Cancer In India: कैंसर वैश्विक स्तर पर बढ़ती गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती है। भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। साल 2024 में भारत में कैंसर के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई। अनुमान के मुताबिक इस साल लगभग 1.53 मिलियन (15 लाख से अधिक) नए मामले सामने आए। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर कैंसर के बढ़ने की गति ऐसे ही जारी रहती है तो साल 2050 तक इस जानलेवा बीमारी का बोझ काफी अधिक हो सकता है।
ICMR Report: भारतीय महिलाओं में तेजी से बढ़ रहा ये खतरनाक कैंसर, कहीं आप भी न हो जाएं शिकार?
- आईसीएमआर ने एक हालिया अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को होने वाले तीन प्रमुख कैंसर में से एक है।
- 50 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका तीन गुना अधिक थी
भारतीय महिलाओं में बढ़ता ब्रेस्ट कैंसर का खतरा
आईसीएमआर ने एक हालिया अध्ययन में इस बात की पुष्टि की है कि ब्रेस्ट कैंसर भारत में महिलाओं को होने वाले तीन प्रमुख कैंसर में से एक है। टीम ने कैंसर को लेकर किए गए 31 अध्ययनों की समीक्षा की जिसमें 27,925 प्रतिभागी शामिल थे। इनमें से 45 प्रतिशत को ब्रेस्ट कैंसर का पता चला था।
अध्ययन में पाया गया कि प्रजनन का समय, हार्मोनल एक्सपोजर, पेट पर बढ़ती चर्बी और कैंसर की फैमिली हिस्ट्री जैसे कारक मुख्य रूप से भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के जोखिमों को बढ़ाते जा रहे हैं, जिसको लेकर विशेष सावधानी और बचाव की आवश्यकता है।
आईसीएमआर के अध्ययन में क्या पता चला?
आईसीएमआर के नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इन्फॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च, बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने लिखा, "जिन महिलाओं को देर से मेनोपॉज होता है (50 साल से अधिक उम्र में), 30 की उम्र के बाद पहली प्रेग्नेंसी, शादी के समय अधिक उम्र होना, कई बार अबॉर्शन और पेट पर चर्बी अधिक होना (कमर और कूल्हे का अनुपात 85 सेंटीमीटर से ज्यादा) होता है, उनमें भविष्य में कैंसर होने का खतरा अधिक होता है।
विशेषज्ञों की टीम ने पाया कि 50 से ज्यादा उम्र की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर होने की आशंका तीन गुना अधिक थी, जबकि 35-50 साल की उम्र की महिलाओं में यह खतरा 1.63 प्रतिशत अधिक देखा गया।
बेली फैट और मोटापा बड़ा खतरा
शोधकर्ताओं ने कहा, भारतीय लोगों में बेली फैट की समस्या का प्रतिशत अधिक है। यह उन कारणों में से एक है जिसकी वजह से भारत में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ा है। मोटापा और बेली फैट तो खतरनाक है ही, इसके साथ-साथ लो बीएमआई को भी कैंसर के संभावित खतरे के पीछ की वजह पाया गया है। मसलन अगर आपको कैंसर से बचे रहना है कि शरीर के वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है साथ ही इस बात पर भी ध्यान देने चाहिए कि आपके पेट पर चर्बी न बनने पाए।
महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर भी चिंता का विषय है। यह कैंसर मुख्य रूप से एचपीवी संक्रमण और नियमित जांच की कमी से जुड़ा हुआ है। समय पर स्क्रीनिंग और टीकाकरण से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है, लेकिन जागरूकता की कमी के कारण इसके कई मामले देर से सामने आते हैं।
कैंसर से बचे रहने के लिए क्या करें?
अध्ययनकर्ताओं ने कहा, चूंकि कम उम्र के लोग भी कैंसर की चपेट में आ रहे हैं, 20 से कम उम्र की लड़कियों में भी जोखिम देखे जा रहे हैं इसलिए जरूरी है कि कैंसर से बचाव को लेकर विशेष सावधानी बरती जाए। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर से बचे रहने के लिए जल्दी गर्भधारण प्लान करना, शराब-धूम्रपान से बचाव, वजन कंट्रोल रखना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और बच्चे के जन्म के बाद कई महीनों तक ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी है।
प्रदूषण से बचाव, प्लास्टिक का कम संपर्क और फैमिली हिस्ट्री का ध्यान में रखते हुए जांच कराते रहना भी कैंसर के खतरे को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
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