक है।
  • 50 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका तीन गुना अधिक थी

विज्ञापन
ICMR reveals breast cancer is a leading cancer type among Indian women know its causes
भारतीय महिलाओं में बढ़ता कैंसर - फोटो : Adobe stock photos

Cancer In India: कैंसर वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। साल 2024 में भारत में कैंसर के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई। अनुमान के मुताबिक इस साल लगभग 1.53 मिलियन (15 लाख से अधिक) नए मामले सामने आए। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर कैंसर के बढ़ने की गति ऐसे ही जारी रहती है तो साल 2050 तक इस जानलेवा बीमारी का बोझ काफी अधिक हो सकता है।



अध्ययनों में बदलती जीवनशैली, पर्यावरणीय बदलाव और खानपान की आदतों को कैंसर का खतरा बढ़ाने वाला पाया गया है। पहले जहां कैंसर अधिकतर बुजुर्गों में देखा जाता था, वहीं अब युवा और मध्यम आयु वर्ग के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है किभारत में किन कैंसर के मामले सबसे अधिक रिपोर्ट किए जा रहे हैं?

इस संबंध में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की हालिया रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है।

Trending Videos
ICMR reveals breast cancer is a leading cancer type among Indian women know its causes
ब्रेस्ट कैंसर का खतरा - फोटो : Freepik.com

भारतीय महिलाओं में बढ़ता ब्रेस्ट कैंसर का खतरा

आईसीएमआर ने एक हालिया अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को होने वाले तीन प्रमुख कैंसर में से एक है। टीम ने कैंसर को लेकर किए गए 31 अध्ययनों की समीक्षा की जिसमें 27,925 प्रतिभागी शामिल थे। इनमें से 45 प्रतिशत को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था।

अध्ययन में पाया गया कि प्रजनन का समय, हार्मोनल एक्सपोजर, पेट पर बढ़ती चर्बी और कैंसर की फैमिली हिस्ट्री जैसे कारक मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिमों को बढ़ाते जा रहे हैं, जिसको लेकर विशेष सावधानी और बचाव की आवश्यकता है।

विज्ञापन
विज्ञापन
ICMR reveals breast cancer is a leading cancer type among Indian women know its causes
भारतीय महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले - फोटो : Freepik.com

आईसीएमआर के अध्ययन में क्या पता चला?

आईसीएमआर के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने लिखा, "जिन महिलाओं को देर से मेनोपॉज होता है (50 साल से अधिक उम्र में), 30 की उम्र के बाद पहली प्रेग्नेंसी, शादी के समय अधिक उम्र होना, कई बार अबॉर्शन और पेट पर चर्बी अधिक होना (कमर और कूल्हे का अनुपात 85 सेंटीमीटर से ज्यादा) होता है, उनमें भविष्य में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।

विशेषज्ञों की टीम ने पाया कि 50 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका तीन गुना अधिक थी, जबकि 35-50 साल की उम्र की महिलाओं में यह खतरा 1.63 प्रतिशत अधिक देखा गया।

ICMR reveals breast cancer is a leading cancer type among Indian women know its causes
बेली फैट और कैंसर का जोखिम - फोटो : Adobe stock

बेली फैट और मोटापा बड़ा खतरा

शोधकर्ताओं ने कहा, भारतीय लोगों में बेली फैट की समस्या का प्रतिशत अधिक है। यह उन कारणों में से एक है जिसकी वजह से भारत में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है। मोटापा और बेली फैट तो खतरनाक है ही, इसके साथ-साथ लो बीएमआई को भी कैंसर के संभावित खतरे के पीछ की वजह पाया गया है। मसलन अगर आपको कैंसर से बचे रहना है कि शरीर के वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है साथ ही इस बात पर भी ध्यान देने चाहिए कि आपके पेट पर चर्बी न बनने पाए।

महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर भी चिंता का विषय है। यह कैंसर मुख्य रूप से एचपीवी संक्रमण और नियमित जांच की कमी से जुड़ा हुआ है। समय पर स्क्रीनिंग और टीकाकरण से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इसके कई मामले देर से सामने आते हैं।

विज्ञापन
ICMR reveals breast cancer is a leading cancer type among Indian women know its causes
कैंसर से बचाव के लिए क्या करें? - फोटो : Adobe stock photos

कैंसर से बचे रहने के लिए क्या करें?

अध्ययनकर्ताओं ने कहा, चूंकि कम उम्र के लोग भी कैंसर की चपेट में आ रहे हैं, 20 से कम उम्र की लड़कियों में भी जोखिम देखे जा रहे हैं इसलिए जरूरी है कि कैंसर से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर से बचे रहने के लिए जल्दी गर्भधारण प्लान करना, शराब-धूम्रपान से बचाव, वजन कंट्रोल रखना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और बच्चे के जन्म के बाद कई महीनों तक ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी है। 

प्रदूषण से बचाव, प्लास्टिक का कम संपर्क और फैमिली हिस्ट्री का ध्यान में रखते हुए जांच कराते रहना भी कैंसर के खतरे को कम करने में  मददगार हो सकते हैं।




---------------------
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

विज्ञापन
अगली फोटो गैलरी देखें

सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें  लाइफ़ स्टाइल से संबंधित समाचार (Lifestyle News in Hindi), लाइफ़स्टाइल जगत (Lifestyle section) की अन्य खबरें जैसे हेल्थ एंड फिटनेस न्यूज़ (Health  and fitness news), लाइव फैशन न्यूज़, (live fashion news) लेटेस्ट फूड न्यूज़ इन हिंदी, (latest food news) रिलेशनशिप न्यूज़ (relationship news in Hindi) और यात्रा (travel news in Hindi)  आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़ (Hindi News)।  

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed