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पिछली जेब में बटुआ रखना पड़ सकता है भारी, हो सकती है यह गंभीर बीमारी

लाइफस्टाइल डेस्क, अमर उजाला Updated Thu, 19 Apr 2018 08:43 AM IST
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know how putting purse in your back pocket can lead you in trouble
अगर आप भी अपना पर्स रखने के लिए अपनी पैंट की पीछे वाली जेब का इस्तेमाल करते हैं तो अपनी इस आदत को तुरंत बदल डाले। जी हां आपकी यह आदत आपको मुसीबत में डाल सकती हैं। जिसकी वजह से आपका चलना फिरना तक दूभर हो जाएगा।


अगली स्लाइड में जानिए पर्स पीछे रखने से कौन सी खतरनाक बीमारी होती है । 
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मैक्स अस्पताल की डॉक्टर रजनी बताती हैं कि लोग अक्सर अपनी सहूलियत के लिए पर्स को पैंट के पीछे की पॉकेट में रख लेते है। लेकिन ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। डॉक्टर रजनी बताती हैं कि कई घंटो तक पर्स को पैंट के पीछे की जेब में रखकर बैठे रहने से पायरी फोर्मिस नाम की मसल्स के साथ साइटिका नाम की नस दबने लगती है जो हमारे कूल्हों से लेकर पैर तक की मूवमेंट तक को प्रभावित करती हैं। 
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डॉक्टर का कहना हैं कि पायरी फोर्मिस नाम की मसल्स के साथ साइटिका नाम की नस दबने से व्यक्ति को पैरों में असहनीय दर्द शुरू हो जाता है। इसमें मरीज को पैरों में तेज दर्द होने के साथ उसके पैर भी सुन पड़ जाते हैं और उसका चलना फिरना मुश्किल हो जाता है।डॉक्टर रजनी बताती हैं कि आज के समय में कई घंटे एक ही जगह बैठकर काम करने की वजह से ज्यादातर युवा लोग इस बीमारी से पीड़ित होते हैं।  
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मेंसहेल्थ में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के प्रोफ़ेसर ऑफ स्पाइन बायोमेकेनिक्स स्टुअर्ट मैकगिल ने बताया कि पीछे रखे पर्स के कार्ड, बिल और सिक्कों के गठ्ठर पर अगर आप कई घंटे बैठेंगे तो इससे हिप जॉइंट और कमर के निचले हिस्से में दर्द होने लगेगा। ये दिक्कत शुरू होती है सियाटिक नर्व के साथ, जो ठीक हिप जॉइंट के पीछे होती है। मोटा पर्स रखने की वजह से यही तंत्रिका बटुए और हिप के बीच में दबती है और मुसीबत खड़ी हो सकती है।
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दर्द से कैसे निपटने के उपाय
-घुटने मोड़ें और जमीन पर लेट जाएं। घुटने नीचे ले जाते वक़्त दायीं तरफ ले जाएं जबकि कंधे और हिप जमीन पर बनाए रखें और बायीं ओर ले जाएं। इससे आपको कमर के निचले हिस्से काफी आराम महसूस होगा।
- इसके अलावा जमीन पर लेट जाएं और घुटनों को छाती से लगा लें और पैरों का बाहरी हिस्सा पकड़ लें। कमर के ऊपरी हिस्से को आधार बनाकर रोल करें और आप देखेंगे कि पीठ का दर्द काफी हद तक ठीक हो रहा है।
-एक बार ये पायरी फोर्मिस सिंड्रोम नामक की बीमारी होने पर व्यक्ति को इसे ठीक करने के लिए फिजियोथेरेपी की सहयता लेनी पड़ती है। लेकिन अगर हालत ज्यादा बिगड़ जाएं तो सर्जरी ही इसका एक मात्र इलाज है।      
 

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