Heart Attack: हार्ट अटैक वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है, हर साल हृदयघात के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है। साल 2022 के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि हार्ट अटैक के कारण सालाना करीब दो करोड़ लोगों की मौत हो गई। इसका खतरा साल-दर साल बढ़ता ही जा रहा है। हाल के दिनों में आपने भी क्रिकेट खेलते-खेलते, ऑफिस में काम करते, बातचीत करते-करते हार्ट अटैक से मौत की खबरें सुनी-पढ़ी होंगी।
Heart Attack: बिना लक्षणों के भी हो सकता है हार्ट अटैक, किन लोगों में होता है इसका ज्यादा खतरा? यहां जानिए
- हार्ट अटैक की स्थिति में समय रहते लक्षणों की पहचान कर अगर रोगी को तुरंत सीपीआर दे दी जाए और आपात चिकित्सा उपलब्ध कर दी जाए तो उसका जान बचाई जा सकती है। पर क्या आप जानते हैं कि बड़ी संख्या में हार्ट अटैक के मामले बिना लक्षणों के भी हो सकते हैं?
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
मशहूर हार्ट सर्जन और माधुरी दीक्षित के पति डॉ. श्रीराम नेने ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में बताया कि हार्ट अटैक के 20 फीसदी मामले बिना किसी लक्षण के भी हो सकते हैं। हृदय के अचानक पंप करना बंद कर देने या फिर अनियमित और खतरनाक धड़कन की स्थिति हार्ट अटैक का कारण बन सकती है। इस तरह के हार्ट अटैक के मामले में व्यक्ति थोड़ा अस्वस्थ महसूस कर सकता है, बेहोश हो जाता है। निदान के दौरान हार्ट अटैक की पुष्टि हो सकती है।
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बिना किसी लक्षण के दिल का दौरा पड़ने को 'साइलेंट हार्ट अटैक' या साइलेंट मायोकार्डियल इंफार्क्शन कहा जाता है। महिलाओं या डायबिटीज के शिकार लोगों में इसका खतरा अधिक देखा जाता रहा है।
साइलेंट हार्ट अटैक में क्या दिक्कतें होती हैं?
हार्ट अटैक का नाम सुनते ही सीने में दर्द की समस्या होना सबसे आम माना जाता है, पर साइलेंट हार्ट अटैक में ये लक्षण भी नहीं होते हैं। साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण ऐसे होते हैं जिन्हें आप आमतौर पर हार्ट अटैक से जोड़कर नहीं देखते। आपको शायद पता ही न चले कि आपको हार्ट अटैक हुआ है।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण आपको ऐसा महसूस करा सकते हैं जैसे आपको फ्लू है। ऐसे मामलों में अक्सर रोगी बहुत थके हुए, अपच, सिर चकराने जैसी शिकायतें करते हैं।
आखिर साइलेंट हार्ट अटैक होता क्यों है?
अब सवाल ये है कि आखिर साइलेंट हार्ट अटैक क्यों होता है? इस बारे में स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, कोरोनरी आर्टरी डिजीज इस समस्या का मूल कारण है।
आमतौर पर हाई कोलेस्ट्रॉल के शिकार लोगों में ये खतरा अधिक रहता है। कोलेस्ट्रॉल आपकी कोरोनरी धमनियों में जमा हो जाती है, जिससे आपके हृदय की मांसपेशियों तक रक्त का संचार कम हो जाता है। ये रक्त के थक्के का खतरा भी बढ़ा देती है जिससे भी ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह रुक जाता है और इसके कारण हृदय की कोशिकाएं डेड होने लग जाती हैं।
कहीं आपको भी तो नहीं है इसका खतरा?
डॉक्टर बताते हैं, साइलेंट हार्ट अटैक के कई जोखिम कारक हो सकते हैं, अगर आपको भी इस तरह की कोई दिक्कत है तो सावधान हो जाइए।
अधिक वजन (बीएमआई या बॉडी मास इंडेक्स 25 या उससे अधिक होना) या नियमित शारीरिक गतिविधि न करना आपके लिए दिक्कतें बढ़ाने वाला हो सकता है। इसके अलावा यदि आपको उच्च रक्तचाप या हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या रहती है तो भी सावधान हो जाइए और डॉक्टर से सलाह जरूरी ले लें।
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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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