Vitamin D Symptoms: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर बंद कमरों और दफ्तरों में रहते हैं। ऐसे में एक बेहद जरूरी पोषक तत्व की कमी होने की आशंका बढ़ जाती है और वो है विटामिन डी। इसे कुछ लोग 'सनशाइन विटामिन' भी कहते हैं। यह विटामिन हमारे शरीर के लिए किसी वरदान से कम नहीं, क्योंकि यह हड्डियों, दांतों और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) के लिए बेहद जरूरी है।
Vitamin D Deficiency: 8 घंटे सोने के बाद भी दिनभर रहती है थकान, कहीं ये विटामिन डी की कमी का संकेत तो नहीं
Vitamin D Deficiency: क्या आप 8 घंटे सोने के बाद भी दिनभर थकान महसूस करते हैं? यह विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। आइए इस लेख में विटामिन डी के कमी के लक्षण के बारे में जानते हैं।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
विटामिन डी की कमी के कई लक्षण हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित करते हैं। पहला, लगातार थकान और कमजोरी, भले ही आप 8 घंटे सोए हों। दूसरा, हड्डियों और मांसपेशियों में दर्द, खासकर पीठ और जोड़ों में। तीसरा, बार-बार बीमार पड़ना, क्योंकि यह इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है।
चौथा, मूड स्विंग्स या अवसाद जैसी समस्या का सामना करना। पांचवां बालों का झड़ना और छठा, घावों का देर से ठीक होना। अगर किसी इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ये भी पढ़ें- Health Tips: पीरियड्स के दौरान दर्द कम करने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय, तुरंत मिलेगी राहत
कमी के कारण और जोखिम
विटामिन डी की कमी कई कारणों से हो सकती है। पर्याप्त धूप न मिलना इसका सबसे बड़ा कारण है, लेकिन गहरे रंग की त्वचा, मोटापा, और पाचन संबंधी समस्याएं भी इसकी वजह बन सकती हैं। बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और ऑफिस में लंबे समय तक रहने वाले लोग इस कमी के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।
लंबे समय तक विटामिन डी की कमी रहने से ऑस्टियोपोरोसिस, हृदय रोग और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इसकी सही मात्रा बनाए रखना बेहद जरूरी है।
ये भी पढ़ें- Diabetes: डायबिटीज में जरा सा घाव भी क्यों बन जाता है बड़ा खतरा? डॉक्टर से जानिए कैसे रुक जाता है शरीर में हीलिंग सिस्टम
विटामिन डी की कमी को दूर करने के उपाय
विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए पहला उपाय है रोजाना 15-30 मिनट सूरज की रोशनी लेना, खासकर सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच। दूसरा आहार में विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे फैटी मछली (सैल्मन, मैकेरल), अंडे की जर्दी, फोर्टिफाइड दूध और मशरूम, शामिल करें। तीसरा, डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। चौथा, नियमित व्यायाम और वजन नियंत्रण रखें, क्योंकि मोटापा विटामिन डी के अवशोषण को कम करता है।
विटामिन डी की कमी को रोकने के लिए नियमित रक्त जांच (25-हाइड्रॉक्सी विटामिन डी टेस्ट) करवाएं। अधिक सप्लीमेंट्स लेने से बचें, क्योंकि इससे सेहत पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। शाकाहारी लोग फोर्टिफाइड खाद्य या सप्लीमेंट्स पर ध्यान दें। स्वस्थ जीवनशैली, जिसमें संतुलित आहार, सूरज की रोशनी और व्यायाम शामिल करें, ये विटामिन डी की कमी को रोक सकता है। अगर लक्षण बने रहें, तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।